चिरायता का पानी लिवर को डेटॉक्सीफी करने में सहायक होता है:

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भारतीय चिकित्सा पद्वति में कालमेघ एक दिव्य गुणकारी औषधीय पौधा है जिसको हरा चिरायता, देशी चिरायता, बेलवेन, किरयित् के नामों से भी जाना जाता है। भारत में यह पौधा पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश में अधिक पाया जाता है। 

चिरायता में मौजूद एंटी-वायरल गुण फायदेमंद हो सकते हैं। चिरायते की जड़ से खांसी, बुखार और जुकाम से राहत मिलती है। कोरोना की वजह से भी बुखार और खांसी जैसे लक्षण नजर आते हैं। इन सभी लक्षणों को ठीक करने में चिरायता मदद कर सकता है।

रोजाना चिरायता पीने से लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद शक्तिशाली हेपेटोप्रोटेक्टिव और हेपेटोस्टिमुलेटिव गुण पीलिया जैसी समस्याओं को दूर रखता है। इसके अलावा यह शरीर से पित्त दोष को भी दूर करता है, जिससे एंजाइम्स को सामान्य स्तर तक लाने में मदद मिलती है। चिराता अपने एंटीऑक्सीडेंट और लिवर-प्रोटेक्टिंग गतिविधियों के कारण लिवर के लिए अच्छा है। एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के कारण लिवर कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकने और उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। चिराता अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण लिवर की सूजन को भी कम करता है।

चिरायता का काढ़ा पीने से आपका वजन तेजी से घट सकता है। इसमें मौजूद गुण पेट में दर्द, गैस, सूजन इत्यादि को कम करता है। साथ ही यह आपके मेटाबॉलिज्म को मजबूती प्रदान करता है, जिससे आप तेजी से वजन घटा सकते हैं। चिरायता का काढ़ा कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी होता है।

चिरायता का पानी पेनक्रियाज के काम काज को तेज करता है और इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें शाम को इसका पानी लेना चाहिए। इससे होगा ये कि ये मेटाबोलिक प्रोसेस को तेज करता है और शुगर संतुलित रखने में मदद करेगा। 


भारतीय चिकित्सा पद्वति में कालमेघ एक दिव्य गुणकारी औषधीय पौधा है जिसको हरा चिरायता, देशी चिरायता, बेलवेन, किरयित् के नामों से भी जाना जाता है। भारत में यह पौधा पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश में अधिक पाया जाता है। 

चिरायता में मौजूद एंटी-वायरल गुण फायदेमंद हो सकते हैं। चिरायते की जड़ से खांसी, बुखार और जुकाम से राहत मिलती है। कोरोना की वजह से भी बुखार और खांसी जैसे लक्षण नजर आते हैं। इन सभी लक्षणों को ठीक करने में चिरायता मदद कर सकता है।

रोजाना चिरायता पीने से लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद शक्तिशाली हेपेटोप्रोटेक्टिव और हेपेटोस्टिमुलेटिव गुण पीलिया जैसी समस्याओं को दूर रखता है। इसके अलावा यह शरीर से पित्त दोष को भी दूर करता है, जिससे एंजाइम्स को सामान्य स्तर तक लाने में मदद मिलती है। चिराता अपने एंटीऑक्सीडेंट और लिवर-प्रोटेक्टिंग गतिविधियों के कारण लिवर के लिए अच्छा है। एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के कारण लिवर कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकने और उन्हें शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। चिराता अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण लिवर की सूजन को भी कम करता है।

चिरायता का काढ़ा पीने से आपका वजन तेजी से घट सकता है। इसमें मौजूद गुण पेट में दर्द, गैस, सूजन इत्यादि को कम करता है। साथ ही यह आपके मेटाबॉलिज्म को मजबूती प्रदान करता है, जिससे आप तेजी से वजन घटा सकते हैं। चिरायता का काढ़ा कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी होता है।

चिरायता का पानी पेनक्रियाज के काम काज को तेज करता है और इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें शाम को इसका पानी लेना चाहिए। इससे होगा ये कि ये मेटाबोलिक प्रोसेस को तेज करता है और शुगर संतुलित रखने में मदद करेगा। 


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