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मनरेगा मजदूरों को मिला सब्जी नर्सरी प्रबंधन-उत्पादन का प्रशिक्षण:

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बीजापुर । प्रोजेक्ट उन्नति के लिए महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत विगत वित्तीय वर्ष में 100 दिन पूर्ण किए 18 से 35 वर्षीय श्रमिको को सब्जी नर्सरी प्रबंधन एवं उत्पादन विषय पर 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आर सेटी बीजापुर में प्रशिक्षण दिया गया। कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देशन में 14 अक्टुबर से आयोजित इस 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में  प्रतिभागी कृषि की नई तकनीक से वाकिफ हुए।

इस प्रशिक्षण में जनपद पंचायत भैरमगढ़ से 23 एवं जनपद बीजापुर की ग्राम पंचायतों के 16 जाबकार्डधारी परिवार के श्रमिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण में हितग्राहियों को फसल लगाने की तकनीकी पहलुओं के साथ मौसम आधारित साग-सब्जियों की बुआई के अलावा बीमारी लगने पर कीटनाशक एवं दवाईयों का उपयोग, मात्रा एवं विधि की विस्तृत जानकारी दी गई।

सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार ने बताया कि सब्जी नर्सरी प्रबंधन एवं उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण से श्रमिकों को आर्थिक फायदे जैसे आय में वृद्धि, रोजगार के अवसर पैदा होंगे, चुंकि सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है। वहीं सामाजिक फायदे जैसे स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों की उपलब्धता, पोषण स्तर में सुधार, ग्रामीण विकास में योगदान,  महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया होने के साथ  समाज में जागरूकता भी बढ़ती है।


बीजापुर । प्रोजेक्ट उन्नति के लिए महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत विगत वित्तीय वर्ष में 100 दिन पूर्ण किए 18 से 35 वर्षीय श्रमिको को सब्जी नर्सरी प्रबंधन एवं उत्पादन विषय पर 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आर सेटी बीजापुर में प्रशिक्षण दिया गया। कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देशन में 14 अक्टुबर से आयोजित इस 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में  प्रतिभागी कृषि की नई तकनीक से वाकिफ हुए।

इस प्रशिक्षण में जनपद पंचायत भैरमगढ़ से 23 एवं जनपद बीजापुर की ग्राम पंचायतों के 16 जाबकार्डधारी परिवार के श्रमिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण में हितग्राहियों को फसल लगाने की तकनीकी पहलुओं के साथ मौसम आधारित साग-सब्जियों की बुआई के अलावा बीमारी लगने पर कीटनाशक एवं दवाईयों का उपयोग, मात्रा एवं विधि की विस्तृत जानकारी दी गई।

सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार ने बताया कि सब्जी नर्सरी प्रबंधन एवं उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण से श्रमिकों को आर्थिक फायदे जैसे आय में वृद्धि, रोजगार के अवसर पैदा होंगे, चुंकि सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है। वहीं सामाजिक फायदे जैसे स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों की उपलब्धता, पोषण स्तर में सुधार, ग्रामीण विकास में योगदान,  महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया होने के साथ  समाज में जागरूकता भी बढ़ती है।


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