राजभवन में हुआ साहित्यिक कार्यक्रम:

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राज्यपाल ने ‘‘द बर्डस् इन द स्टार्म‘‘ पुस्तक का किया विमोचन



छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के साहित्यकारों की उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम



रायपुर, राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने  गत दिवस राजभवन में डॉ. भगवान
जयसिंह द्वारा संपादित पुस्तक ‘‘द बर्डस् इन द स्टार्म‘‘ (The Birds in The
Storm) का विमोचन किया। डॉ जयसिंह ओड़िया भाषा के प्रसिद्ध कवि एवं अनुवादक
हैं। इस पुस्तक में अनेक विख्यात ओड़िया कवियों की लगभग 80 कविताओं का
संकलन किया गया है।



       कार्यक्रम में श्री माधव कौशिक, अध्यक्ष केन्द्रीय साहित्य
अकादमी सहित छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के अनेक साहित्यकार एवं लेखक उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने डॉ. जयसिंह को उनके उत्कृष्ट लेखन के लिए बधाई
एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि डॉ. जयसिंह एक बहुत अच्छे अनुवादक हैं।
डॉ. जयसिंह ने राज्यपाल की आत्मकथा ‘‘बैटल नॉट यट ओवर‘‘ का ओड़िया से
अंग्रेजी में उत्कृष्ट श्रेणी का अनुवाद किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा
के साहित्यकारों का अभिवादन किया और कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर खुशी
व्यक्त की। डॉ. जयसिंह ने पुस्तक के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।



       इस अवसर पर डॉ. माधव कौशिक ने कहा कि यह हम सब के लिए सौभाग्य की
बात है कि राज्यपाल श्री हरिचंदन कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ ही प्रख्यात
लेखक, नाटककार, स्तंभकार भी हैं, जो साहित्य जगत के लिए गर्व और सम्मान का
विषय है। वे राजनीति और साहित्य के मध्य सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने
डॉ. जयसिंह के संबंध में कहा कि अनुवादक साहित्य जगत के लिए अत्यंत
महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। अनुवाद के माध्यम से ही दुनिया एक दूसरे से
जुड़ी हुई है। अनुवादक वास्तव में मिशनरी की तरह कार्य करते हैं। ‘‘द बर्डस्
इन द स्टार्म‘‘ पुस्तक की समीक्षा डॉ. चितरंजन कर ने प्रस्तुत की।



       कार्यक्रम में श्रीमती शकुंतला कौशिक, प्रो. रामेन्द्रनाथ मिश्र,
श्री चितरंजन कुमार शिक्षाविद्, श्री बलदेव भाई शर्मा कुलपति, श्री
त्रिलोक चंद्र महावर, श्री संजीव बख्शी सहित अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्री बिजयानंद सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री सुशीर
कुमार स्वाइन ने किया।



       उल्लेखनीय है कि डॉ जयसिंह एक कवि, आलोचक, संपादक, अनुवादक ने
साहित्यिक जीवन में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनके  ओडिया में कविता के
नौ संग्रह, अंग्रेजी और अंग्रेजी अनुवाद में आठ, एक यात्रा वृतांत के अलावा
अंग्रेजी में आलोचना की दो किताबें शामिल हैं। उनकी कविता की पुस्तकों में
शामिल हैं निरबासनरे पक्षी (निर्वासन में पक्षी), मायाघेरारे कालिदास
(माया के घेरने वाले जाल में कालिदास), फेरंती घर (होमबाउंड ट्रैवलर)।
अमेरिका स्थित प्रकाशक ने अंग्रेजी में कविताओं का एक संग्रह द डैपल्स ऑफ
डार्कनेस प्रकाशित किया है। डॉ. जयासिंह को ओडिशा साहित्य अकादमी पुरस्कार,
विष्णु ‘‘झंकार‘‘ पुरस्कार, उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार के अलावा हाल ही
में पंडित गोदाबरीश मिश्र सम्मान (सरला साहित्य संसद, कटक) पुरस्कार
प्राप्त हुए  हैं।


