शरद पवार
की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को सरकार से
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी
बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत की जांच के
लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने की मांग की।
एनसीपी के
प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे मीडिया में वायरल उस कथित बातचीत का जिक्र कर
रहे थे, जिसके अनुसार गोस्वामी को बालाकोट हवाई हमले के बारे में कई गुप्त
जानकारियों का पता था। उन्होंने कहा, ''यह बेहद स्तब्ध और परेशान करने वाला
है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का इस्तेमाल टीआरपी पाने के
लिए किया गया।''
तपासे ने
कहा कि वह इस संबंध में बातचीत करने के लिए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल
देशमुख से मंगलवार को मुलाकात करेंगे और 'चैटगेट' पर केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह से भी स्पष्टीकरण मांगेंगे। उन्होंने कहा, ''सवाल यह भी उठता है
कि अर्णब को कैसे इतनी संवेदनशील जानकारियां पता थी। गृह मंत्रालय को तुरंत
इस सूत्र का पता करना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।''
तपासे ने
दावा किया कि गोस्वामी मुंबई पुलिस और महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) की
छवि खराब करने में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कहा, ''टीवी पर बहस के
दौरान, उन्होंने पालघर घटना को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश की। सुशांत
सिंह राजपूत की मौत के मामले में उन्होंने मुद्दे को विषय से भटकाया और गलत
व्याख्यान पेश किया। यह सब कुछ केवल एमवीए सरकार को बदनाम करने के लिए
किया गया।'' उन्होंने कहा कि भाजपा को अर्णब गोस्वामी पर अपना रुख स्पष्ट
करना चाहिए।
गौरतलब है
कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के पूर्व सीईओ दासगुप्ता को
मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा ने गत वर्ष 24 दिसम्बर को कथित टीआरपी
हेराफेरी मामले में गिरफ्तार किया था। रक्त शर्करा का स्तर स्तर बढ़ने के
बाद दासगुप्ता को शनिवार को सरकारी जे. जे. अस्पताल अस्पताल में भर्ती
कराया गया था।
मुंबई
पुलिस ने इससे पहले अदालत को बताया था कि 'रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक
अर्णब गोस्वामी ने समाचार चैनल के दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए
दासगुप्ता को लाखों रुपये की रिश्वत कथित तौर पर दी थी।
शरद पवार
की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को सरकार से
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी
बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत की जांच के
लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने की मांग की।
एनसीपी के
प्रमुख प्रवक्ता महेश तपासे मीडिया में वायरल उस कथित बातचीत का जिक्र कर
रहे थे, जिसके अनुसार गोस्वामी को बालाकोट हवाई हमले के बारे में कई गुप्त
जानकारियों का पता था। उन्होंने कहा, ''यह बेहद स्तब्ध और परेशान करने वाला
है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का इस्तेमाल टीआरपी पाने के
लिए किया गया।''
तपासे ने
कहा कि वह इस संबंध में बातचीत करने के लिए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल
देशमुख से मंगलवार को मुलाकात करेंगे और 'चैटगेट' पर केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह से भी स्पष्टीकरण मांगेंगे। उन्होंने कहा, ''सवाल यह भी उठता है
कि अर्णब को कैसे इतनी संवेदनशील जानकारियां पता थी। गृह मंत्रालय को तुरंत
इस सूत्र का पता करना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।''
तपासे ने
दावा किया कि गोस्वामी मुंबई पुलिस और महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) की
छवि खराब करने में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कहा, ''टीवी पर बहस के
दौरान, उन्होंने पालघर घटना को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश की। सुशांत
सिंह राजपूत की मौत के मामले में उन्होंने मुद्दे को विषय से भटकाया और गलत
व्याख्यान पेश किया। यह सब कुछ केवल एमवीए सरकार को बदनाम करने के लिए
किया गया।'' उन्होंने कहा कि भाजपा को अर्णब गोस्वामी पर अपना रुख स्पष्ट
करना चाहिए।
गौरतलब है
कि ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के पूर्व सीईओ दासगुप्ता को
मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा ने गत वर्ष 24 दिसम्बर को कथित टीआरपी
हेराफेरी मामले में गिरफ्तार किया था। रक्त शर्करा का स्तर स्तर बढ़ने के
बाद दासगुप्ता को शनिवार को सरकारी जे. जे. अस्पताल अस्पताल में भर्ती
कराया गया था।
मुंबई
पुलिस ने इससे पहले अदालत को बताया था कि 'रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक
अर्णब गोस्वामी ने समाचार चैनल के दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए
दासगुप्ता को लाखों रुपये की रिश्वत कथित तौर पर दी थी।