जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों-ठेकेदारों ने बनाया भ्रष्टाचार मिशन...:

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बीजापुर में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की सेंध लग चुकी है

बीजापुर । केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों ने भ्रष्टाचार का मिशन बनाकर रख दिया। ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों के काम रेवड़ी की तरह बांट दिया। नतीजा करोड़ों के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया और जेब भरे होने से अधिकारी घृतराष्ट्र बने बैठे रहे। जिससे करोड़ों का काम होने के बाद भी आज भी गांवों में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।टंंकी और नल कनेक्शन शोपीस बनकर रह गए हैं।

यहां बताना होगा कि जिले के लगभग 1570 गांवों में हर घर जल के नारों के साथ पीएम मोदी की मंशानुरूप ग्रामीणों को उनके घरों तक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति करने जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है।ताकि माताओं बहनों को पेयजल के लिए मजबूरन हैण्डपम्प ,तालाब ,कुंआ ,नहर व अन्य जल स्रोतों तक जाने मशक्कत न करनी पड़े। सुरक्षित व गौरवपूर्ण जीवन जी सकें।लेकिन योजना में तमाम दिक्कतों की वजह से इसकी मियाद बढ़ती रही।अब छत्तीसगढ़ को जल जीवन मिशन की योजना दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है।लेकिन शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी जल जीवन मिशन की योजना छत्तीसगढ़ में सिसक रही है।

बीजापुर में पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन को भ्रष्टाचार की सेंध लग चुकी है

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गांवों तक आकर दम तोड़ रही है।हम बात कर रहे है जल जीवन मिशन योजना की।बीजापुर जिले में यह योजना कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गयी है।जिले के हर गांव तक शुद्ध जल पहुंचाने का जिम्मा शासन और प्रशासन का था।केंद्र की जल जीवन मिशन के तहत गांव में पानी की टंकी बनाने एवं पाईप लाईन बिछाने का जिम्मा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को दिया गया था।

चार सौ करोड़ का जल जीवन मिशन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट

जिले में लगभग चार सौ करोड़ की परियोजना का पीएचई के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर बंदरबांट कर रहे है। जल निगम ने ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन बिछाने एवं पानी की टँकी बनाने का काम जिले के ठेकेदारों को दिया। ठेकेदारों ने घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग कर स्टैंड पोष्ट और चबूतरा निर्माण कार्य तो शुरू कर दिया। कमीशन खोरी के चलते चार सौ करोड़ की जल जीवन मिशन परियोजना को पीएचई के अधिकारी ही पलीता लगा रहे है।जिले के जिम्मेदार अधिकरियों को चाहिए ऐसे लापरवाह अफसरों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।ताकि केंद्र की योजनाओं का लाभ उनके हितग्राहियों तक पहुंचने में कोई परेशानी ना आए।

करोड़ो खर्च के बाद भी पानी की एक बूंद को तरसते ग्रामीण

कहीं बाल्टी भर पानी मिल पा रहा है तो कहीं तो नल कलेक्शन घरों के सामने बनकर धूल खाते पड़े हैं।जहां पानी का बूंद भर नहीं पहुंच पाया।निर्माण कार्य में जमकर गड़बड़ी हुई है।जिसका नतीजा यह है कि पानी भले ही बूंद भर न मिला हो लेकिन घरों के सामने बनाए गए नल कनेक्शन के लिए चबूतरे टूट-फूट कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।करोड़ों की पानी टंकी अधूरी है तो कंही लिकेज है।घरों तक पानी पहुंचाने जो पाइप लाइन बिछाया गया है वो भी अधूरा है,जगह-जगह से लिकेज हैं मगर इसके बावजूद ठेकेदारों को आंख मूंदकर भुगतान किया गया।जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों ने कमाई का मिशन बना दिया।


जल जीवन मिशन का कार्य पेटी ठेकेदारों के भरोसे

ठेकेदार काम लेकर छोटे ठेकेदारों को पेटी में काम दे रहे है।पेटी ठेकेदारों पर अनियमित अराजक एवं मनमाने ढंग से ग्रामों में गुणवत्ताहीन कार्य कराने, पाईप, वॉल्वस, सेडल पीस, इलेक्ट्रो क्लोरिनेटर इत्यादि की गुणवत्ता निविदा में दिए मानकों के अनुरूप नहीं होने , पाइप बिछाने के मानकों का कहीं भी पालन नहीं होने,पोस्ट स्टैंड की गुणवत्ता घटिया स्तर के होने एवं निर्धारित स्थलों की बजाय कहीं भी मनमाने ढंग से बनाने टँकी निर्माण के कार्यों में गम्भीर लापरवाही बरतने के साथ साथ लिए गए कार्यों की अधीनस्थ कार्य कर रहे अमले को तकनीकि सुझबूझ एवं विशेषज्ञता की कमी के कारण कार्य के क्रियान्वयन में व्यापक अनियमितताएं सहित अन्य खामियां होना पाया गया है।


जल जीवन मिशन योजना अधूरे हैं, बीजेपी एक्शन मोड में

अधूरे कार्यो के चलते जनता भीषण गर्मी में प्यासी रह गई।केंद्रीय योजनाओं की हो रही जमकर फजीहत का नुकसान आसन्न आम चुनावों में भुगतना न पड़े इसको लेकर बीजेपी भी अब एक्शन मोड में है।ऐसे में केंद्रीय योजना जल जीवन मिशन में व्याप्त खामियों की शिकायत पीएम मोदी तक किए जाने के आसार हैं।जांच हुई तो ठेकेदार से लेकर जिम्मेदार अधिकारी रडार में आएंगे।


