जानलेवा भी हो सकता है एनीमिया, जानिए इसका कारण और बचाव का तरीका:

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एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पर्याप्त स्वस्थ रेड ब्लड सेल्स बनना बंद हो जाते हैं। रेड ब्लड सेल्स शरीर के टिश्यू को ऑक्सीजन प्रदान करती हैं। इसके कई कारण होते हैं, शारीरिक समस्याओं से लेकर डाइट में की जाने वाली गलतियां इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। बहुत से लोगों को एनीमिया के असल कारण का पता नहीं होता, इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है इसके कारण समझना। तभी आप उपचार मुमकिन हो सकता है (Anemia treatment)।

यदि इसे अनट्रीटेड छोड़ जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, इसीलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इस विषय पर अधिक विस्तार से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल के क्लीनिकल डायरेक्टर ऑफ़ हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट डॉक्टर मीत कुमार से बात की। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

अलग-अलग प्रकार की होती है एनीमिया

विटामिन बी12 की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है।

फोलेट (फोलिक एसिड) की कमी के कारण एनीमिया होना।

आयरन की कमी के कारण एनीमिया होना।

क्रोनिक डिजीज के कारण एनीमिया होना।

हेमोलिटिक एनीमिया

इडियोपैथिक अप्लास्टिक एनीमिया

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया

थैलेसीमिया

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया इसका सबसे आम प्रकार है।

जानें एनीमिया के कारण -

शरीर के कई अंग रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करते हैं, लेकिन ज़्यादातर काम बोन मैरो में होता है। बोन मैरो हड्डियों के केंद्र में स्थित सॉफ्ट टिश्यू है, जो सभी ब्लड वेसल्स को बनाने में मदद करता है।

हेल्दी ब्लड सेल्स 90 से 120 दिनों तक चलती हैं। फिर आपके शरीर के अंग पुरानी रक्त कोशिकाओं को हटा देते हैं। आपके किडनी में बनने वाला एरिथ्रोपोइटिन (ईपीओ) नामक हार्मोन आपके बोन मैरो को अधिक मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बनाने का संकेत देता है।

हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स के अंदर ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को उनका रंग देता है। एनीमिया से पीड़ित लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी होती है।

शरीर को पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए विटामिन, मिनरल्स जैसे अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आयरन, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड तीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी एनीमिया का कारण बनती है। वहीं इनकी कमी के निम्न कारण से हो सकते हैं:

पेट या आंतों की परत में परिवर्तन जो पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करते हैं (उदाहरण के लिए, सीलिएक रोग)

अनहेल्दी डाइट

सर्जरी जिसमें पेट या आंतों का हिस्सा निकाल दिया जाता है

एनीमिया के संभावित कारणों में शामिल हैं:

आयरन की कमी

विटामिन बी12 की कमी

फोलेट की कमी

गर्भावस्था

कुछ प्रकार की दवाओं का सेवन

लाल रक्त कोशिकाओं का सामान्य से पहले नष्ट होना (जो प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं के कारण हो सकता है)

क्रॉनिक डिजीज जैसे कि क्रोनिक किडनी रोग, कैंसर, अल्सरेटिव कोलाइटिस या रुमेटीइड गठिया

एनीमिया के कुछ रूप, जैसे कि थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया।

लिम्फोमा, ल्यूकेमिया, मायलोडिस्प्लासिया, मल्टीपल मायलोमा या अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बोन मैरो से जुड़ी समस्याएं

धीमी गति से ब्लड लॉस होना (उदाहरण के लिए, भारी मासिक धर्म या पेट के अल्सर से)

अचानक से ब्लड लॉस होना, जैसे एक्सीडेंट

क्या हो सकता है एनीमिया के उपचार का सही तरीका -

एनीमिया का ट्रीटमेंट आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। सबसे पहले इसके कारण का पता लगाया जाता है, और फिर गंभीरता को देखते हुए इसका ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है। जिसमें ब्लड लेवल को मेंटेन रखने के लिए डाइटरी बदलाव किए जाते हैं, साथ ही साथ सप्लीमेंट्स, दवाइयां दी जाती है और ब्लड लॉस को ट्रीट करने के लिए सर्जरी की जाती है।

एनीमिया ट्रीटमेंट में सबसे महत्वपूर्ण है, कुछ खास तरह के पोषक तत्वों का ध्यान रखना जिनमें शामिल हैं:

