बैंक अकाउंट फ्रीज करने पर सोनिया-राहुल, खडग़े बोले: हमारे पास चुनाव लडऩे के पैसे नहीं:

post

नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और
राहुल गांधी ने गुरूवार को दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी
सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। खरगे ने कहा कि भाजपा ने गलत तरीके से चंदा लेकर
अपनी झोली भर ली और कांग्रेस के खाते फ्रीज करवा दिए। अब कांग्रेस के
सामने चुनाव लडऩे का संकट पैदा हो गया है

दिल्ली पार्टी हेडक्वार्टर में तीनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले
कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने का मुद्दा उठाया। तीनों ने कहा कि हमारे
खाते फ्रीज करवाकर फ्री और फेयर इलेक्शन की बात कैसे हो सकती है। खडग़े ने
कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि
चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर
मिले। ईडी, आईटी और अन्य स्वतंत्र संस्थाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होना
चाहिए। पिछले कुछ दिनों में चुनावी बॉन्ड को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं,
उससे देश की छवि को ठेस पहुंची है।

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोगों से इक_ा किए गए पैसे को
फ्रीज कर दिया गया है। इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में भी हम अपनी तरफ से
प्रभावी चुनाव प्रचार के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी
कांग्रेस के पैसे पर जानबूझकर हमला किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है।
सोनिया गांधी ने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस को पंगु बना
दिया जाए। ये लोकतंत्र पर हमला है। अगर कांग्रेस किसी भी तरह से चुनाव
प्रचार में खर्च नहीं कर सके तो चुनाव किस बात का। पिछले एक महीने से हम
हमारे 285 करोड़ का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अगर हम कोई काम नहीं कर
सकते तो लोकतंत्र कैसे जिंदा रहेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड
को गैरकानूनी और असंवैधानिक कहा है, उसी की मदद से मौजूदा सत्ताधारी दल ने
हजारों करोड़ रुपए अपने अकाउंट में भर लिया है और दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी
दल का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। जिससे हम पैसे के अभाव से बराबरी
से चुनाव न लड़ पाएं। भाजपा ने कुछ कंपनियों से पैसा कैसे लिया, इसका
जिक्र नहीं करना चाहता। चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है,
मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही हमारे सामने होगी। मैं संवैधानिक
संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते
हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों तक स्वतंत्र रूप से पहुंचने की अनुमति
देनी चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता।


नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और
राहुल गांधी ने गुरूवार को दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी
सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। खरगे ने कहा कि भाजपा ने गलत तरीके से चंदा लेकर
अपनी झोली भर ली और कांग्रेस के खाते फ्रीज करवा दिए। अब कांग्रेस के
सामने चुनाव लडऩे का संकट पैदा हो गया है

दिल्ली पार्टी हेडक्वार्टर में तीनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले
कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने का मुद्दा उठाया। तीनों ने कहा कि हमारे
खाते फ्रीज करवाकर फ्री और फेयर इलेक्शन की बात कैसे हो सकती है। खडग़े ने
कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि
चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर
मिले। ईडी, आईटी और अन्य स्वतंत्र संस्थाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होना
चाहिए। पिछले कुछ दिनों में चुनावी बॉन्ड को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं,
उससे देश की छवि को ठेस पहुंची है।

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोगों से इक_ा किए गए पैसे को
फ्रीज कर दिया गया है। इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में भी हम अपनी तरफ से
प्रभावी चुनाव प्रचार के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी
कांग्रेस के पैसे पर जानबूझकर हमला किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक है।
सोनिया गांधी ने कहा कि ये कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस को पंगु बना
दिया जाए। ये लोकतंत्र पर हमला है। अगर कांग्रेस किसी भी तरह से चुनाव
प्रचार में खर्च नहीं कर सके तो चुनाव किस बात का। पिछले एक महीने से हम
हमारे 285 करोड़ का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अगर हम कोई काम नहीं कर
सकते तो लोकतंत्र कैसे जिंदा रहेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड
को गैरकानूनी और असंवैधानिक कहा है, उसी की मदद से मौजूदा सत्ताधारी दल ने
हजारों करोड़ रुपए अपने अकाउंट में भर लिया है और दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी
दल का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। जिससे हम पैसे के अभाव से बराबरी
से चुनाव न लड़ पाएं। भाजपा ने कुछ कंपनियों से पैसा कैसे लिया, इसका
जिक्र नहीं करना चाहता। चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है,
मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही हमारे सामने होगी। मैं संवैधानिक
संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते
हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों तक स्वतंत्र रूप से पहुंचने की अनुमति
देनी चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता।


शयद आपको भी ये अच्छा लगे!