Raipur :: खारुन रिवरफ्रंट और कितनी बार घोषणा करेंगे मुख्यमंत्री ? - बृजमोहन अग्रवाल:

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रायपुर / 12 सितंबर / भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी रायपुर के समीप महादेव घाट में खारून नदी के किनारे खारुन रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना पर मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले पौने 5 साल में हर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, हर समीक्षा बैठक में, अनेक मौके पर खारुन नदी के किनारे रिवर फ्रंट  बनाने की घोषणा की थी। क्या हुआ उस  रिवर फ्रंट का ? कितने का रिवर फ्रंट है ? कहां पर बना है ? कितना पैसा खर्च हुआ ?  मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि महादेव घाट धार्मिक स्थल है पवित्र स्थल है वहां पुन्नी मेला लगता है मुख्यमंत्री खुद स्नान करने जाते हैं। उस स्थल के साथ ऐसा मजाक मुख्यमंत्री के मानसिकता व संस्कार को दिखाता है। नदी की दूसरी तरफ पाटन है उनका खुद का जिला दुर्ग है। उसके बाद भी जो व्यक्ति विकास के नाम पर अपने लोगों को धोखा दे सकता है अपने लोगों को सब्जबाग दिखा सकता है उसे प्रदेश के साथ न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है?

श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में ही खारुन नदी के किनारे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया गया था। जल संसाधन विभाग द्वारा जहां लगभग 7 करोड़ की लागत से वृहद लक्ष्मण झूले का निर्माण किया गया वहीं नदी के दूसरी ओर पाटन की ओर करोड़ों खर्च एक बड़ा गार्डन, पाथवे, ओपन जिम, पिकनिक स्पॉट, केंटीन, झूला सभी लगाया गया था हजारों पर्यटक रोज जा रहे थे। शनिवार, रविवार, त्यौहार व छुट्टियों के  दिन मेला लगा रहता था, पर पिछले 5 सालों में इस सरकार ने इन विकास कार्यों को

मेंटेन तक नही कर पा रही है। आगे की जो योजना थी उसके निर्माण को बंद कर दिया गया। पौने 5 साल में एक ईट नही रखी गई। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लगभग सभी घोषणाओं का यही हाल है। राजधानी रायपुर के विकास के बजाय भूपेश बघेल की सरकार ने रायपुर का विनाश ही किया है। रायपुर को खोदापुर बना दिया है।

पिछले पौने 5 सालों में केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना को छोड़ दे तो मुख्यमंत्री रायपुर शहर में एक भी ऐसा काम नहीं बता सकते जिनका उन्होंने पूजन किया हो और उद्घाटन किया हो। राजधानी ध्वस्त है गड्ढों से भरा पड़ा है। लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है, स्ट्रीट लाइट सपनों की बात हो गई है कानून व्यवस्था तो बिहार और उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है चौक चौराहा में खुलेआम मर्डर हो रहे हैं गांज, शरा, दारु की घर पहुंच व्यवस्था कर दी है, यही दिया है भूपेश बघेल ने रायपुर को पौने 5 सालों में।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री हर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, हर समीक्षा बैठक में, महादेव घाट में खारुन नदी के किनारे रिवर फ्रंट विकसित करने की बात कहते रहे, घोषणा के ऊपर घोषणा करते रहे और अधिकारी एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं और इस सरकार को शर्म भी नही। 

श्री अग्रवाल ने कहा कि पौने 5 साल में यह सरकार रिवर फ्रंट का डीपीआर तक नहीं बन पाई। रिवर फ्रंट का काम कब शुरू होगा और क्या-क्या होगा यह अभी तय नहीं है। कोई योजना नहीं, बजट नही, कोई काम नही, सिर्फ घोषणा और कोरी घोषणा भूपेश बघेल की।


रायपुर / 12 सितंबर / भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी रायपुर के समीप महादेव घाट में खारून नदी के किनारे खारुन रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना पर मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले पौने 5 साल में हर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, हर समीक्षा बैठक में, अनेक मौके पर खारुन नदी के किनारे रिवर फ्रंट  बनाने की घोषणा की थी। क्या हुआ उस  रिवर फ्रंट का ? कितने का रिवर फ्रंट है ? कहां पर बना है ? कितना पैसा खर्च हुआ ?  मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि महादेव घाट धार्मिक स्थल है पवित्र स्थल है वहां पुन्नी मेला लगता है मुख्यमंत्री खुद स्नान करने जाते हैं। उस स्थल के साथ ऐसा मजाक मुख्यमंत्री के मानसिकता व संस्कार को दिखाता है। नदी की दूसरी तरफ पाटन है उनका खुद का जिला दुर्ग है। उसके बाद भी जो व्यक्ति विकास के नाम पर अपने लोगों को धोखा दे सकता है अपने लोगों को सब्जबाग दिखा सकता है उसे प्रदेश के साथ न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है?

श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में ही खारुन नदी के किनारे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया गया था। जल संसाधन विभाग द्वारा जहां लगभग 7 करोड़ की लागत से वृहद लक्ष्मण झूले का निर्माण किया गया वहीं नदी के दूसरी ओर पाटन की ओर करोड़ों खर्च एक बड़ा गार्डन, पाथवे, ओपन जिम, पिकनिक स्पॉट, केंटीन, झूला सभी लगाया गया था हजारों पर्यटक रोज जा रहे थे। शनिवार, रविवार, त्यौहार व छुट्टियों के  दिन मेला लगा रहता था, पर पिछले 5 सालों में इस सरकार ने इन विकास कार्यों को

मेंटेन तक नही कर पा रही है। आगे की जो योजना थी उसके निर्माण को बंद कर दिया गया। पौने 5 साल में एक ईट नही रखी गई। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लगभग सभी घोषणाओं का यही हाल है। राजधानी रायपुर के विकास के बजाय भूपेश बघेल की सरकार ने रायपुर का विनाश ही किया है। रायपुर को खोदापुर बना दिया है।

पिछले पौने 5 सालों में केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना को छोड़ दे तो मुख्यमंत्री रायपुर शहर में एक भी ऐसा काम नहीं बता सकते जिनका उन्होंने पूजन किया हो और उद्घाटन किया हो। राजधानी ध्वस्त है गड्ढों से भरा पड़ा है। लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है, स्ट्रीट लाइट सपनों की बात हो गई है कानून व्यवस्था तो बिहार और उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है चौक चौराहा में खुलेआम मर्डर हो रहे हैं गांज, शरा, दारु की घर पहुंच व्यवस्था कर दी है, यही दिया है भूपेश बघेल ने रायपुर को पौने 5 सालों में।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री हर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, हर समीक्षा बैठक में, महादेव घाट में खारुन नदी के किनारे रिवर फ्रंट विकसित करने की बात कहते रहे, घोषणा के ऊपर घोषणा करते रहे और अधिकारी एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं और इस सरकार को शर्म भी नही। 

श्री अग्रवाल ने कहा कि पौने 5 साल में यह सरकार रिवर फ्रंट का डीपीआर तक नहीं बन पाई। रिवर फ्रंट का काम कब शुरू होगा और क्या-क्या होगा यह अभी तय नहीं है। कोई योजना नहीं, बजट नही, कोई काम नही, सिर्फ घोषणा और कोरी घोषणा भूपेश बघेल की।


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