Raipur :: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार पर अत्याधुनिक तकनीक से जन्मी बछिया की पूजा-अर्चना की:

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रायपुर, 17 जुलाई 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज हरेली तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में अत्याधुनिक तकनीक से जन्मी बछिया और उसकी मां की पूजा-अर्चना की और उन्हें हरी घास, चारा और आटे की लोई खिलाई। बछिया का जन्म पिछले जून माह की 07 तारीख को लिंग वर्गीकृत वीर्य (सेक्स सॉर्टेड सीमेन) द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से हुआ है। 

गौरतलब है कि हरेली तिहार पर पशुधन सहित खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा कर उनका आभार प्रगट किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के माध्यम से नरवा, गरवा, घुरवा, बारी को सहेजने और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। गरवा योजना से पशुधन के विकास और उससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।         

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निवास में पिछले वर्ष 03 सितंबर को लिंग वर्गीकृत वीर्य के माध्यम से बछिया के लिए इंसेमिनेशन किया था। इस विधि से जन्मी बछिया ढाई साल में ही बड़ी हो जाएगी। इससे दूध भी मां की अपेक्षा अधिक मिलेगा। अभी बछिया की मां हर दिन 16 लीटर दूध देती है। यह बछिया 20 से 22 लीटर प्रति दिन दूध देगी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के सभी पशु चिकित्सा केंद्रों में लिंग वर्गीकृत वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए किसानों व पशुपालकों को बहुत कम राशि देनी पड़ती है। इसमें सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों सब्सिडी भी दी जाती है।


रायपुर, 17 जुलाई 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज हरेली तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में अत्याधुनिक तकनीक से जन्मी बछिया और उसकी मां की पूजा-अर्चना की और उन्हें हरी घास, चारा और आटे की लोई खिलाई। बछिया का जन्म पिछले जून माह की 07 तारीख को लिंग वर्गीकृत वीर्य (सेक्स सॉर्टेड सीमेन) द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से हुआ है। 

गौरतलब है कि हरेली तिहार पर पशुधन सहित खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा कर उनका आभार प्रगट किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के माध्यम से नरवा, गरवा, घुरवा, बारी को सहेजने और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। गरवा योजना से पशुधन के विकास और उससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।         

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निवास में पिछले वर्ष 03 सितंबर को लिंग वर्गीकृत वीर्य के माध्यम से बछिया के लिए इंसेमिनेशन किया था। इस विधि से जन्मी बछिया ढाई साल में ही बड़ी हो जाएगी। इससे दूध भी मां की अपेक्षा अधिक मिलेगा। अभी बछिया की मां हर दिन 16 लीटर दूध देती है। यह बछिया 20 से 22 लीटर प्रति दिन दूध देगी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के सभी पशु चिकित्सा केंद्रों में लिंग वर्गीकृत वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए किसानों व पशुपालकों को बहुत कम राशि देनी पड़ती है। इसमें सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों सब्सिडी भी दी जाती है।


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