Raipur :: देव दीपावली पर संगम नगरी राजिम में कुलेश्वर महादेव का अभिषेक करने पहुंचे बृजमोहन अग्रवाल:

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26 नवंबर / रायपुर - देव दीपावली को काशी के साथ ही छत्तीसगढ़ की संगम नगरी राजिम में भी देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। 

वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल इस पावन मौके पर राजिम में त्रिवेणी संगम पहुंचें। शिव भक्त श्री बृजमोहन अग्रवाल पारंपरिक भारतीय परिधान में नजर आए उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती सरिता अग्रवाल भी थीं।

सबसे पहले श्री बृजमोहन अग्रवाल और श्रीमती सरिता अग्रवाल ने कुलेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजा अर्चना की। इसके बाद अग्रवाल दंपत्ति ने भगवान राजीव लोचन का पूजन किया। 

देव दीपावली के अवसर पर राजिम में अपनी धार्मिक यात्रा पर पहुंचे श्री बृजमोहन अग्रवाल की महंत राम सुंदर दास जी से भी मुलाकात हुई उन्होंने महंत राम सुंदर दास और स्वामी श्री कौशलेंद्र ब्रम्हचारी महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी लिया।

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर का वध कर दिया था जिसके बाद सभी देवी-देवता काशी पहुंचे थे। जहां उन्होंने दीप प्रज्वलित करके खुशी मनाई थी। इसी के कारण हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली पर्व मनाया जाता है। आज के दिन स्नान, दान के साथ दीपदान का विशेष महत्व है।


26 नवंबर / रायपुर - देव दीपावली को काशी के साथ ही छत्तीसगढ़ की संगम नगरी राजिम में भी देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। 

वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल इस पावन मौके पर राजिम में त्रिवेणी संगम पहुंचें। शिव भक्त श्री बृजमोहन अग्रवाल पारंपरिक भारतीय परिधान में नजर आए उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती सरिता अग्रवाल भी थीं।

सबसे पहले श्री बृजमोहन अग्रवाल और श्रीमती सरिता अग्रवाल ने कुलेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजा अर्चना की। इसके बाद अग्रवाल दंपत्ति ने भगवान राजीव लोचन का पूजन किया। 

देव दीपावली के अवसर पर राजिम में अपनी धार्मिक यात्रा पर पहुंचे श्री बृजमोहन अग्रवाल की महंत राम सुंदर दास जी से भी मुलाकात हुई उन्होंने महंत राम सुंदर दास और स्वामी श्री कौशलेंद्र ब्रम्हचारी महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी लिया।

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर का वध कर दिया था जिसके बाद सभी देवी-देवता काशी पहुंचे थे। जहां उन्होंने दीप प्रज्वलित करके खुशी मनाई थी। इसी के कारण हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली पर्व मनाया जाता है। आज के दिन स्नान, दान के साथ दीपदान का विशेष महत्व है।


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