ठगी के मामले में एफआईआर,रिटायर्ड बैंक कर्मी हुआ शिकार:

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रायपुर। ठगी करने वाले इतने शातिर निकले कि रिटायर्ड बैंक कर्मी तक
उनके झांसे में आ गया और करीब ढाई लाख की चपत लगने के बाद जब ध्यान आया तब
पुलिस के पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। बीमा कंपनी के अफसर बताकर उनसे पैसे
लिए। पीएफ का पैसा पाने के फेर में बुजुर्ग व्यक्ति ने ठगों के बताये खातों
पर पैसा जमा करा दिया।
गुढिय़ारी थाना इलाके में एक बुजुर्ग ठगी का
शिकार हो गए। डिजिटल तरीके से ठगों ने इन्हें अपने जाल में इस कदर फसाया कि
कभी प्रोसेसिंग तो कभी टैक्सेशन के नाम पर इनसे छोटी-छोटी किश्तों में रकम
एैंठते रहे। खुद को बीमा कंपनी का अफसर और कर्मचारी बताकर ठगों ने इनसे
बात की और लगभग ढाई लाख रुपए लेने के बाद फरार हैं। गुढिय़ारी थाने में इस
मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब साइबर सेल की मदद से ठगों के
खाते और फोन नंबरों को ट्रेस कर उन्हें पकडऩे की कोशिश में है।


बुजुर्ग
ने जानकारी दी कि साल 2006 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से वो मुख्य प्रबंधक
के पद से रिटायर हुए हैं। ठग इतने शातिर थे कि बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए
इस रिटायर्ड अफसर को भी अपनी बातों में उलझा कर 2 लाख 58 हजार रुपए ठगने
में कामयाब हो गए। बुजुर्ग को 95400024735, 9891567145, 954030125 नंबर से
फोन आया । कॉल करने वालों ने खुद को बीमा एजेंसी का कर्मचारी और अधिकारी
बताया। इनसे कहा गया कि लगभग 13 लाख के आस-पास इनका पीएफ है जो इन्हें
भुगतान किया जाना है। पीएफ की राशि की बात सुनकर पेंशनधारी बुजुर्ग इनकी
बातों में आ गए।
ठगों ने इन्हें अपना नाम रोहन सिंह गढ़वाल, राजेंद्र
प्रसाद तिवारी और आरडी सेठी बताया। इनमें से कोई कर्मचारी बनकर बात करता तो
कोई कमिश्नर। पीएफ की रकम देने के नाम पर कभी प्रोसेसिंग, कभी रजिस्ट्रेशन
को कभी टैक्स के नाम पर रुपए मांगे शुरू किए गए। बातों-बातों में ठगों ने
बुजुर्ग को भरोसे में लेकर उनके खाते की डीटेल, पैन नंबर वगैरह ले लिए।
बातों में आकर ठगों के खातों में रुपए जमा करा दिए। अलग-अलग किश्तों में
कुल 2 लाख 58 हजार रुपए जमा कराए गए। मगर पीएफ की रकम बुजुर्ग को नहीं मिली
तो इन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद अब उन्होंने पुलिस से मदद मांगी है।



रायपुर। ठगी करने वाले इतने शातिर निकले कि रिटायर्ड बैंक कर्मी तक
उनके झांसे में आ गया और करीब ढाई लाख की चपत लगने के बाद जब ध्यान आया तब
पुलिस के पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। बीमा कंपनी के अफसर बताकर उनसे पैसे
लिए। पीएफ का पैसा पाने के फेर में बुजुर्ग व्यक्ति ने ठगों के बताये खातों
पर पैसा जमा करा दिया।
गुढिय़ारी थाना इलाके में एक बुजुर्ग ठगी का
शिकार हो गए। डिजिटल तरीके से ठगों ने इन्हें अपने जाल में इस कदर फसाया कि
कभी प्रोसेसिंग तो कभी टैक्सेशन के नाम पर इनसे छोटी-छोटी किश्तों में रकम
एैंठते रहे। खुद को बीमा कंपनी का अफसर और कर्मचारी बताकर ठगों ने इनसे
बात की और लगभग ढाई लाख रुपए लेने के बाद फरार हैं। गुढिय़ारी थाने में इस
मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब साइबर सेल की मदद से ठगों के
खाते और फोन नंबरों को ट्रेस कर उन्हें पकडऩे की कोशिश में है।


बुजुर्ग
ने जानकारी दी कि साल 2006 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से वो मुख्य प्रबंधक
के पद से रिटायर हुए हैं। ठग इतने शातिर थे कि बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए
इस रिटायर्ड अफसर को भी अपनी बातों में उलझा कर 2 लाख 58 हजार रुपए ठगने
में कामयाब हो गए। बुजुर्ग को 95400024735, 9891567145, 954030125 नंबर से
फोन आया । कॉल करने वालों ने खुद को बीमा एजेंसी का कर्मचारी और अधिकारी
बताया। इनसे कहा गया कि लगभग 13 लाख के आस-पास इनका पीएफ है जो इन्हें
भुगतान किया जाना है। पीएफ की राशि की बात सुनकर पेंशनधारी बुजुर्ग इनकी
बातों में आ गए।
ठगों ने इन्हें अपना नाम रोहन सिंह गढ़वाल, राजेंद्र
प्रसाद तिवारी और आरडी सेठी बताया। इनमें से कोई कर्मचारी बनकर बात करता तो
कोई कमिश्नर। पीएफ की रकम देने के नाम पर कभी प्रोसेसिंग, कभी रजिस्ट्रेशन
को कभी टैक्स के नाम पर रुपए मांगे शुरू किए गए। बातों-बातों में ठगों ने
बुजुर्ग को भरोसे में लेकर उनके खाते की डीटेल, पैन नंबर वगैरह ले लिए।
बातों में आकर ठगों के खातों में रुपए जमा करा दिए। अलग-अलग किश्तों में
कुल 2 लाख 58 हजार रुपए जमा कराए गए। मगर पीएफ की रकम बुजुर्ग को नहीं मिली
तो इन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद अब उन्होंने पुलिस से मदद मांगी है।



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