स्थानीय post authorJournalist खबरीलाल LAST UPDATED ON:Thursday ,April 22,2021

केंद्र ने ऑक्सीजन के निर्बाध उत्पादन और आपूर्ति के लिए आपदा प्रबंधन कानून किया लागू:

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नई दिल्ली। देश में कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी निर्बाध उत्पादन और आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून लागू कर दिया है। केन्द्र ने गुरुवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सकीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन-आपूर्ति और उसका अंतरराज्यीय परिवहन सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस आदेश की अवहेलना होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे।
कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि के बाद कुछ राज्यों द्वारा अन्य राज्यों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने की खबरों को देखते हुए केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत यह आदेश जारी किया।


भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मध्य और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध उपलब्धता महत्वपूर्ण है और संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है। आदेश के अनुसार, शहरों में बिना किसी समय सीमा की पाबंदी के ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के आने-जाने की आजादी होनी चाहिए और उन्हें बिना किसी रोक-टोक के शहरों के बीच आवाजाही करने दी जाए।
गृह सचिव ने कहा, ''इसलिए, कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन हेतु देश भर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से अधोहस्ताक्षरी, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्न निर्देशों का पालन सुनिश्चत करने का निर्देश देता है।
आदेश में कहा गया है कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन का परिवहन करने वाले वाहनों की राज्यों के बीच आवाजाही पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए और परिवहन निगमों को ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के स्वतंत्रता पूर्वक आने-जाने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों पर अधिकतम सीमा की कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए और आपूर्तिकर्ता जिस राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश में स्थित हैं, वहीं के अस्पतालों को जीवन रक्षक गैस की आपूर्ति करेंगे।




नई दिल्ली। देश में कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी निर्बाध उत्पादन और आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून लागू कर दिया है। केन्द्र ने गुरुवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सकीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन-आपूर्ति और उसका अंतरराज्यीय परिवहन सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस आदेश की अवहेलना होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे।
कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि के बाद कुछ राज्यों द्वारा अन्य राज्यों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने की खबरों को देखते हुए केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत यह आदेश जारी किया।


भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मध्य और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध उपलब्धता महत्वपूर्ण है और संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है। आदेश के अनुसार, शहरों में बिना किसी समय सीमा की पाबंदी के ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के आने-जाने की आजादी होनी चाहिए और उन्हें बिना किसी रोक-टोक के शहरों के बीच आवाजाही करने दी जाए।
गृह सचिव ने कहा, ''इसलिए, कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन हेतु देश भर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से अधोहस्ताक्षरी, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्न निर्देशों का पालन सुनिश्चत करने का निर्देश देता है।
आदेश में कहा गया है कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन का परिवहन करने वाले वाहनों की राज्यों के बीच आवाजाही पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए और परिवहन निगमों को ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के स्वतंत्रता पूर्वक आने-जाने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों पर अधिकतम सीमा की कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए और आपूर्तिकर्ता जिस राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश में स्थित हैं, वहीं के अस्पतालों को जीवन रक्षक गैस की आपूर्ति करेंगे।




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