1. आयरन (iron)

आपके शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरन की आवश्यकता होती है। शरीर में आयरन की मात्रा को बनाए रखने के लिए आप अपनी नियमित डाइट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कई बार डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह देते हैं। पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, किशमिश, प्रूण जूस आदि में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है।

2. विटामिन B12 (vitamin B12)

एनीमिया ट्रीटमेंट में विटामिन B12 का भी एक महत्वपूर्ण रोल होता है। यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स को प्रोत्साहित करता है, और हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने देता। बॉडी में विटामिन B12 को मेंटेन रखने के लिए मीट, मछली, अंडा अन्य डेरी प्रोडक्ट जैसे कि दूध, दही इसके साथ ही सोए बेस्ड प्रोडक्ट्स को डाइट में शामिल करें।

3. फोलिक एसिड (folic acid)

फोलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है, जो कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शरीर को नए सेल्स को मेंटेन करने के लिए फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। खास कर यह प्रेगनेंसी में अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

फोलिक एसिड प्रेग्नेंट महिलाओं में एनीमिया को अवॉइड करने में मदद करता है, और फिटस के हेल्दी ग्रोथ को बढ़ावा देता है। खाद्य स्रोत के माध्यम से फोलिक एसिड प्राप्त करने के लिए अपनी डाइट में चावल शामिल करें। इसके अलावा पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियां, अंडा, ड्राइड बीन्स, केला, संतरा, संतरे का जूस और अन्य फलों का सेवन करें।

4. विटामिन सी (vitamin c)

शरीर में विटामिन सी की उचित मात्रा आयरन अवशोषण को बढ़ावा देती है। इसलिए एनीमिया में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शरीर में विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाने के लिए खट्टे फलों का सेवन करें, जैसे की संतरा, ग्रेप फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि। वहीं यदि विटामिन सी युक्त सब्जियों की बात करें तो ब्रोकली, स्प्राउट्स, टमाटर, पत्ता गोभी, आलू और पालक में इसकी भरपूर मात्रा मौजूद होती है।


एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पर्याप्त स्वस्थ रेड ब्लड सेल्स बनना बंद हो जाते हैं। रेड ब्लड सेल्स शरीर के टिश्यू को ऑक्सीजन प्रदान करती हैं। इसके कई कारण होते हैं, शारीरिक समस्याओं से लेकर डाइट में की जाने वाली गलतियां इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। बहुत से लोगों को एनीमिया के असल कारण का पता नहीं होता, इसलिए सबसे महत्वपूर्ण है इसके कारण समझना। तभी आप उपचार मुमकिन हो सकता है (Anemia treatment)।

यदि इसे अनट्रीटेड छोड़ जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, इसीलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इस विषय पर अधिक विस्तार से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल के क्लीनिकल डायरेक्टर ऑफ़ हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट डॉक्टर मीत कुमार से बात की। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

अलग-अलग प्रकार की होती है एनीमिया

विटामिन बी12 की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है।

फोलेट (फोलिक एसिड) की कमी के कारण एनीमिया होना।

आयरन की कमी के कारण एनीमिया होना।

क्रोनिक डिजीज के कारण एनीमिया होना।

हेमोलिटिक एनीमिया

इडियोपैथिक अप्लास्टिक एनीमिया

मेगालोब्लास्टिक एनीमिया

सिकल सेल एनीमिया

थैलेसीमिया

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया इसका सबसे आम प्रकार है।

जानें एनीमिया के कारण -

शरीर के कई अंग रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करते हैं, लेकिन ज़्यादातर काम बोन मैरो में होता है। बोन मैरो हड्डियों के केंद्र में स्थित सॉफ्ट टिश्यू है, जो सभी ब्लड वेसल्स को बनाने में मदद करता है।

हेल्दी ब्लड सेल्स 90 से 120 दिनों तक चलती हैं। फिर आपके शरीर के अंग पुरानी रक्त कोशिकाओं को हटा देते हैं। आपके किडनी में बनने वाला एरिथ्रोपोइटिन (ईपीओ) नामक हार्मोन आपके बोन मैरो को अधिक मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बनाने का संकेत देता है।

हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स के अंदर ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को उनका रंग देता है। एनीमिया से पीड़ित लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी होती है।

