भाजपा सरकार हत्यारों को संरक्षण दे रही : कांग्रेस:

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रायपुर । आरंग मॉब लीचिंग के मामले में पुलिस ने अपराधियों को बचाने आरोप पत्र में लीपा पोती की है। इस मामले की न्यायिक जांच होना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से आरोपियों को बचाने का था, पहले हत्या के बदले सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज किया गया। अब आरोप पत्र में पुल से कूदने के कारण घायल होकर मौत होना बताया गया है। पुलिस के आरोप पत्र से साफ हो गया है कि भाजपा सरकार मॉब लीचिंग जैसे घिनौने क्रूर अपराध के आरोपियों को बचाना चाहती है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि माब लीचिंग की इस घटना ने छत्तीसगढ़ के सर को शर्म से झुका दिया है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पुलिस के आरोप पत्र के पहले जो बयान दिया था कि पुल से कूदने से मौत हुई थी। ऐसा लग रहा बृजमोहन अग्रवाल के बयान को आधार बना कर पुलिस ने आरोप पत्र बनाया है।

उन्होंने कहा कि इस घटना में एक दर्जन से अधिक अराजक तत्वों ने पीट-पीट कर तीन लोगो की हत्या कर दी। दहशत गर्दो ने सरेआम कुछ लोगों पर लाठियों, डंडो और धारदार हथियार से हमला बोला था जिनमें तीन की जान गयी। इस गंभीर आपराधिक मामले में पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ हत्या को मुकदमा दर्ज करने के बजाय सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस द्वारा आरोप पत्र में पुल से कूदने से मौत बताकर अपराधियों को कोर्ट से छुट जाने का रास्ता तैयार किया गया है।


रायपुर । आरंग मॉब लीचिंग के मामले में पुलिस ने अपराधियों को बचाने आरोप पत्र में लीपा पोती की है। इस मामले की न्यायिक जांच होना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से आरोपियों को बचाने का था, पहले हत्या के बदले सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज किया गया। अब आरोप पत्र में पुल से कूदने के कारण घायल होकर मौत होना बताया गया है। पुलिस के आरोप पत्र से साफ हो गया है कि भाजपा सरकार मॉब लीचिंग जैसे घिनौने क्रूर अपराध के आरोपियों को बचाना चाहती है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि माब लीचिंग की इस घटना ने छत्तीसगढ़ के सर को शर्म से झुका दिया है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पुलिस के आरोप पत्र के पहले जो बयान दिया था कि पुल से कूदने से मौत हुई थी। ऐसा लग रहा बृजमोहन अग्रवाल के बयान को आधार बना कर पुलिस ने आरोप पत्र बनाया है।

उन्होंने कहा कि इस घटना में एक दर्जन से अधिक अराजक तत्वों ने पीट-पीट कर तीन लोगो की हत्या कर दी। दहशत गर्दो ने सरेआम कुछ लोगों पर लाठियों, डंडो और धारदार हथियार से हमला बोला था जिनमें तीन की जान गयी। इस गंभीर आपराधिक मामले में पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ हत्या को मुकदमा दर्ज करने के बजाय सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस द्वारा आरोप पत्र में पुल से कूदने से मौत बताकर अपराधियों को कोर्ट से छुट जाने का रास्ता तैयार किया गया है।


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