मुख्यमंत्री ने सिकलसेल से जूझ रहे आयुष और आयुषि की सहायता के लिए बढ़ाया हाथ:

post











रायपुर, सिकल सेल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे दो मासूम बच्चों को बीमारी से राहत
दिलाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहल की है। मुख्यमंत्री के
निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की चिरायु शाखा पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य की
जांच में जुटी है। जिले के कांसाबेल तहसील के खूंटीटोली की निवासी
दुर्गावती चौहान अपने दोनों बच्चे आयुष चौहान 5 वर्ष और आरूषि चौहान 2 वर्ष
को लेकर बगिया स्थित सीएम कैम्प पहुंची थी। यहां उन्होनें मुख्यमंत्री
विष्णुदेव साय को बताया कि उनके दोनांे बच्चे सिकलसेल से पीड़ित हैं। उन्हें
लगातार दवा और रक्त की जरूरत पड़ती है। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से, इलाज
में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीएम साय ने दुर्गावती की परेशानी को
गंभीरता से लेते हुए,सीएमएचओ डॉ. आर.एस. पैंकरा को पीड़ित बच्चों के समुचित
इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिए है।



चिरायु के नोडल अधिकारी डॉ. अरविन्द रात्रे ने बताया कि सिकलसेल जन्म से
होने वाली अनुवांशिक बीमारी है। उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव
साय के निर्देश का पालन करते हुए सिकलीन पीड़ित दोनों बच्चों को सभी प्रकार
की सहायता उपलब्ध कराया जा रहा हैं। रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सहायता भी
उपलब्ध कराई जाएगी।



सिकलसेल उन्मूलन अभियान जोरों पर:-    

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिकलसेल मुक्त भारत बनाने के
लिए केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंर्तगत जिले में सिकलसेल की
जांच की जा रही है। उन्होनें बताया कि सिकलसेल से जूझ रहे मरीजों को
प्राथमिक राशन कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध करा, सरकारी योजनाओं का
लाभ दिया जा रहा है। बच्चों को रक्त की जरूरत होगी तो उन्हें तत्काल उपलब्ध
कराया जाएगा।












रायपुर, सिकल सेल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे दो मासूम बच्चों को बीमारी से राहत
दिलाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहल की है। मुख्यमंत्री के
निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की चिरायु शाखा पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य की
जांच में जुटी है। जिले के कांसाबेल तहसील के खूंटीटोली की निवासी
दुर्गावती चौहान अपने दोनों बच्चे आयुष चौहान 5 वर्ष और आरूषि चौहान 2 वर्ष
को लेकर बगिया स्थित सीएम कैम्प पहुंची थी। यहां उन्होनें मुख्यमंत्री
विष्णुदेव साय को बताया कि उनके दोनांे बच्चे सिकलसेल से पीड़ित हैं। उन्हें
लगातार दवा और रक्त की जरूरत पड़ती है। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से, इलाज
में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीएम साय ने दुर्गावती की परेशानी को
गंभीरता से लेते हुए,सीएमएचओ डॉ. आर.एस. पैंकरा को पीड़ित बच्चों के समुचित
इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिए है।



चिरायु के नोडल अधिकारी डॉ. अरविन्द रात्रे ने बताया कि सिकलसेल जन्म से
होने वाली अनुवांशिक बीमारी है। उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव
साय के निर्देश का पालन करते हुए सिकलीन पीड़ित दोनों बच्चों को सभी प्रकार
की सहायता उपलब्ध कराया जा रहा हैं। रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सहायता भी
उपलब्ध कराई जाएगी।



सिकलसेल उन्मूलन अभियान जोरों पर:-    

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिकलसेल मुक्त भारत बनाने के
लिए केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंर्तगत जिले में सिकलसेल की
जांच की जा रही है। उन्होनें बताया कि सिकलसेल से जूझ रहे मरीजों को
प्राथमिक राशन कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध करा, सरकारी योजनाओं का
लाभ दिया जा रहा है। बच्चों को रक्त की जरूरत होगी तो उन्हें तत्काल उपलब्ध
कराया जाएगा।


शयद आपको भी ये अच्छा लगे!