नगदी के समुचित प्रवाह के लिए बाजार में 1000 का नोट लाया जाना चाहिए : हरख मालू:

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रायपुर । सभी प्रकार के व्यवसाय से जुड़े
कारोबारियों को छोटे वर्ग के नोटों की किल्लत से इन दिनों जूझना पड़ रहा
है। इसकी आपूर्ति सुगम करने को लेकर रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व
अध्यक्ष हरख मालू ने रिजर्व बैंक के गर्वनर को एक पत्र लिखकर जल्द ही इसकी
व्यवस्था करने मांग की है। इसके साथ ही 2 हजार का नोट बंद किये जाने के बाद
कोई दूसरा विकल्प देने की बात आई थी, पर आज तक नहीं हो पाया है। अच्छा
होगा यदि 1 हजार का नोट चलन बाजार में लाया जाए। यह सुझाव भी उन्होने अपने
पत्र में दिया है।

मालू ने रिजर्व बैंक गर्वनर मुंबई को लिखे अपने
पत्र में इस बात का भी ध्यानाकर्षण कराया है कि जब छत्तीसगढ़ जैसे छोटे
राज्य में रिजर्व बैंक ने रायपुर में अपना क्षेत्रीय कार्यालय शुरु किया था
तब सभी लोगों को प्रसन्नता हुई थी कि बैंकिंग समस्याओं को लेकर अब बार-बार
मुंबई का रूख नहीं करना पड़ेगा लेकिन इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाया।
उद्योग-व्यापार के दृष्टिकोण से विकसित राज्य छत्तीसगढ़ में इन दिनों 10
एवं 20 वर्ग के छोटे नोटों की किल्लत बनी हुई है. इससे छोटे कारोबारियों
एवं आम ग्राहकों को बहुत कठिनाई हो रही है। ऐसे में छोटे वर्ग के नोटों की
समुचित आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।  

इसके अलावा 2,000 का नोट बंद
होने के बाद सभी कारोबारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विकल्प
के तौर पर 1000 का नोट चलन में लाया जाना चाहिए। चूंकि बाजार में नगदी के
समुचित प्रवाह की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक की है। अत: इस विषय पर
त्वरित ध्यान देकर इसका निराकरण करना जन हित में होगा।

कारोबारियों
से जुड़े एक और महत्वपूर्ण विषय को उल्लेखित कराते हुए लिखा है कि विभिन्न
बैंको द्वारा अलग-अलग वर्ग के लिये ली जा रही कार्ड स्वैप चार्जेस में एक
रुपता होना अत्यंत ही जरूरी है।

उन्होंने व्यावहारिक दिक्कत को लेकर
भी रिजर्व बैंक गर्वनर को अवगत कराया है कि लगभग सभी शाखाओं में बैंको ने
गार्ड की नियुक्ति कर रखी है। किन्तु बैंक में भोजन अवकाश के समय उन
गार्डों के द्वारा गेट पर ताला लगा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त शाम को भी
बैंक की समयावधि के पूर्व 4 बजे बैंक का मुख्यद्धार बंद कर दिया आता है
जबकि ऐसा कोई नियम हमारी जानकारी में नहीं है इससे आमजनता को एवं
व्यवसायियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि पास बुक में
प्रविष्ठियां का लिखा जाना ,विभिन्न चालानों की प्रतियों का संग्रहण एवं
आर. टी. जी. एस. के एकनालेजमेंट को प्राप्त करना, के वाय सी को अपडेट के
लिये शाम को ही ग्राहकों को बैंक द्वारा बुलाया जाता है और उस समय बैंक के
मुख्यद्धार पर ताला लगे होने के कारण आम जनता एवं व्यापारियों को भारी
तकलीफ का सामना करना पड़ता है एवं ड्यूटीरत्त गार्ड का व्यवहार भी अशोभनीय
रहता है। इसलिए शाम 5.30 बजे तक बैंक में सभी के आवगमन की सुविधा उपलब्ध
होना चाहिए। इन मांगों की एक प्रतिलिपि उन्होने शाखा प्रबंधक, भारतीय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सुन्दर नगर, रायपुर, छत्तीसगढ़ को भी भेजी है।


