पुलिस का ऑफर: सूचना देने पर नक्सली पकड़ाए या मारे गए तो इनाम के साथ मिलेगी सरकारी नौकरी:

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कबीरधाम। पुलिस ने नक्सल ऑपरेशन को लेकर आम लोगों के
लिए एक बड़ा ऑफर जारी किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति पुलिस को नक्सलियों के
बारे में सूचना देता है और एनकाउंटर में नक्सली मारे जाते हैं, तो उसे पांच
लाख रुपये नगद इनाम और सरकारी नौकरी मिलेगी।


छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की सरहद ईलाके में पुलिस ने गाँव गाँव में पोस्टर
पॉंपलेट चिपकाए हैं। इन पर्चों में उल्लेख है कि नक्सली पकड़वाने या कि
सूचना पर नक्सली के मारे जाने की स्थिति में पाँच लाख नगद ईनाम और पुलिस
विभाग में सरकारी नौकरी दी जाएगी। पुलिस विभाग की ओर से मध्यप्रदेश और
छत्तीसगढ़ की सरहद में सक्रिय तेरह नक्सलियों की तस्वीरें भी जारी की गई
हैं। कबीरधाम पुलिस को उम्मीद है कि, इससे ग्रामीण उत्साहित होंगे और डर के
भाव से निकल कर सटीक जानकारी और सूचना जनता के बीच से आएगी। वहीं कबीरधाम
पुलिस की इस पहल पर आशंकाओं के सवाल भी आए हैं।


पॉपलेट में नक्सलियों की तस्वीरें और नाम हैं। नक्सलियों के संगठन के पद
अनुक्रम के साथ ईनाम की राशि लिखी गई है। हथियारों को लेकर घोषित ईनाम का
ब्यौरा दिया गया है। पोस्टर/पॉंपलेट में यह भी उल्लेख है कि नक्सली
आत्मसमर्पण करें, जिसके लिए सरकारी नंबरों को भी दर्ज किया गया है, ताकि
यदि नक्सली चाहें तो उन नंबरों पर सीधे संपर्क कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति
का लाभ ले सकते हैं।


क्यों है यह रणनीति


छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में पुलिस ने यह पोस्टर पॉंपलेट लगाए हैं।
कबीरधाम मध्यप्रदेश के बालाघाट से सीधे सटा हुआ है। बालाघाट में नक्सलियों
की प्रभावी मौजूदगी रहती है। बस्तर में लगातार बढ़ते दबाव की वजह से आशंका
है कि नक्सली सुरक्षित ठौर की तलाश में कवर्धा में सक्रियता बढ़ा सकते हैं।
कबीरधाम एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने द हिट डॉट इन को बताया -“हमारी कोशिश है
कि,नक्सलियों को पाँव ज़माने का ही मौक़ा ना मिले। सघन वन क्षेत्रों के
भीतर पुलिस लगातार सक्रिय है और वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को
लगातार मुख्यधारा से जोड़ने के काम में सक्रिय है। बस्तर में नक्सलियों पर
दबाव बढ़ा है, ऐसे में वे कवर्धा की ओर बढ़ सकते हैं ताकि बालाघाट के
प्रभाव क्षेत्र में पैठ बनाएँ, और कवर्धा को “सेफ़ ज़ोन” की तरह उपयोग
करें।हमारी यह रणनीति नक्सलियों को यह करने के पहले ही रोकने के लिए है।
हमें उम्मीद है ग्रामीणों के बीच नक्सलियों को लेकर डर का जो माहौल रहता
है, कबीरधाम पुलिस के इस प्रयास से उसमें प्रभावी कमी आएगी।”


मध्यप्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का गृह और निर्वाचन क्षेत्र कवर्धा
है, जो कबीरधाम ज़िले का ज़िला मुख्यालय है। गृहमंत्री विजय शर्मा तब चर्चा
में आ गए थे जबकि उन्होंने नक्सलियों से संवाद किए जाने की बात कही
थी।कवर्धा बीजेपी के वरिष्ठतम नेता डॉ रमन सिंह का भी गृह क्षेत्र है। डॉ
रमन सिंह पंद्रह साल तक प्रदेश के सीएम रहे हैं और इस समय विधानसभा अध्यक्ष
हैं।


बॉर्डर पर तेज़ी से स्थापित हो रहे हैं कैंप


मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस ने तेज़ी से कैंप भी स्थापित किए
हैं।खबरें हैं कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के चार कैंप लगाए जा चुके हैं और
तीन अन्य स्थापित होने हैं।


