केरल के कोझिकोड में दिमाग खाने वाले अमीबा ने एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली:

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कोझिकोड।‌ केरल के कोझिकोड में दिमाग खाने वाले अमीबा ने एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली। मृदुल नाम का यह लड़का एक छोटे तालाब में नहाने गया जिसके बाद वह संक्रमित हुआ। इस बीमारी को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) नाम से जानते हैं जो नेगलेरिया फाउलेरी नामक अमीबा की वजह से होती है। जब पानी के जरिये यह अमीबा शरीर में पहुंचता है तो महज चार दिन के अंदर यह इंसान के नर्वस सिस्टम यानी दिमाग पर वार करना शुरू कर देता है। 14 दिन के अंतराल में यह दिमाग में सूजन पैदा कर देता है जिसकी वजह से मरीज की मौत हो जाती है।

इस साल केरल में इस बीमारी से यह तीसरी मौत है। हालांकि इससे पहले भी देश के विभिन्न अस्पतालों में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस बीमारी के मामले सामने आते रहे हैं। केंद्र सरकार के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के मुताबिक, अब तक केरल से लेकर हरियाणा और चंडीगढ़ तक 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से छह मौत 2021 के बाद दर्ज की गईं। केरल में पहला मामला 2016 में सामने आया तब से अब तक यहां आठ मरीज मिले हैं और सभी की मौत हुई।

नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, साल 2019 तक देश में इस बीमारी के 17 मामले सामने आए लेकिन कोरोना महामारी के बाद कई तरह के संक्रमणों में उछाल देखने को मिला है। इसलिए शायद अचानक से बढ़ी इस बीमारी के पीछे यह एक कारण हो सकता है। 26 मई 2019 को हरियाणा में एक आठ माह की बच्ची में यह बीमारी सामने आई।


कोझिकोड।‌ केरल के कोझिकोड में दिमाग खाने वाले अमीबा ने एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली। मृदुल नाम का यह लड़का एक छोटे तालाब में नहाने गया जिसके बाद वह संक्रमित हुआ। इस बीमारी को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) नाम से जानते हैं जो नेगलेरिया फाउलेरी नामक अमीबा की वजह से होती है। जब पानी के जरिये यह अमीबा शरीर में पहुंचता है तो महज चार दिन के अंदर यह इंसान के नर्वस सिस्टम यानी दिमाग पर वार करना शुरू कर देता है। 14 दिन के अंतराल में यह दिमाग में सूजन पैदा कर देता है जिसकी वजह से मरीज की मौत हो जाती है।

इस साल केरल में इस बीमारी से यह तीसरी मौत है। हालांकि इससे पहले भी देश के विभिन्न अस्पतालों में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस बीमारी के मामले सामने आते रहे हैं। केंद्र सरकार के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के मुताबिक, अब तक केरल से लेकर हरियाणा और चंडीगढ़ तक 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से छह मौत 2021 के बाद दर्ज की गईं। केरल में पहला मामला 2016 में सामने आया तब से अब तक यहां आठ मरीज मिले हैं और सभी की मौत हुई।

नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, साल 2019 तक देश में इस बीमारी के 17 मामले सामने आए लेकिन कोरोना महामारी के बाद कई तरह के संक्रमणों में उछाल देखने को मिला है। इसलिए शायद अचानक से बढ़ी इस बीमारी के पीछे यह एक कारण हो सकता है। 26 मई 2019 को हरियाणा में एक आठ माह की बच्ची में यह बीमारी सामने आई।


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