रायपुर । सभी प्रकार के व्यवसाय से जुड़े
कारोबारियों को छोटे वर्ग के नोटों की किल्लत से इन दिनों जूझना पड़ रहा
है। इसकी आपूर्ति सुगम करने को लेकर रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व
अध्यक्ष हरख मालू ने रिजर्व बैंक के गर्वनर को एक पत्र लिखकर जल्द ही इसकी
व्यवस्था करने मांग की है। इसके साथ ही 2 हजार का नोट बंद किये जाने के बाद
कोई दूसरा विकल्प देने की बात आई थी, पर आज तक नहीं हो पाया है। अच्छा
होगा यदि 1 हजार का नोट चलन बाजार में लाया जाए। यह सुझाव भी उन्होने अपने
पत्र में दिया है।

मालू ने रिजर्व बैंक गर्वनर मुंबई को लिखे अपने
पत्र में इस बात का भी ध्यानाकर्षण कराया है कि जब छत्तीसगढ़ जैसे छोटे
राज्य में रिजर्व बैंक ने रायपुर में अपना क्षेत्रीय कार्यालय शुरु किया था
तब सभी लोगों को प्रसन्नता हुई थी कि बैंकिंग समस्याओं को लेकर अब बार-बार
मुंबई का रूख नहीं करना पड़ेगा लेकिन इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाया।
उद्योग-व्यापार के दृष्टिकोण से विकसित राज्य छत्तीसगढ़ में इन दिनों 10
एवं 20 वर्ग के छोटे नोटों की किल्लत बनी हुई है. इससे छोटे कारोबारियों
एवं आम ग्राहकों को बहुत कठिनाई हो रही है। ऐसे में छोटे वर्ग के नोटों की
समुचित आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।  

इसके अलावा 2,000 का नोट बंद
होने के बाद सभी कारोबारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विकल्प
के तौर पर 1000 का नोट चलन में लाया जाना चाहिए। चूंकि बाजार में नगदी के
समुचित प्रवाह की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक की है। अत: इस विषय पर
त्वरित ध्यान देकर इसका निराकरण करना जन हित में होगा।

कारोबारियों
से जुड़े एक और महत्वपूर्ण विषय को उल्लेखित कराते हुए लिखा है कि विभिन्न
बैंको द्वारा अलग-अलग वर्ग के लिये ली जा रही कार्ड स्वैप चार्जेस में एक
रुपता होना अत्यंत ही जरूरी है।

उन्होंने व्यावहारिक दिक्कत को लेकर
भी रिजर्व बैंक गर्वनर को अवगत कराया है कि लगभग सभी शाखाओं में बैंको ने
गार्ड की नियुक्ति कर रखी है। किन्तु बैंक में भोजन अवकाश के समय उन
गार्डों के द्वारा गेट पर ताला लगा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त शाम को भी
बैंक की समयावधि के पूर्व 4 बजे बैंक का मुख्यद्धार बंद कर दिया आता है
जबकि ऐसा कोई नियम हमारी जानकारी में नहीं है इससे आमजनता को एवं
व्यवसायियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि पास बुक में
प्रविष्ठियां का लिखा जाना ,विभिन्न चालानों की प्रतियों का संग्रहण एवं
आर. टी. जी. एस. के एकनालेजमेंट को प्राप्त करना, के वाय सी को अपडेट के
लिये शाम को ही ग्राहकों को बैंक द्वारा बुलाया जाता है और उस समय बैंक के
मुख्यद्धार पर ताला लगे होने के कारण आम जनता एवं व्यापारियों को भारी
तकलीफ का सामना करना पड़ता है एवं ड्यूटीरत्त गार्ड का व्यवहार भी अशोभनीय
रहता है। इसलिए शाम 5.30 बजे तक बैंक में सभी के आवगमन की सुविधा उपलब्ध
होना चाहिए। इन मांगों की एक प्रतिलिपि उन्होने शाखा प्रबंधक, भारतीय
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सुन्दर नगर, रायपुर, छत्तीसगढ़ को भी भेजी है।


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