मां बनने वाली हैं, ताे स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए तीसरे महीने से ही इस्तेमाल करें ये 5 एसेंशियल ऑयल:

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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में फैट्स बढ़ने लगते है, ऐसे में त्वचा स्ट्रेच होती है, जिसके चलते गर्भावस्था के बाद अधिकतर महिलाओ को स्ट्रेच मार्क्स का सामना करना पड़ता है। ऐसी महिलाएं जो डिलीवरी के बाद पूरी तरह से वेटलॉस  पर फोकस करने लगती है, उनके स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर दिखने लगते है, जो उनकी चिंता का कारण बन जाते हैं। ऐसे में नेचुरल ऑयल स्ट्रेच मार्क्स  की समस्या को हल करने में कारगर साबित होते हैं। जानते हैं कि किन नेचुरल ऑयल की मदद से किया जा सकता है स्ट्रेच मार्क्स को कम ।

गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ शिवानी सिंह के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का वज़न तेज़ी से बढ़ने लगता है। गर्भावस्था में त्वचा की मिडल लेयर डर्मिस खिंच जाती है और टिशूज व सेल्स डैमेज होने लगते हैं। इससे त्वचा पर खिंचाव के निशान नज़र आने लगते हैं। कुछ महिलाओं को अनुवांशिकता के कारण स्ट्रेच के निशान से दो चार होना पड़ता है। ये निशान समय के साथ धीरे धीरे कम होने लगते हैं।


क्या प्रेगनेंसी में सेफ है एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल?

एफडीए के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल अरोमा थेरेपी के लिए नहीं करना चाहिए। इसका सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसकी जगह एसेंशियल ऑयल को कैरियर ऑयल में डायल्यूट करके इस्तेमाल करने से त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद मिलती है।


इन 5 नेचुरल ऑयल की मदद से दूर हो सकते हैं स्ट्रेच मार्क्स 

1. कैस्टर ऑयल है कारगर

एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंटस और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर कैस्टर ऑयल से त्वचा पर मौजूद दाग धब्बों और सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद हाइड्रोलिक एसिड, फैटी एसिड और विटामिन ई की मात्रा त्वचा की नमी को बरकरार रखती है और मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। स्ट्रेच मार्क्स से राहत पाने के लिए रात में सोने से पहले कैस्टर ऑयल या अंरडी के तेल की कुछ बूंद लेकर पेट और स्ट्रेच मार्क्स  पर मसाज करें। इससे मार्क्स की समस्या कम होने लगती है।

2. नारियल का तेल 

नारियल के तले में मौजूद मॉइश्चराइजिंग गुण स्किन में लचीलेपन को बढ़ाते है। इससे त्वचा में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और मार्क्स को कम करने में मदद मिलती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नारियल के तेल में पाई जाने वाली विटामिन ई की स्किन के टैक्सचर को बेहतर बनाती है। इसके अलावा त्वचा को संक्रमण से मुक्त रखती है। रोज़ाना दिन में दो बार ऑयल मसाज करने से स्ट्रेच मार्क्स कम हो जाते है। नारियल के तेल को डायरेक्ट लगाने के अलावा एलोवेरा जेल में मिलाकर लगाने से भी त्वचा को फायदा मिलता है।

3. आर्गन ऑयल करें इस्तेमाल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आर्गन ऑयल त्वचा की इलास्टीसिटी को बनाए रखता है। इस तेल में विटामिन ई की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा ओलिक और लिनोलिक एसिड जैसे फैटी एसिड भी पाए जाते हैं। इससे स्किन की लोच बरकरार रहती है और त्वचा गहराई से हाइड्रेट हो जाती है। स्ट्रेच मार्क्स रिमूव करने के अलावा पोस्ट मेनोपॉज के दौरान त्वचा की लोच को बरकरार रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

4. रोज़हिप ऑयल

स्किन सेल्स को बूस्ट करने के लिए रोज़हिप ऑयल एक कारगर उपाय है। इसमें विटामिन ए, सी और ई की मात्रा पाई जाती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली सूजन से राहत मिलती है। त्वचा पर रोज़हिप ऑयल को लगाने से स्किन मॉइश्चराइ़ज़ रहती है, जिससे पेट, कमर और थाइज़ पर दिखने वाले निशान कम होने लगते हैं।

5. जैतून का तेल

एनआईएच के अनुसार जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंटस और हाइड्रेटिंग गुण पाए जाते हैं। इसे स्किन पर अप्लाई करने के लिए किसी भी तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है। इससे स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है। साथ ही त्वचा की डीप नरिशमेंट में मददगार साबित होता है।


