CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, विरोध में दायर हुईं 200 से ज्यादा याचिकाएं:

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सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन कानून
के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। सीएए के खिलाफ 200 से ज्यााद
याचिकाएं दायर की गई हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति
जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन
न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी।



क्या है मांग?



दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार ने अधिसूचना
जारी कर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने की घोषणा की थी।
हालांकि, सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद इसे लेकर सवाल उठाए गए।
इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने की
मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और इसके खिलाफ 200 से
ज्यादा याचिकाएं दायर की गई।



सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी सुनवाई पर सहमति



बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों
नागरिकता संशोधन नियमों, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग पर
विचार करने के लिए सहमति जताई थी। बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस
मामले में सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की थी।



CAA को लेकर क्या है आपत्ति?



  • आईयूएमएल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में सीएए लागू करने की अधिसूचना पर सवाल उठाए गए हैं।
  • आईयूएमएल ने अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है।
  • याचिका में कहा गया है कि साढ़े चार साल तक इसे लागू नहीं किया गया, लेकिन अब इसे अधिसूचित करना इस पर सवाल उठाता है।
  • साथ ही इसमें कहा गया है कि सीएए में धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन करता है।


क्या है CAA?



उल्लेखनीय है कि संसद से पास होने के चार
साल बाद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को देश में लागू किया गया था। इस
कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर
मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। इनमें
हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थी शामिल हैं।


सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन कानून
के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। सीएए के खिलाफ 200 से ज्यााद
याचिकाएं दायर की गई हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति
जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन
न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी।



क्या है मांग?



दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार ने अधिसूचना
जारी कर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने की घोषणा की थी।
हालांकि, सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद इसे लेकर सवाल उठाए गए।
इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने की
मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और इसके खिलाफ 200 से
ज्यादा याचिकाएं दायर की गई।



सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी सुनवाई पर सहमति



बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों
नागरिकता संशोधन नियमों, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग पर
विचार करने के लिए सहमति जताई थी। बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस
मामले में सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की थी।



CAA को लेकर क्या है आपत्ति?



  • आईयूएमएल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में सीएए लागू करने की अधिसूचना पर सवाल उठाए गए हैं।
  • आईयूएमएल ने अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है।
  • याचिका में कहा गया है कि साढ़े चार साल तक इसे लागू नहीं किया गया, लेकिन अब इसे अधिसूचित करना इस पर सवाल उठाता है।
  • साथ ही इसमें कहा गया है कि सीएए में धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन करता है।


क्या है CAA?



उल्लेखनीय है कि संसद से पास होने के चार
साल बाद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को देश में लागू किया गया था। इस
कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर
मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। इनमें
हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थी शामिल हैं।


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