News Kabirdham :: कलेक्टर ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।:

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कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज यहां जिला कार्यालय के सभा कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के समीक्षा की। कलेक्टर श्री शर्मा ने कोविड-19 कारोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण के लिए जारी निर्देशों के अनुरूप मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का क्रियान्यव करने और 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त करने, 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने, 06 वर्ष के कम आयु के बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने के लिए जनसहभागिता एवं जन जागरूकता को बढ़ावा के लिए जिला स्तर पर ठोस कार्य योजना बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री एस. के. मंडल, महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी श्री आनंद तिवारी, डिप्टी कलेक्टर श्री रेखा चन्द्रा, डीपीएम श्रीमती नीलू घृतलहरे एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ विशेष रूप से उपस्थित थे।


कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों को विशेष ध्यान मे ंरखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सकता है। कलेक्टर श्री शर्मा ने राज्य शासन के निर्देश पर संचालित मोहल्ला क्लास के तर्ज पर आंगनबाड़ी केन्द्रो में मोहल्लावार बच्चों को बुलाकर बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन और अतिरिक्त पोषण आहार जैसे-गुड़, चना, फल्ली प्रदाय किया जा सकता है। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए चार घंटे निर्धारित रहती है, इसी चार घंटे के आधार पर अलग-अलग मुहल्लों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के माध्यम से बच्चों को बुलाया जा सकता है। उन्होनें कहा कि इसके लिए बच्चों के अभिभावकों की सहमति भी लेना पड़ सकता है। कलेक्टर श्री शर्मा ने एनीमिया जांच एवं काऊसलिंग, बच्चों का वजन लेने, आंगनबाडी खोलने के संबंध में आवश्यक चर्चा की। उन्होने एनीमिया से पीड़ित महिलाओं का चिन्हांकन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।  


महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी श्री आनंद तिवारी ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लिए जारी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य 06 वर्ष के कम आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त करना है। वर्ष 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करना है। वर्ष छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए जनसहभागिता एवं जनजागरूकता को बढ़ावा देना है। शासन द्वार संचालित कार्यक्रमों को अधिक सुदृढ एवं कारगार बनाना तथा संबंधित विभागों में प्रभावी समन्वय स्थापित कर बेहतर परिणाम प्राप्त करना है। कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने के लिए शासन द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं में कमी की पहचान करना एवं इसे दूर करने के लिए सार्थक हस्तक्षेप को बढावा देना है। विभाग द्वारा संचालित योजनाएं तथा आईसीडीएस, महतारी जतन योजना, मध्यान्ह भोजन, राष्ट्रीय पोषण अभियान आदि योजनाओं के साथ साथ समन्वय स्थापित कर समस्त योजनाओं का लाभ दिलाना एवं लोगों में सकरात्मक व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयास करना है।



कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज यहां जिला कार्यालय के सभा कक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के समीक्षा की। कलेक्टर श्री शर्मा ने कोविड-19 कारोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण के लिए जारी निर्देशों के अनुरूप मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का क्रियान्यव करने और 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त करने, 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने, 06 वर्ष के कम आयु के बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने के लिए जनसहभागिता एवं जन जागरूकता को बढ़ावा के लिए जिला स्तर पर ठोस कार्य योजना बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री एस. के. मंडल, महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी श्री आनंद तिवारी, डिप्टी कलेक्टर श्री रेखा चन्द्रा, डीपीएम श्रीमती नीलू घृतलहरे एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ विशेष रूप से उपस्थित थे।


कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों को विशेष ध्यान मे ंरखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सकता है। कलेक्टर श्री शर्मा ने राज्य शासन के निर्देश पर संचालित मोहल्ला क्लास के तर्ज पर आंगनबाड़ी केन्द्रो में मोहल्लावार बच्चों को बुलाकर बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन और अतिरिक्त पोषण आहार जैसे-गुड़, चना, फल्ली प्रदाय किया जा सकता है। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए चार घंटे निर्धारित रहती है, इसी चार घंटे के आधार पर अलग-अलग मुहल्लों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के माध्यम से बच्चों को बुलाया जा सकता है। उन्होनें कहा कि इसके लिए बच्चों के अभिभावकों की सहमति भी लेना पड़ सकता है। कलेक्टर श्री शर्मा ने एनीमिया जांच एवं काऊसलिंग, बच्चों का वजन लेने, आंगनबाडी खोलने के संबंध में आवश्यक चर्चा की। उन्होने एनीमिया से पीड़ित महिलाओं का चिन्हांकन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।  


महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी श्री आनंद तिवारी ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लिए जारी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य 06 वर्ष के कम आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त करना है। वर्ष 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करना है। वर्ष छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए जनसहभागिता एवं जनजागरूकता को बढ़ावा देना है। शासन द्वार संचालित कार्यक्रमों को अधिक सुदृढ एवं कारगार बनाना तथा संबंधित विभागों में प्रभावी समन्वय स्थापित कर बेहतर परिणाम प्राप्त करना है। कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने के लिए शासन द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं में कमी की पहचान करना एवं इसे दूर करने के लिए सार्थक हस्तक्षेप को बढावा देना है। विभाग द्वारा संचालित योजनाएं तथा आईसीडीएस, महतारी जतन योजना, मध्यान्ह भोजन, राष्ट्रीय पोषण अभियान आदि योजनाओं के साथ साथ समन्वय स्थापित कर समस्त योजनाओं का लाभ दिलाना एवं लोगों में सकरात्मक व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयास करना है।



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