राजस्थान में भी है सोमनाथ मंदिर, यहां भी हुआ था महमूद गजनवी और अलाउद्दीन खिलजी का हमला:

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पाली. सावन आने को है. शिव की आराधना का पर्व सावन मास में पूरे देश के शिवालयों में भक्ति की गंगा बहती है. हम आपको पाली के उस प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर के बारे में बताते हैं जिसका सीधा संबंध गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है. मंदिर के अद्भुत स्थापत्य के आधार पर इतिहासकारों और पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना है इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया. अतीत में इसका नाम सोमेश्वर था.


गुजरात में स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के बारे में तो हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं. महमूद गजनवी के 17 आक्रमण झेल चुके इस मंदिर की कहानी लंबी है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली में भी महादेव जी का एक मंदिर है जो आज से 1121 वर्ष पुराना है. लोग इसे चमत्कारी मानते हैं. मंदिर में पिछले 221 वर्षों से देशी घी की अखंड ज्योत प्रज्जवलित हो रही है. इस मंदिर पर भी कई विदेशी शासकों के आक्रमण हुए हैं. मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया. जो आज भी दिखाई देती हैं. लेकिन उसके बाद भी यह मंदिर अपने वैभव के साथ खड़ा है. श्रावण माह में यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगती हैं.


सोमनाथ मंदिर से पाली पहुंचा था शिवलिंग

इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी कहानी कहती है कि गुजरात जा रहे महमूद गजनवी ने रास्ते में वैभव सम्पन्न पाली को लूटते हुए सोमेश्वर (सोमनाथ) मंदिर में तोड़-फोड़ की. मूर्तियां और शिवलिंग भी खंडित कर आगे गुजरात की तरफ बढ़ गया. ये समाचार पाकर सौराष्ट्र सोमनाथ मंदिर पर महमूद गजनवी के हमले की आशंका को देखते हुए गुजरात के राजा कुमारपाल रथ में शिवलिंग लेकर पाली पहुंचे और यहां के पल्लीवाल ब्राह्मणों को सौंप दिया. तब वो शिवलिंग भी यहां स्थापित किया गया.


पाली. सावन आने को है. शिव की आराधना का पर्व सावन मास में पूरे देश के शिवालयों में भक्ति की गंगा बहती है. हम आपको पाली के उस प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर के बारे में बताते हैं जिसका सीधा संबंध गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है. मंदिर के अद्भुत स्थापत्य के आधार पर इतिहासकारों और पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना है इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया. अतीत में इसका नाम सोमेश्वर था.


गुजरात में स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के बारे में तो हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं. महमूद गजनवी के 17 आक्रमण झेल चुके इस मंदिर की कहानी लंबी है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली में भी महादेव जी का एक मंदिर है जो आज से 1121 वर्ष पुराना है. लोग इसे चमत्कारी मानते हैं. मंदिर में पिछले 221 वर्षों से देशी घी की अखंड ज्योत प्रज्जवलित हो रही है. इस मंदिर पर भी कई विदेशी शासकों के आक्रमण हुए हैं. मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया. जो आज भी दिखाई देती हैं. लेकिन उसके बाद भी यह मंदिर अपने वैभव के साथ खड़ा है. श्रावण माह में यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगती हैं.


सोमनाथ मंदिर से पाली पहुंचा था शिवलिंग

इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी कहानी कहती है कि गुजरात जा रहे महमूद गजनवी ने रास्ते में वैभव सम्पन्न पाली को लूटते हुए सोमेश्वर (सोमनाथ) मंदिर में तोड़-फोड़ की. मूर्तियां और शिवलिंग भी खंडित कर आगे गुजरात की तरफ बढ़ गया. ये समाचार पाकर सौराष्ट्र सोमनाथ मंदिर पर महमूद गजनवी के हमले की आशंका को देखते हुए गुजरात के राजा कुमारपाल रथ में शिवलिंग लेकर पाली पहुंचे और यहां के पल्लीवाल ब्राह्मणों को सौंप दिया. तब वो शिवलिंग भी यहां स्थापित किया गया.


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