कबीरधाम। पुलिस ने नक्सल ऑपरेशन को लेकर आम लोगों के
लिए एक बड़ा ऑफर जारी किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति पुलिस को नक्सलियों के
बारे में सूचना देता है और एनकाउंटर में नक्सली मारे जाते हैं, तो उसे पांच
लाख रुपये नगद इनाम और सरकारी नौकरी मिलेगी।


छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की सरहद ईलाके में पुलिस ने गाँव गाँव में पोस्टर
पॉंपलेट चिपकाए हैं। इन पर्चों में उल्लेख है कि नक्सली पकड़वाने या कि
सूचना पर नक्सली के मारे जाने की स्थिति में पाँच लाख नगद ईनाम और पुलिस
विभाग में सरकारी नौकरी दी जाएगी। पुलिस विभाग की ओर से मध्यप्रदेश और
छत्तीसगढ़ की सरहद में सक्रिय तेरह नक्सलियों की तस्वीरें भी जारी की गई
हैं। कबीरधाम पुलिस को उम्मीद है कि, इससे ग्रामीण उत्साहित होंगे और डर के
भाव से निकल कर सटीक जानकारी और सूचना जनता के बीच से आएगी। वहीं कबीरधाम
पुलिस की इस पहल पर आशंकाओं के सवाल भी आए हैं।


पॉपलेट में नक्सलियों की तस्वीरें और नाम हैं। नक्सलियों के संगठन के पद
अनुक्रम के साथ ईनाम की राशि लिखी गई है। हथियारों को लेकर घोषित ईनाम का
ब्यौरा दिया गया है। पोस्टर/पॉंपलेट में यह भी उल्लेख है कि नक्सली
आत्मसमर्पण करें, जिसके लिए सरकारी नंबरों को भी दर्ज किया गया है, ताकि
यदि नक्सली चाहें तो उन नंबरों पर सीधे संपर्क कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति
का लाभ ले सकते हैं।


क्यों है यह रणनीति


छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में पुलिस ने यह पोस्टर पॉंपलेट लगाए हैं।
कबीरधाम मध्यप्रदेश के बालाघाट से सीधे सटा हुआ है। बालाघाट में नक्सलियों
की प्रभावी मौजूदगी रहती है। बस्तर में लगातार बढ़ते दबाव की वजह से आशंका
है कि नक्सली सुरक्षित ठौर की तलाश में कवर्धा में सक्रियता बढ़ा सकते हैं।
कबीरधाम एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने द हिट डॉट इन को बताया -“हमारी कोशिश है
कि,नक्सलियों को पाँव ज़माने का ही मौक़ा ना मिले। सघन वन क्षेत्रों के
भीतर पुलिस लगातार सक्रिय है और वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को
लगातार मुख्यधारा से जोड़ने के काम में सक्रिय है। बस्तर में नक्सलियों पर
दबाव बढ़ा है, ऐसे में वे कवर्धा की ओर बढ़ सकते हैं ताकि बालाघाट के
प्रभाव क्षेत्र में पैठ बनाएँ, और कवर्धा को “सेफ़ ज़ोन” की तरह उपयोग
करें।हमारी यह रणनीति नक्सलियों को यह करने के पहले ही रोकने के लिए है।
हमें उम्मीद है ग्रामीणों के बीच नक्सलियों को लेकर डर का जो माहौल रहता
है, कबीरधाम पुलिस के इस प्रयास से उसमें प्रभावी कमी आएगी।”


मध्यप्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का गृह और निर्वाचन क्षेत्र कवर्धा
है, जो कबीरधाम ज़िले का ज़िला मुख्यालय है। गृहमंत्री विजय शर्मा तब चर्चा
में आ गए थे जबकि उन्होंने नक्सलियों से संवाद किए जाने की बात कही
थी।कवर्धा बीजेपी के वरिष्ठतम नेता डॉ रमन सिंह का भी गृह क्षेत्र है। डॉ
रमन सिंह पंद्रह साल तक प्रदेश के सीएम रहे हैं और इस समय विधानसभा अध्यक्ष
हैं।


बॉर्डर पर तेज़ी से स्थापित हो रहे हैं कैंप


मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस ने तेज़ी से कैंप भी स्थापित किए
हैं।खबरें हैं कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के चार कैंप लगाए जा चुके हैं और
तीन अन्य स्थापित होने हैं।


शयद आपको भी ये अच्छा लगे!