UP :: क्या राहुल गांधी कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से जीत दर्ज कर पाएंगे ? :

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उत्तरप्रदेश:- आखिरकार राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का आखिरी गढ़ बचाने आ ही गए हैं. लेकिन वो अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव मैदान में उतरे हैं. रायबरेली से नामांकन के वक्त को उन्होंने भावुक पल भी बताया है. लेकिन बीजेपी, राहुल गांधी के अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने पर सवाल पूछ रही है. कड़े प्रहार कर रही है. कांग्रेस की मानें तो पार्टी ने फैसला सोच-समझ कर लिया है. जबकि बीजेपी राहुल गांधी पर हार का खतरा होने का तंज कस रही है. माना जा रहा है कि रायबरेली से गांधी परिवार का भावनात्मक जुड़ाव है और अभी तक ये कांग्रेस का अभेद्य किला है और हार का खतरा भी कम है. इस बीच, 17 प्रतिशत वाले फैक्टर की चर्चा भी बहुत हो रही है. आइए उसका गणित समझते हैं.

17 फीसदी वाला गणित क्या है - जान लें कि साल 2009 में सोनिया गांधी को 72.23 प्रतिशत वोट मिले थे और बीजेपी को सिर्फ 3.82 फीसदी वोट मिला था. तब कांग्रेस और बीजेपी में वोटों का अंतर 68.41 प्रतिशत का था. फिर 2014 के चुनाव में सोनिया गांधी ने 63.80 प्रतिशत वोट हासिल किए और बीजेपी ने 21.05 फीसदी वोट पाए. 2014 में कांग्रेस को 8.43 फीसदी वोटों का घाटा हुआ था. वहीं, बीजेपी को 17.23 प्रतिशत वोट का लाभ मिला. दोनों दलों के मतों का अंतर कम होकर 42.75 फीसदी हो गया.

क्यों चिंता में है कांग्रेस - साल 2019 में सोनिया गांधी को 55.78 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी ने 38.35 प्रतिशत वोट पाए थे. इस बार कांग्रेस को 8.02 प्रतिशत का नुकसान हुआ था. वहीं, बीजेपी को इस बार भी 17.3 प्रतिशत का फायदा हुआ था. जीत और हार का अंतर घटकर 17.43 प्रतिशत ही रह गया. ध्यान देने वाली बात है कि रायबरेली में पिछले चुनाव में बीजेपी 17.43 प्रतिशत वोटों के अंतर से ही हारी थी. पिछले दो चुनाव से बीजेपी अपने वोट 17 प्रतिशत तक बढ़ा ले रही है. ये कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन गया है.

रायबरेली में किसका दबदबा - राहुल गांधी के साथ जो मुकाबला पिछले दो आम चुनाव में हुआ था वो अमेठी में स्मृति ईरानी Vs राहुल गांधी के बीच हुआ. लेकिन ये सीट 2019 में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने जीत ली. आखिरकार कई दिनों के सस्पेंस के बाद राहुल गांधी Vs दिनेश प्रताप सिंह के बीच रायबरेली में चुनावी संग्राम होगा. जबकि अमेठी में स्मृति ईरानी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा चुनाव मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस अमेठी में अपने उम्मीदवार के जीत का दावा कर रही है, तो वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राहुल गांधी पर पर वार कर रही हैं.


उत्तरप्रदेश:- आखिरकार राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का आखिरी गढ़ बचाने आ ही गए हैं. लेकिन वो अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव मैदान में उतरे हैं. रायबरेली से नामांकन के वक्त को उन्होंने भावुक पल भी बताया है. लेकिन बीजेपी, राहुल गांधी के अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने पर सवाल पूछ रही है. कड़े प्रहार कर रही है. कांग्रेस की मानें तो पार्टी ने फैसला सोच-समझ कर लिया है. जबकि बीजेपी राहुल गांधी पर हार का खतरा होने का तंज कस रही है. माना जा रहा है कि रायबरेली से गांधी परिवार का भावनात्मक जुड़ाव है और अभी तक ये कांग्रेस का अभेद्य किला है और हार का खतरा भी कम है. इस बीच, 17 प्रतिशत वाले फैक्टर की चर्चा भी बहुत हो रही है. आइए उसका गणित समझते हैं.

17 फीसदी वाला गणित क्या है - जान लें कि साल 2009 में सोनिया गांधी को 72.23 प्रतिशत वोट मिले थे और बीजेपी को सिर्फ 3.82 फीसदी वोट मिला था. तब कांग्रेस और बीजेपी में वोटों का अंतर 68.41 प्रतिशत का था. फिर 2014 के चुनाव में सोनिया गांधी ने 63.80 प्रतिशत वोट हासिल किए और बीजेपी ने 21.05 फीसदी वोट पाए. 2014 में कांग्रेस को 8.43 फीसदी वोटों का घाटा हुआ था. वहीं, बीजेपी को 17.23 प्रतिशत वोट का लाभ मिला. दोनों दलों के मतों का अंतर कम होकर 42.75 फीसदी हो गया.

क्यों चिंता में है कांग्रेस - साल 2019 में सोनिया गांधी को 55.78 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी ने 38.35 प्रतिशत वोट पाए थे. इस बार कांग्रेस को 8.02 प्रतिशत का नुकसान हुआ था. वहीं, बीजेपी को इस बार भी 17.3 प्रतिशत का फायदा हुआ था. जीत और हार का अंतर घटकर 17.43 प्रतिशत ही रह गया. ध्यान देने वाली बात है कि रायबरेली में पिछले चुनाव में बीजेपी 17.43 प्रतिशत वोटों के अंतर से ही हारी थी. पिछले दो चुनाव से बीजेपी अपने वोट 17 प्रतिशत तक बढ़ा ले रही है. ये कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन गया है.

रायबरेली में किसका दबदबा - राहुल गांधी के साथ जो मुकाबला पिछले दो आम चुनाव में हुआ था वो अमेठी में स्मृति ईरानी Vs राहुल गांधी के बीच हुआ. लेकिन ये सीट 2019 में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने जीत ली. आखिरकार कई दिनों के सस्पेंस के बाद राहुल गांधी Vs दिनेश प्रताप सिंह के बीच रायबरेली में चुनावी संग्राम होगा. जबकि अमेठी में स्मृति ईरानी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा चुनाव मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस अमेठी में अपने उम्मीदवार के जीत का दावा कर रही है, तो वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राहुल गांधी पर पर वार कर रही हैं.


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