शरीर को पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए विटामिन, मिनरल्स जैसे अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आयरन, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड तीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी एनीमिया का कारण बनती है। वहीं इनकी कमी के निम्न कारण से हो सकते हैं:

पेट या आंतों की परत में परिवर्तन जो पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करते हैं (उदाहरण के लिए, सीलिएक रोग)

अनहेल्दी डाइट

सर्जरी जिसमें पेट या आंतों का हिस्सा निकाल दिया जाता है

एनीमिया के संभावित कारणों में शामिल हैं:

आयरन की कमी

विटामिन बी12 की कमी

फोलेट की कमी

गर्भावस्था

कुछ प्रकार की दवाओं का सेवन

लाल रक्त कोशिकाओं का सामान्य से पहले नष्ट होना (जो प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं के कारण हो सकता है)

क्रॉनिक डिजीज जैसे कि क्रोनिक किडनी रोग, कैंसर, अल्सरेटिव कोलाइटिस या रुमेटीइड गठिया

एनीमिया के कुछ रूप, जैसे कि थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया।

लिम्फोमा, ल्यूकेमिया, मायलोडिस्प्लासिया, मल्टीपल मायलोमा या अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बोन मैरो से जुड़ी समस्याएं

धीमी गति से ब्लड लॉस होना (उदाहरण के लिए, भारी मासिक धर्म या पेट के अल्सर से)

अचानक से ब्लड लॉस होना, जैसे एक्सीडेंट

क्या हो सकता है एनीमिया के उपचार का सही तरीका -

एनीमिया का ट्रीटमेंट आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। सबसे पहले इसके कारण का पता लगाया जाता है, और फिर गंभीरता को देखते हुए इसका ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है। जिसमें ब्लड लेवल को मेंटेन रखने के लिए डाइटरी बदलाव किए जाते हैं, साथ ही साथ सप्लीमेंट्स, दवाइयां दी जाती है और ब्लड लॉस को ट्रीट करने के लिए सर्जरी की जाती है।

एनीमिया ट्रीटमेंट में सबसे महत्वपूर्ण है, कुछ खास तरह के पोषक तत्वों का ध्यान रखना जिनमें शामिल हैं:

1. आयरन (iron)

आपके शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में आयरन की आवश्यकता होती है। शरीर में आयरन की मात्रा को बनाए रखने के लिए आप अपनी नियमित डाइट में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कई बार डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह देते हैं। पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, किशमिश, प्रूण जूस आदि में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है।

2. विटामिन B12 (vitamin B12)

एनीमिया ट्रीटमेंट में विटामिन B12 का भी एक महत्वपूर्ण रोल होता है। यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स को प्रोत्साहित करता है, और हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने देता। बॉडी में विटामिन B12 को मेंटेन रखने के लिए मीट, मछली, अंडा अन्य डेरी प्रोडक्ट जैसे कि दूध, दही इसके साथ ही सोए बेस्ड प्रोडक्ट्स को डाइट में शामिल करें।

3. फोलिक एसिड (folic acid)

फोलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है, जो कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। शरीर को नए सेल्स को मेंटेन करने के लिए फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। खास कर यह प्रेगनेंसी में अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

फोलिक एसिड प्रेग्नेंट महिलाओं में एनीमिया को अवॉइड करने में मदद करता है, और फिटस के हेल्दी ग्रोथ को बढ़ावा देता है। खाद्य स्रोत के माध्यम से फोलिक एसिड प्राप्त करने के लिए अपनी डाइट में चावल शामिल करें। इसके अलावा पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियां, अंडा, ड्राइड बीन्स, केला, संतरा, संतरे का जूस और अन्य फलों का सेवन करें।

4. विटामिन सी (vitamin c)

शरीर में विटामिन सी की उचित मात्रा आयरन अवशोषण को बढ़ावा देती है। इसलिए एनीमिया में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। शरीर में विटामिन सी की मात्रा को बढ़ाने के लिए खट्टे फलों का सेवन करें, जैसे की संतरा, ग्रेप फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि। वहीं यदि विटामिन सी युक्त सब्जियों की बात करें तो ब्रोकली, स्प्राउट्स, टमाटर, पत्ता गोभी, आलू और पालक में इसकी भरपूर मात्रा मौजूद होती है।


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