विधानसभा में उठा दुलना एनीकट का मामला:

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रायपुर। विधानसभा में प्रश्नकाल काल के दौरान कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू
ने दुलना एनीकट में माइक्रो एरीगेशन योजना व फसल क्षति को रोकने हेतु कृत
कार्यवाही का मामला उठाया। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे से उन्हें बताया कि
माइक्रो एरीगेशन योजना हेतु 2404.72 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान
कर दी गई है। वहीं फसल क्षति को रोकने हेतु कठौली नाला को दुलना वियर के
नीचे महानदी में व्यपवर्तित करने चैनल निर्माण का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
धनेंद्र
साहू ने मंत्री से जानना चाहा कि रायपुर जिले की महानदी पर निर्मित दुलना
एनीकट में ग्राम दुलना एवं अन्य ग्रामों की सिंचाई हेतु माइक्रो एरीगेशन
योजना के तहत कितनी राशि स्वीकृति कब प्रदान की गई। इस पर कृषि मंत्री ने
बताया कि महानदी पर दुलना व्यपवर्तन से ग्राम दुलना एवं अन्य ग्रामों की
सिंचाई हेतु माईक्रो एरीगेशन योजना की 2404.71 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति
शासन द्वारा 10.11.2017 को प्रदान की गई है। जैन एरीगेशन सिस्टम लिमिटेड
जलगांव (महाराष्ट्र) को 2276.30 लाख का 30 माह की अवधि (प्रथम समयवृद्धि
सहित) निर्माण करने हेतु समय दिया गया है। विधायक साहू ने सवाल किया कि
कार्य की वर्तमान में क्या प्रगति है तथा ग्राम दुलना के खेतों की सिंचाई
हेतु कितनी में प्रस्तावित है तथा कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा। इस पर
मंत्री चौबे ने बताया कि योजना का 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है
और ग्राम दुलना में 97 हेक्टेयर खरीफ एवं 49 हेक्टेयर रबी इस तरह कुल 146
हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है, वर्तमान में योजना
प्रगतिरत है।


इसी के साथ धनेंद्र साहू ने मंत्री से सवाल किया कि दुलना
एनीकट में त्रुत्रिपूर्ण मेन्युअल संचालित गेट के कारण हर वर्ष हो रही
सैकड़ों एकड़ फसल की डुबान में नुकसान होने के बचाव हेतु मशीन संचालित गेट
निर्माण एवं नए नाला का निर्माण करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की
गई है। इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि महानदी में
निर्माणाधीन दुलना व्यपवर्तन के निर्मित दुलना वियर में 73 गेट है इनमें से
36 गेटों में पुराने लिफ्टिंग सिस्टम को हटा कर मेनुअली आपरेटेड नया
लिफ्टिंग सिस्टम लगाया जा चुका है जिससे गेट को खोलने व बंद करने में पहले
से कम समय तथा श्रम लगता है। इसके अतिरिक्त 18 और गेटों का पुराना लिफ्टिंग
सिस्टम बदलने का कार्य प्रगतिरत है तथा शेष 19 गेटों का सुधार कार्य अगले
वित्तीय वर्ष में किया जाना प्रस्तावित है। मशीन संचालित गेट लगाने के लिए
वर्तमान निर्मित संरचना में मूलभूत परिवर्तन करना संभव नहीं है। कठौली नाला
के बेक वाटर से सैकड़ों एकड़ फसल को डूब से बचाव हेतु कठौली नाला को दुलना
वियर के नीचे महानदी में व्यपवर्तित करने चैनल निर्माण का प्रस्ताव
परीक्षणाधीन है।




रायपुर। विधानसभा में प्रश्नकाल काल के दौरान कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू
ने दुलना एनीकट में माइक्रो एरीगेशन योजना व फसल क्षति को रोकने हेतु कृत
कार्यवाही का मामला उठाया। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे से उन्हें बताया कि
माइक्रो एरीगेशन योजना हेतु 2404.72 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान
कर दी गई है। वहीं फसल क्षति को रोकने हेतु कठौली नाला को दुलना वियर के
नीचे महानदी में व्यपवर्तित करने चैनल निर्माण का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
धनेंद्र
साहू ने मंत्री से जानना चाहा कि रायपुर जिले की महानदी पर निर्मित दुलना
एनीकट में ग्राम दुलना एवं अन्य ग्रामों की सिंचाई हेतु माइक्रो एरीगेशन
योजना के तहत कितनी राशि स्वीकृति कब प्रदान की गई। इस पर कृषि मंत्री ने
बताया कि महानदी पर दुलना व्यपवर्तन से ग्राम दुलना एवं अन्य ग्रामों की
सिंचाई हेतु माईक्रो एरीगेशन योजना की 2404.71 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति
शासन द्वारा 10.11.2017 को प्रदान की गई है। जैन एरीगेशन सिस्टम लिमिटेड
जलगांव (महाराष्ट्र) को 2276.30 लाख का 30 माह की अवधि (प्रथम समयवृद्धि
सहित) निर्माण करने हेतु समय दिया गया है। विधायक साहू ने सवाल किया कि
कार्य की वर्तमान में क्या प्रगति है तथा ग्राम दुलना के खेतों की सिंचाई
हेतु कितनी में प्रस्तावित है तथा कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा। इस पर
मंत्री चौबे ने बताया कि योजना का 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है
और ग्राम दुलना में 97 हेक्टेयर खरीफ एवं 49 हेक्टेयर रबी इस तरह कुल 146
हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है, वर्तमान में योजना
प्रगतिरत है।


इसी के साथ धनेंद्र साहू ने मंत्री से सवाल किया कि दुलना
एनीकट में त्रुत्रिपूर्ण मेन्युअल संचालित गेट के कारण हर वर्ष हो रही
सैकड़ों एकड़ फसल की डुबान में नुकसान होने के बचाव हेतु मशीन संचालित गेट
निर्माण एवं नए नाला का निर्माण करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की
गई है। इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि महानदी में
निर्माणाधीन दुलना व्यपवर्तन के निर्मित दुलना वियर में 73 गेट है इनमें से
36 गेटों में पुराने लिफ्टिंग सिस्टम को हटा कर मेनुअली आपरेटेड नया
लिफ्टिंग सिस्टम लगाया जा चुका है जिससे गेट को खोलने व बंद करने में पहले
से कम समय तथा श्रम लगता है। इसके अतिरिक्त 18 और गेटों का पुराना लिफ्टिंग
सिस्टम बदलने का कार्य प्रगतिरत है तथा शेष 19 गेटों का सुधार कार्य अगले
वित्तीय वर्ष में किया जाना प्रस्तावित है। मशीन संचालित गेट लगाने के लिए
वर्तमान निर्मित संरचना में मूलभूत परिवर्तन करना संभव नहीं है। कठौली नाला
के बेक वाटर से सैकड़ों एकड़ फसल को डूब से बचाव हेतु कठौली नाला को दुलना
वियर के नीचे महानदी में व्यपवर्तित करने चैनल निर्माण का प्रस्ताव
परीक्षणाधीन है।



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