किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीनों कृषि कानूनों पर लगाई रोक:

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमलीकरण पर रोक
लगा दी है. अब अदालत द्वारा बनाई गई कमेटी पूरे विवाद को समझेगी और सुप्रीम
कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.तीनों कृषि कानून के अमल होने पर रोक सुप्रीम
कोर्ट ने कमेटी का गठन किया.कमेटी की रिपोर्ट आने तक रोक रहेगी।


केंद्र
सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक
लगा दी है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए
कानूनों पर रोक लगाई, साथ ही एक कमेटी का गठन कर दिया है. जो कि सरकार और
किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सर्वोच्च अदालत को
रिपोर्ट सौंपेगी.केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका
लंबे वक्त से विरोध हो रहा था. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में
किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा
पहुंचा.


मंगलवार की सुनवाई में किसानों की ओर से पहले कमेटी का विरोध
किया गया और कमेटी के सामने ना पेश होने को कहा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने
कड़ा रुख बरता और कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने
पेश होना होगा. ऐसे में अब कोई भी मुद्दा होगा, तो कमेटी के सामने उठाया
जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि कमेटी कोई मध्यस्थ्ता
कराने का काम नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी.
सुप्रीम कोर्ट
द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें कुल चार लोग शामिल होंगे,
जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी,
अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल घनवंत शामिल हैं. ये कमेटी अपनी
रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपेगी, जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती
है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी.


गौरतलब है कि बीते दिन
की सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अदालत में कृषि कानूनों के अमलीकरण
पर रोक लगाने पर आपत्ति जताई गई थी. साथ ही केंद्र ने कहा था कि ऐसा करना
ठीक नहीं होगा, अभी सरकार-किसानों में बातचीत हो रही है. हालांकि, अदालत ने
साफ किया था कि लंबे वक्त से कोई नतीजा नहीं निकला है, सरकार का रुख सही
नहीं हैं।


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमलीकरण पर रोक
लगा दी है. अब अदालत द्वारा बनाई गई कमेटी पूरे विवाद को समझेगी और सुप्रीम
कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.तीनों कृषि कानून के अमल होने पर रोक सुप्रीम
कोर्ट ने कमेटी का गठन किया.कमेटी की रिपोर्ट आने तक रोक रहेगी।


केंद्र
सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक
लगा दी है. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए
कानूनों पर रोक लगाई, साथ ही एक कमेटी का गठन कर दिया है. जो कि सरकार और
किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सर्वोच्च अदालत को
रिपोर्ट सौंपेगी.केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका
लंबे वक्त से विरोध हो रहा था. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में
किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा
पहुंचा.


मंगलवार की सुनवाई में किसानों की ओर से पहले कमेटी का विरोध
किया गया और कमेटी के सामने ना पेश होने को कहा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने
कड़ा रुख बरता और कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने
पेश होना होगा. ऐसे में अब कोई भी मुद्दा होगा, तो कमेटी के सामने उठाया
जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि कमेटी कोई मध्यस्थ्ता
कराने का काम नहीं करेगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी.
सुप्रीम कोर्ट
द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें कुल चार लोग शामिल होंगे,
जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी,
अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल घनवंत शामिल हैं. ये कमेटी अपनी
रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपेगी, जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती
है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी.


गौरतलब है कि बीते दिन
की सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अदालत में कृषि कानूनों के अमलीकरण
पर रोक लगाने पर आपत्ति जताई गई थी. साथ ही केंद्र ने कहा था कि ऐसा करना
ठीक नहीं होगा, अभी सरकार-किसानों में बातचीत हो रही है. हालांकि, अदालत ने
साफ किया था कि लंबे वक्त से कोई नतीजा नहीं निकला है, सरकार का रुख सही
नहीं हैं।


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