लंबे समय से सर्दी-खांसी पीछा नहीं छोड़ रही है, तो ट्राई करें ये आयुर्वेदिक कफ सिरप:

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मॉनसून और बदलते मौसम में ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम से परेशान रहते हैं, वहीं कुछ लोगों को यह लंबे समय तक परेशान करती है, जिसकी वजह से समय के साथ उनकी छाती में कफ जमा हो जाता है। वहीं कफ काफी ज्यादा जिद्दी होते हैं, इनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होता। इनकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है और आपकी नियमित दिनचर्या पर भी इनका नकारत्मक प्रभाव पड़ता है। क्या आप भी लंबे समय से खांसी जुकाम से परेशान हैं, और कफ (cold and cough) आपका पीछा नहीं छोड़ रहा तो आयुर्वेद के अनुसार सुझाई गयी सामग्री से बने कफ सिरप को आजमाएं।

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ चैताली राठौड़ ने कफ और खांसी में कारगर एक बेहद खास आयुर्वेदिक सिरप की रेसिपी (ayurvedic cough syrup) बताई है तो क्यों न इस मौसम संक्रमण से बचने के लिए इन्हे ट्राई किया जाए।

जानें किस तरह काम करता है ये आयुर्वेदिक कफ सिरप (ayurvedic cough syrup)

1. अडूसा का रस (ardusi juice)

अडूसा के जूस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी, जुकाम और कफ की स्थिति में बेहद कारगर माने जाते हैं, और सांस फूलने की समस्या से राहत प्रदान करते है। वहीं ये जोड़ों के दर्द और सूजन को शांत करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अडूसा में औषधीय गुण होते हैं, जो त्वचा को अच्छी तरह से मैनेज करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग पायरिया और मसूड़ों से खून आने की स्थिति से राहत देता है। वहीं दांत दर्द से राहत प्रदान करता है, पुरानी सर्दी को ठीक करता है। यह तंत्रिका तंत्र के लिए टॉनिक के रूप में जाना जाता है, वहीं इसका सेवन पाचन संबंधी समस्यायों से भी राहत प्रदान करता है।

2. अदरक का रस (ginger juice)

अदरक का इस्तेमाल खांसी और जुकाम के लिए पारंपरिक उपचार के रूप में किया जाता है। अदरक के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के सूजन को कम करने में मदद करते हैं और खांसी की प्रतिक्रिया को दबा देते हैं। अदरक की तासीर गर्म होती है, इस प्रकार यह बलगम को तोड़ने और गले को आराम देने में मदद करता है। अदरक में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं, जिनमें गले में खराश पैदा करने वाले संक्रमण भी शामिल हैं।

3. शहद (honey)

खांसी को शांत करने के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में शहद का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। कुछ रिसर्च का कहना है कि शहद ओवर-द-काउंटर खांसी की दवाओं से ज़्यादा प्रभावी हो सकता है। यह गीली और सूखी दोनों तरह की खांसी में मदद करता है।

शहद गले में जलन को कम कर करते हुए गले से नीचे जाते समय खांसी को ट्रिगर करने वाले रिसेप्टर्स को दबाने में मदद करती है। शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। वहीं शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबायल गुण संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

4. हल्दी (turmeric)

हल्दी खांसी जुकाम की स्थिति में बेहद कारगर होती है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है। हल्दी की गुणवत्ता छाती में जमे कफ को कम करने में मदद कर सकती है। हल्दी का गर्म पेय गले को आराम देने और खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

जानें कैसे तैयार करना है आयुर्वेदिक कफ सिरप 

इसे तैयार करने के लिए आपको चाहिए

अर्दुसी के 4-5 पत्ते

2 से 3 चम्मच अदरक का रस

1 चुटकी के बराबर हल्दी

1 चम्मच शहद

इस तरह तैयार करें

अर्दुसी के 4-5 पत्ते लें, उन्हें धो लें, फिर उन्हें पीसकर उनका रस बना लें (ardusi juice)। ज़रूरत पड़ने पर आप थोड़ा पानी भी मिला सकती हैं।

10-15 मिली अर्दुसी का रस लें, इसमें 10 मिली/2-3 चम्मच ताज़ा अदरक का रस मिलाएं।

फिर इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाएं।

आखिर में 1 चम्मच शहद डालकर सभी को एक साथ मिला लें।

आपका सिरप बनकर तैयार है, खांसी और जुकाम की स्थिति में इसे दिन में 2 से 3 बार लें।

आप इसे वायरल संक्रमण, खांसी, एलर्जिक राइनाइटिस, बुखार और जुकाम की स्थिति में ले सकती हैं।