बीजापुर में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की सेंध लग चुकी है

बीजापुर । केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों ने भ्रष्टाचार का मिशन बनाकर रख दिया। ठेकेदारों के साथ सांठगांठ कर करोड़ों के काम रेवड़ी की तरह बांट दिया। नतीजा करोड़ों के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया और जेब भरे होने से अधिकारी घृतराष्ट्र बने बैठे रहे। जिससे करोड़ों का काम होने के बाद भी आज भी गांवों में ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है।टंंकी और नल कनेक्शन शोपीस बनकर रह गए हैं।

यहां बताना होगा कि जिले के लगभग 1570 गांवों में हर घर जल के नारों के साथ पीएम मोदी की मंशानुरूप ग्रामीणों को उनके घरों तक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलापूर्ति करने जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई है।ताकि माताओं बहनों को पेयजल के लिए मजबूरन हैण्डपम्प ,तालाब ,कुंआ ,नहर व अन्य जल स्रोतों तक जाने मशक्कत न करनी पड़े। सुरक्षित व गौरवपूर्ण जीवन जी सकें।लेकिन योजना में तमाम दिक्कतों की वजह से इसकी मियाद बढ़ती रही।अब छत्तीसगढ़ को जल जीवन मिशन की योजना दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है।लेकिन शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी जल जीवन मिशन की योजना छत्तीसगढ़ में सिसक रही है।

बीजापुर में पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन को भ्रष्टाचार की सेंध लग चुकी है

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गांवों तक आकर दम तोड़ रही है।हम बात कर रहे है जल जीवन मिशन योजना की।बीजापुर जिले में यह योजना कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गयी है।जिले के हर गांव तक शुद्ध जल पहुंचाने का जिम्मा शासन और प्रशासन का था।केंद्र की जल जीवन मिशन के तहत गांव में पानी की टंकी बनाने एवं पाईप लाईन बिछाने का जिम्मा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को दिया गया था।

चार सौ करोड़ का जल जीवन मिशन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट

जिले में लगभग चार सौ करोड़ की परियोजना का पीएचई के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर बंदरबांट कर रहे है। जल निगम ने ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन बिछाने एवं पानी की टँकी बनाने का काम जिले के ठेकेदारों को दिया। ठेकेदारों ने घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग कर स्टैंड पोष्ट और चबूतरा निर्माण कार्य तो शुरू कर दिया। कमीशन खोरी के चलते चार सौ करोड़ की जल जीवन मिशन परियोजना को पीएचई के अधिकारी ही पलीता लगा रहे है।जिले के जिम्मेदार अधिकरियों को चाहिए ऐसे लापरवाह अफसरों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।ताकि केंद्र की योजनाओं का लाभ उनके हितग्राहियों तक पहुंचने में कोई परेशानी ना आए।

करोड़ो खर्च के बाद भी पानी की एक बूंद को तरसते ग्रामीण

कहीं बाल्टी भर पानी मिल पा रहा है तो कहीं तो नल कलेक्शन घरों के सामने बनकर धूल खाते पड़े हैं।जहां पानी का बूंद भर नहीं पहुंच पाया।निर्माण कार्य में जमकर गड़बड़ी हुई है।जिसका नतीजा यह है कि पानी भले ही बूंद भर न मिला हो लेकिन घरों के सामने बनाए गए नल कनेक्शन के लिए चबूतरे टूट-फूट कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।करोड़ों की पानी टंकी अधूरी है तो कंही लिकेज है।घरों तक पानी पहुंचाने जो पाइप लाइन बिछाया गया है वो भी अधूरा है,जगह-जगह से लिकेज हैं मगर इसके बावजूद ठेकेदारों को आंख मूंदकर भुगतान किया गया।जल जीवन मिशन को पीएचई के अफसरों ने कमाई का मिशन बना दिया।


जल जीवन मिशन का कार्य पेटी ठेकेदारों के भरोसे

ठेकेदार काम लेकर छोटे ठेकेदारों को पेटी में काम दे रहे है।पेटी ठेकेदारों पर अनियमित अराजक एवं मनमाने ढंग से ग्रामों में गुणवत्ताहीन कार्य कराने, पाईप, वॉल्वस, सेडल पीस, इलेक्ट्रो क्लोरिनेटर इत्यादि की गुणवत्ता निविदा में दिए मानकों के अनुरूप नहीं होने , पाइप बिछाने के मानकों का कहीं भी पालन नहीं होने,पोस्ट स्टैंड की गुणवत्ता घटिया स्तर के होने एवं निर्धारित स्थलों की बजाय कहीं भी मनमाने ढंग से बनाने टँकी निर्माण के कार्यों में गम्भीर लापरवाही बरतने के साथ साथ लिए गए कार्यों की अधीनस्थ कार्य कर रहे अमले को तकनीकि सुझबूझ एवं विशेषज्ञता की कमी के कारण कार्य के क्रियान्वयन में व्यापक अनियमितताएं सहित अन्य खामियां होना पाया गया है।


जल जीवन मिशन योजना अधूरे हैं, बीजेपी एक्शन मोड में

अधूरे कार्यो के चलते जनता भीषण गर्मी में प्यासी रह गई।केंद्रीय योजनाओं की हो रही जमकर फजीहत का नुकसान आसन्न आम चुनावों में भुगतना न पड़े इसको लेकर बीजेपी भी अब एक्शन मोड में है।ऐसे में केंद्रीय योजना जल जीवन मिशन में व्याप्त खामियों की शिकायत पीएम मोदी तक किए जाने के आसार हैं।जांच हुई तो ठेकेदार से लेकर जिम्मेदार अधिकारी रडार में आएंगे।


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