भारत की विकास गाथा देश की मौजूदा 3.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था को अगले 25 साल में 35 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचा देगी। 10 गुना की यह तेज बढ़ोतरी भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अमेजिंग गोवा ग्लोबल बिजनेस समिट-2024 के उद्घाटन सत्र में कहा, 21वीं सदी भारत की है और यह तीन साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि 21वीं सदी भारत की सदी है। आज हम जो कर रहे हैं, वह सबसे बेहतर व सबसे व्यापक है। मंत्री ने कहा, हम 2047 तक भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए केंद्रित दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सबसे कम जोखिम वाले देशों में से एक है।
पिछले 10 साल में दोगुना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया
गोयल ने कहा, हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। कम महंगाई, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल की वजह से देश में पिछले 10 साल में उससे पिछले दशक की तुलना में दोगुना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इस तीन दिवसीय समिट में तटीय राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न सत्र, बिजनेस-टु-बिजनेस बैठकें और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
भारत की विकास गाथा देश की मौजूदा 3.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था को अगले 25 साल में 35 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचा देगी। 10 गुना की यह तेज बढ़ोतरी भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अमेजिंग गोवा ग्लोबल बिजनेस समिट-2024 के उद्घाटन सत्र में कहा, 21वीं सदी भारत की है और यह तीन साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि 21वीं सदी भारत की सदी है। आज हम जो कर रहे हैं, वह सबसे बेहतर व सबसे व्यापक है। मंत्री ने कहा, हम 2047 तक भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए केंद्रित दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सबसे कम जोखिम वाले देशों में से एक है।
पिछले 10 साल में दोगुना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया
गोयल ने कहा, हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। कम महंगाई, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल की वजह से देश में पिछले 10 साल में उससे पिछले दशक की तुलना में दोगुना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इस तीन दिवसीय समिट में तटीय राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न सत्र, बिजनेस-टु-बिजनेस बैठकें और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।