नोट: सुनिश्चित करें कि आप एक बार में एक ही चम्मच लें, इसका ज़्यादा सेवन न करें।


मॉनसून और बदलते मौसम में ज्यादातर लोग सर्दी जुकाम से परेशान रहते हैं, वहीं कुछ लोगों को यह लंबे समय तक परेशान करती है, जिसकी वजह से समय के साथ उनकी छाती में कफ जमा हो जाता है। वहीं कफ काफी ज्यादा जिद्दी होते हैं, इनसे छुटकारा पाना आसान नहीं होता। इनकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है और आपकी नियमित दिनचर्या पर भी इनका नकारत्मक प्रभाव पड़ता है। क्या आप भी लंबे समय से खांसी जुकाम से परेशान हैं, और कफ (cold and cough) आपका पीछा नहीं छोड़ रहा तो आयुर्वेद के अनुसार सुझाई गयी सामग्री से बने कफ सिरप को आजमाएं।

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ चैताली राठौड़ ने कफ और खांसी में कारगर एक बेहद खास आयुर्वेदिक सिरप की रेसिपी (ayurvedic cough syrup) बताई है तो क्यों न इस मौसम संक्रमण से बचने के लिए इन्हे ट्राई किया जाए।

जानें किस तरह काम करता है ये आयुर्वेदिक कफ सिरप (ayurvedic cough syrup)

1. अडूसा का रस (ardusi juice)

अडूसा के जूस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खांसी, जुकाम और कफ की स्थिति में बेहद कारगर माने जाते हैं, और सांस फूलने की समस्या से राहत प्रदान करते है। वहीं ये जोड़ों के दर्द और सूजन को शांत करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अडूसा में औषधीय गुण होते हैं, जो त्वचा को अच्छी तरह से मैनेज करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग पायरिया और मसूड़ों से खून आने की स्थिति से राहत देता है। वहीं दांत दर्द से राहत प्रदान करता है, पुरानी सर्दी को ठीक करता है। यह तंत्रिका तंत्र के लिए टॉनिक के रूप में जाना जाता है, वहीं इसका सेवन पाचन संबंधी समस्यायों से भी राहत प्रदान करता है।

2. अदरक का रस (ginger juice)

अदरक का इस्तेमाल खांसी और जुकाम के लिए पारंपरिक उपचार के रूप में किया जाता है। अदरक के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के सूजन को कम करने में मदद करते हैं और खांसी की प्रतिक्रिया को दबा देते हैं। अदरक की तासीर गर्म होती है, इस प्रकार यह बलगम को तोड़ने और गले को आराम देने में मदद करता है। अदरक में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं, जिनमें गले में खराश पैदा करने वाले संक्रमण भी शामिल हैं।

3. शहद (honey)

खांसी को शांत करने के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में शहद का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। कुछ रिसर्च का कहना है कि शहद ओवर-द-काउंटर खांसी की दवाओं से ज़्यादा प्रभावी हो सकता है। यह गीली और सूखी दोनों तरह की खांसी में मदद करता है।

शहद गले में जलन को कम कर करते हुए गले से नीचे जाते समय खांसी को ट्रिगर करने वाले रिसेप्टर्स को दबाने में मदद करती है। शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। वहीं शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबायल गुण संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

4. हल्दी (turmeric)

हल्दी खांसी जुकाम की स्थिति में बेहद कारगर होती है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है। हल्दी की गुणवत्ता छाती में जमे कफ को कम करने में मदद कर सकती है। हल्दी का गर्म पेय गले को आराम देने और खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

जानें कैसे तैयार करना है आयुर्वेदिक कफ सिरप 

इसे तैयार करने के लिए आपको चाहिए

अर्दुसी के 4-5 पत्ते

2 से 3 चम्मच अदरक का रस

1 चुटकी के बराबर हल्दी

1 चम्मच शहद

इस तरह तैयार करें

अर्दुसी के 4-5 पत्ते लें, उन्हें धो लें, फिर उन्हें पीसकर उनका रस बना लें (ardusi juice)। ज़रूरत पड़ने पर आप थोड़ा पानी भी मिला सकती हैं।

10-15 मिली अर्दुसी का रस लें, इसमें 10 मिली/2-3 चम्मच ताज़ा अदरक का रस मिलाएं।

फिर इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाएं।

आखिर में 1 चम्मच शहद डालकर सभी को एक साथ मिला लें।

आपका सिरप बनकर तैयार है, खांसी और जुकाम की स्थिति में इसे दिन में 2 से 3 बार लें।

आप इसे वायरल संक्रमण, खांसी, एलर्जिक राइनाइटिस, बुखार और जुकाम की स्थिति में ले सकती हैं।

नोट: सुनिश्चित करें कि आप एक बार में एक ही चम्मच लें, इसका ज़्यादा सेवन न करें।


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