डॉ. चरणदास महंत ने प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए:

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रायपुर । छत्तीसगढ़ में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यता अभियान की शुरुआत के दौरान रायपुर के साइंस कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एबीवीपी कार्यकर्ता छात्रों से सदस्यता फॉर्म भरवाने और पांच रुपये का सदस्यता शुल्क वसूलने में लगे हुए थे।

विवाद की शुरुआत:

सदस्यता फॉर्म भरवाने के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और एबीवीपी के सदस्यता फॉर्म को फाड़ दिया। इसके बाद दोनों संगठनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही मारपीट में बदल गई। इस हिंसक झड़प में कई लोगों को चोटें आईं।

पुलिस का हस्तक्षेप:

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस फोर्स के आने में थोड़ी देर हुई, लेकिन लगभग आधे घंटे बाद उन्होंने स्थिति को शांत कराया। इस दौरान, दोनों संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते रहे और एक-दूसरे पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए भिड़ते रहे।

कॉलेज में पढ़ाई बाधित:

इस विवाद के कारण कॉलेज में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई। छात्र और शिक्षक दोनों ही इस स्थिति से प्रभावित हुए, और कॉलेज परिसर की शांति भंग हो गई।

शिकायत दर्ज:

झगड़े के बाद, दोनों संगठनों के कार्यकर्ता सरस्वती नगर थाने पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और प्रशासन ने कॉलेज परिसर में किसी भी संभावित असुविधा को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।

रायपुर (वीएनएस)। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में धान पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। महंत ने बताया कि खरीफ फसल 2023 के दौरान समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की बड़ी मात्रा नष्ट हो गई, जिसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।

धान के नष्ट होने के कारण:

महंत के अनुसार, कांग्रेस सरकार के सुशासन के कारण किसानों ने रिकॉर्ड धान उत्पादन किया, जिसके चलते 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। लेकिन भाजपा सरकार की ओर से इस धान की मिलिंग, भंडारण और सुरक्षा के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। इसके परिणामस्वरूप 4.16 लाख क्विंटल धान खरीदी केंद्रों पर और 21.77 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों पर नष्ट हो गया, जिससे राज्य को 1038 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय क्षति हुई।

जिलेवार नुकसान:

महंत ने बताया कि मुंगेली जिले में 26 करोड़ रुपये का 65,154 क्विंटल धान, कबीरधाम में 16 करोड़ का 39,744 क्विंटल, बिलासपुर में 15 करोड़ का 36,310 क्विंटल और अन्य जिलों में भी बड़ी मात्रा में धान नष्ट हुआ। उन्होंने बताया कि इन जिलों में धान की नष्ट होने की वजह से राज्य को भारी नुकसान हुआ है।

चावल भंडारण की कमी:

महंत ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही चावल के भंडारण के लिए पर्याप्त गोदामों की व्यवस्था करने में असफल रहे हैं, जिसके चलते धान का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर समीक्षा और सुरक्षा उपाय किए गए होते तो इस बड़े नुकसान से बचा जा सकता था।

कांग्रेस की मांग:

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने खाद्य मंत्री को पद से हटाने, मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण लेने और जिम्मेदार कलेक्टरों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। महंत ने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद और विधानसभा में उठाएगी और लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज करेगी।


रायपुर । छत्तीसगढ़ में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यता अभियान की शुरुआत के दौरान रायपुर के साइंस कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एबीवीपी कार्यकर्ता छात्रों से सदस्यता फॉर्म भरवाने और पांच रुपये का सदस्यता शुल्क वसूलने में लगे हुए थे।

विवाद की शुरुआत:

सदस्यता फॉर्म भरवाने के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और एबीवीपी के सदस्यता फॉर्म को फाड़ दिया। इसके बाद दोनों संगठनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही मारपीट में बदल गई। इस हिंसक झड़प में कई लोगों को चोटें आईं।

पुलिस का हस्तक्षेप:

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस फोर्स के आने में थोड़ी देर हुई, लेकिन लगभग आधे घंटे बाद उन्होंने स्थिति को शांत कराया। इस दौरान, दोनों संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते रहे और एक-दूसरे पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए भिड़ते रहे।

कॉलेज में पढ़ाई बाधित:

इस विवाद के कारण कॉलेज में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित हो गई। छात्र और शिक्षक दोनों ही इस स्थिति से प्रभावित हुए, और कॉलेज परिसर की शांति भंग हो गई।

शिकायत दर्ज:

झगड़े के बाद, दोनों संगठनों के कार्यकर्ता सरस्वती नगर थाने पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और प्रशासन ने कॉलेज परिसर में किसी भी संभावित असुविधा को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।

रायपुर (वीएनएस)। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में धान पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। महंत ने बताया कि खरीफ फसल 2023 के दौरान समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की बड़ी मात्रा नष्ट हो गई, जिसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।

धान के नष्ट होने के कारण:

महंत के अनुसार, कांग्रेस सरकार के सुशासन के कारण किसानों ने रिकॉर्ड धान उत्पादन किया, जिसके चलते 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। लेकिन भाजपा सरकार की ओर से इस धान की मिलिंग, भंडारण और सुरक्षा के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। इसके परिणामस्वरूप 4.16 लाख क्विंटल धान खरीदी केंद्रों पर और 21.77 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों पर नष्ट हो गया, जिससे राज्य को 1038 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय क्षति हुई।

जिलेवार नुकसान:

महंत ने बताया कि मुंगेली जिले में 26 करोड़ रुपये का 65,154 क्विंटल धान, कबीरधाम में 16 करोड़ का 39,744 क्विंटल, बिलासपुर में 15 करोड़ का 36,310 क्विंटल और अन्य जिलों में भी बड़ी मात्रा में धान नष्ट हुआ। उन्होंने बताया कि इन जिलों में धान की नष्ट होने की वजह से राज्य को भारी नुकसान हुआ है।

चावल भंडारण की कमी:

महंत ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही चावल के भंडारण के लिए पर्याप्त गोदामों की व्यवस्था करने में असफल रहे हैं, जिसके चलते धान का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर समीक्षा और सुरक्षा उपाय किए गए होते तो इस बड़े नुकसान से बचा जा सकता था।

कांग्रेस की मांग:

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने खाद्य मंत्री को पद से हटाने, मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण लेने और जिम्मेदार कलेक्टरों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। महंत ने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद और विधानसभा में उठाएगी और लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज करेगी।


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