प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में फैट्स बढ़ने लगते है, ऐसे में त्वचा स्ट्रेच होती है, जिसके चलते गर्भावस्था के बाद अधिकतर महिलाओ को स्ट्रेच मार्क्स का सामना करना पड़ता है। ऐसी महिलाएं जो डिलीवरी के बाद पूरी तरह से वेटलॉस  पर फोकस करने लगती है, उनके स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर दिखने लगते है, जो उनकी चिंता का कारण बन जाते हैं। ऐसे में नेचुरल ऑयल स्ट्रेच मार्क्स  की समस्या को हल करने में कारगर साबित होते हैं। जानते हैं कि किन नेचुरल ऑयल की मदद से किया जा सकता है स्ट्रेच मार्क्स को कम ।

गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ शिवानी सिंह के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का वज़न तेज़ी से बढ़ने लगता है। गर्भावस्था में त्वचा की मिडल लेयर डर्मिस खिंच जाती है और टिशूज व सेल्स डैमेज होने लगते हैं। इससे त्वचा पर खिंचाव के निशान नज़र आने लगते हैं। कुछ महिलाओं को अनुवांशिकता के कारण स्ट्रेच के निशान से दो चार होना पड़ता है। ये निशान समय के साथ धीरे धीरे कम होने लगते हैं।


क्या प्रेगनेंसी में सेफ है एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल?

एफडीए के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल अरोमा थेरेपी के लिए नहीं करना चाहिए। इसका सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसकी जगह एसेंशियल ऑयल को कैरियर ऑयल में डायल्यूट करके इस्तेमाल करने से त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद मिलती है।


इन 5 नेचुरल ऑयल की मदद से दूर हो सकते हैं स्ट्रेच मार्क्स 

1. कैस्टर ऑयल है कारगर

एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंटस और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर कैस्टर ऑयल से त्वचा पर मौजूद दाग धब्बों और सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद हाइड्रोलिक एसिड, फैटी एसिड और विटामिन ई की मात्रा त्वचा की नमी को बरकरार रखती है और मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। स्ट्रेच मार्क्स से राहत पाने के लिए रात में सोने से पहले कैस्टर ऑयल या अंरडी के तेल की कुछ बूंद लेकर पेट और स्ट्रेच मार्क्स  पर मसाज करें। इससे मार्क्स की समस्या कम होने लगती है।

2. नारियल का तेल 

नारियल के तले में मौजूद मॉइश्चराइजिंग गुण स्किन में लचीलेपन को बढ़ाते है। इससे त्वचा में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है और मार्क्स को कम करने में मदद मिलती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नारियल के तेल में पाई जाने वाली विटामिन ई की स्किन के टैक्सचर को बेहतर बनाती है। इसके अलावा त्वचा को संक्रमण से मुक्त रखती है। रोज़ाना दिन में दो बार ऑयल मसाज करने से स्ट्रेच मार्क्स कम हो जाते है। नारियल के तेल को डायरेक्ट लगाने के अलावा एलोवेरा जेल में मिलाकर लगाने से भी त्वचा को फायदा मिलता है।

3. आर्गन ऑयल करें इस्तेमाल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आर्गन ऑयल त्वचा की इलास्टीसिटी को बनाए रखता है। इस तेल में विटामिन ई की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा ओलिक और लिनोलिक एसिड जैसे फैटी एसिड भी पाए जाते हैं। इससे स्किन की लोच बरकरार रहती है और त्वचा गहराई से हाइड्रेट हो जाती है। स्ट्रेच मार्क्स रिमूव करने के अलावा पोस्ट मेनोपॉज के दौरान त्वचा की लोच को बरकरार रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

4. रोज़हिप ऑयल

स्किन सेल्स को बूस्ट करने के लिए रोज़हिप ऑयल एक कारगर उपाय है। इसमें विटामिन ए, सी और ई की मात्रा पाई जाती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली सूजन से राहत मिलती है। त्वचा पर रोज़हिप ऑयल को लगाने से स्किन मॉइश्चराइ़ज़ रहती है, जिससे पेट, कमर और थाइज़ पर दिखने वाले निशान कम होने लगते हैं।

5. जैतून का तेल

एनआईएच के अनुसार जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंटस और हाइड्रेटिंग गुण पाए जाते हैं। इसे स्किन पर अप्लाई करने के लिए किसी भी तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है। इससे स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है। साथ ही त्वचा की डीप नरिशमेंट में मददगार साबित होता है।


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