राज्यपाल ने ‘‘द बर्डस् इन द स्टार्म‘‘ पुस्तक का किया विमोचन



छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के साहित्यकारों की उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम



रायपुर, राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने  गत दिवस राजभवन में डॉ. भगवान
जयसिंह द्वारा संपादित पुस्तक ‘‘द बर्डस् इन द स्टार्म‘‘ (The Birds in The
Storm) का विमोचन किया। डॉ जयसिंह ओड़िया भाषा के प्रसिद्ध कवि एवं अनुवादक
हैं। इस पुस्तक में अनेक विख्यात ओड़िया कवियों की लगभग 80 कविताओं का
संकलन किया गया है।



       कार्यक्रम में श्री माधव कौशिक, अध्यक्ष केन्द्रीय साहित्य
अकादमी सहित छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के अनेक साहित्यकार एवं लेखक उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने डॉ. जयसिंह को उनके उत्कृष्ट लेखन के लिए बधाई
एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि डॉ. जयसिंह एक बहुत अच्छे अनुवादक हैं।
डॉ. जयसिंह ने राज्यपाल की आत्मकथा ‘‘बैटल नॉट यट ओवर‘‘ का ओड़िया से
अंग्रेजी में उत्कृष्ट श्रेणी का अनुवाद किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा
के साहित्यकारों का अभिवादन किया और कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर खुशी
व्यक्त की। डॉ. जयसिंह ने पुस्तक के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।



       इस अवसर पर डॉ. माधव कौशिक ने कहा कि यह हम सब के लिए सौभाग्य की
बात है कि राज्यपाल श्री हरिचंदन कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ ही प्रख्यात
लेखक, नाटककार, स्तंभकार भी हैं, जो साहित्य जगत के लिए गर्व और सम्मान का
विषय है। वे राजनीति और साहित्य के मध्य सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने
डॉ. जयसिंह के संबंध में कहा कि अनुवादक साहित्य जगत के लिए अत्यंत
महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। अनुवाद के माध्यम से ही दुनिया एक दूसरे से
जुड़ी हुई है। अनुवादक वास्तव में मिशनरी की तरह कार्य करते हैं। ‘‘द बर्डस्
इन द स्टार्म‘‘ पुस्तक की समीक्षा डॉ. चितरंजन कर ने प्रस्तुत की।



       कार्यक्रम में श्रीमती शकुंतला कौशिक, प्रो. रामेन्द्रनाथ मिश्र,
श्री चितरंजन कुमार शिक्षाविद्, श्री बलदेव भाई शर्मा कुलपति, श्री
त्रिलोक चंद्र महावर, श्री संजीव बख्शी सहित अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्री बिजयानंद सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री सुशीर
कुमार स्वाइन ने किया।



       उल्लेखनीय है कि डॉ जयसिंह एक कवि, आलोचक, संपादक, अनुवादक ने
साहित्यिक जीवन में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनके  ओडिया में कविता के
नौ संग्रह, अंग्रेजी और अंग्रेजी अनुवाद में आठ, एक यात्रा वृतांत के अलावा
अंग्रेजी में आलोचना की दो किताबें शामिल हैं। उनकी कविता की पुस्तकों में
शामिल हैं निरबासनरे पक्षी (निर्वासन में पक्षी), मायाघेरारे कालिदास
(माया के घेरने वाले जाल में कालिदास), फेरंती घर (होमबाउंड ट्रैवलर)।
अमेरिका स्थित प्रकाशक ने अंग्रेजी में कविताओं का एक संग्रह द डैपल्स ऑफ
डार्कनेस प्रकाशित किया है। डॉ. जयासिंह को ओडिशा साहित्य अकादमी पुरस्कार,
विष्णु ‘‘झंकार‘‘ पुरस्कार, उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार के अलावा हाल ही
में पंडित गोदाबरीश मिश्र सम्मान (सरला साहित्य संसद, कटक) पुरस्कार
प्राप्त हुए  हैं।


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