उर्फी के बाद अब अनन्या को फॉलो करने की बारी:

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नई  दिल्ली ।  हम सब जानते भी हैं और मानते भी हैं कि हम एक महान देश के नागरिक हैं। और, इस देश में दो देशों के लोग रहते हैं, एक है भारत और दूसरा इंडिया। दोनों के रास्ते सड़कों के गड्ढे की वजह से ही एक दूसरे को काटते हैं।

औसतन दो रुपये प्रति किमी टोल वाले हाईवे जैसी कोई व्यवस्था शहरों के भीतर भी हुई तो तय है कि अमीर और गरीब के ये रास्ते फिर कभी एक दूसरे को नहीं काटेंगे। वेब सीरीज ‘कॉल मी बे’ इंडिया की कहानी है। ये शाइनिंग इंडिया है। और, यहां साझे के मकान की पेशगी देने के लिए संघर्ष कर रही युवती भी डिजाइनर कपड़ों में दिख सकती है।

जूनियर रिपोर्टर ओला या ऊबर से सफर कर सकती है। और, लाइव न्यूज के बीच एक एंकर किसी महिला के गर्भवती होने का एलान बिना उसकी सहमति से करके भी बचा रह सकता है। निजता इस सीरीज में दिखा रात का उल्लू है और समझना ये है कि ये उल्लू इस सीरीज की नायिका का ‘स्पिरिट एनीमल’ है। क्या कहा? ‘स्पिरिट एनीमल’ नहीं पता, फिर ये सीरीज आपके लिए नहीं है, यू पुअर मिर्जापुर वाचर्स!

‘फॉलो कर लो यार’ के आगे की कहानी

तो जिस इंडिया की ये कहानी है, उसकी बेला चौधरी का ट्रॉमा अगर आपने समझ लिया तो ये सीरीज आपको जानी पहचानी सी लगेगी। ये ‘कहानी घर घर की’ है, लेकिन इसे ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ लिखने वाली इशिता मोइत्रा की सोची दुनिया में रचा गया है। साउथ दिल्ली से लेकर साउथ बॉम्बे तक इस सीरीज के डीएनए में हैं। दक्षिण की शैक्षिक दर वैसे ही भारत में भी सबसे ज्यादा ही रही है। 

घर से निकाली नारी भारत में अबला बनती है, इंडिया में वह ‘बे’ है। अबे, तबे वाला बे नहीं, बे। ये ‘बे’ बेबी का बी गिर जाने से बनता है। पूरा नाम वैसे इनका बेला चौधरी है तो यहां बी नहीं ला गिरा है। मिसेज चौधरी की ये कहानी ससुराल और मायके के उसूलों, दस्तूरों और मिजाज की बात करने की बजाय वाया एक न्यूज चैनल सोशल होने की कोशिश करती है।

कहानी की असली जीत इस बात में हैं कि इसका पूरा वातावरण अगर आप अपने अपने हिसाब से सोचते बदलते चलें तो आपको समझ आएगा कि इंडिया और भारत की सोच में ज्यादा फर्क है नहीं। वहां का स्पिरिट एनीमल यहां लक्ष्मीजी का वाहन है!


नई  दिल्ली ।  हम सब जानते भी हैं और मानते भी हैं कि हम एक महान देश के नागरिक हैं। और, इस देश में दो देशों के लोग रहते हैं, एक है भारत और दूसरा इंडिया। दोनों के रास्ते सड़कों के गड्ढे की वजह से ही एक दूसरे को काटते हैं।

औसतन दो रुपये प्रति किमी टोल वाले हाईवे जैसी कोई व्यवस्था शहरों के भीतर भी हुई तो तय है कि अमीर और गरीब के ये रास्ते फिर कभी एक दूसरे को नहीं काटेंगे। वेब सीरीज ‘कॉल मी बे’ इंडिया की कहानी है। ये शाइनिंग इंडिया है। और, यहां साझे के मकान की पेशगी देने के लिए संघर्ष कर रही युवती भी डिजाइनर कपड़ों में दिख सकती है।

जूनियर रिपोर्टर ओला या ऊबर से सफर कर सकती है। और, लाइव न्यूज के बीच एक एंकर किसी महिला के गर्भवती होने का एलान बिना उसकी सहमति से करके भी बचा रह सकता है। निजता इस सीरीज में दिखा रात का उल्लू है और समझना ये है कि ये उल्लू इस सीरीज की नायिका का ‘स्पिरिट एनीमल’ है। क्या कहा? ‘स्पिरिट एनीमल’ नहीं पता, फिर ये सीरीज आपके लिए नहीं है, यू पुअर मिर्जापुर वाचर्स!

‘फॉलो कर लो यार’ के आगे की कहानी

तो जिस इंडिया की ये कहानी है, उसकी बेला चौधरी का ट्रॉमा अगर आपने समझ लिया तो ये सीरीज आपको जानी पहचानी सी लगेगी। ये ‘कहानी घर घर की’ है, लेकिन इसे ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ लिखने वाली इशिता मोइत्रा की सोची दुनिया में रचा गया है। साउथ दिल्ली से लेकर साउथ बॉम्बे तक इस सीरीज के डीएनए में हैं। दक्षिण की शैक्षिक दर वैसे ही भारत में भी सबसे ज्यादा ही रही है। 

घर से निकाली नारी भारत में अबला बनती है, इंडिया में वह ‘बे’ है। अबे, तबे वाला बे नहीं, बे। ये ‘बे’ बेबी का बी गिर जाने से बनता है। पूरा नाम वैसे इनका बेला चौधरी है तो यहां बी नहीं ला गिरा है। मिसेज चौधरी की ये कहानी ससुराल और मायके के उसूलों, दस्तूरों और मिजाज की बात करने की बजाय वाया एक न्यूज चैनल सोशल होने की कोशिश करती है।

कहानी की असली जीत इस बात में हैं कि इसका पूरा वातावरण अगर आप अपने अपने हिसाब से सोचते बदलते चलें तो आपको समझ आएगा कि इंडिया और भारत की सोच में ज्यादा फर्क है नहीं। वहां का स्पिरिट एनीमल यहां लक्ष्मीजी का वाहन है!


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