धान के खेतों में घूम रहा था 13 फीट का किंग कोबरा:

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कोरबा। वनमंडल कोरबा में एक बार फिर किंग कोबरा नजर आया है। यह कोबरा
कोरबा-करतला मार्ग पर स्थित गांव में धान के खेतों के बीच 13 फीट का किंग
कोबरा उस वक्त देखा गया, जब किसान फसल काट रहे थे। संरक्षित व संवेदनशील
घोषित सर्प की यह प्रजाति कोरबा के इसी क्षेत्र में एक माह के भीतर दूसरी
बार देखी गई।
कोरबा-करतला मार्ग पर स्थित गांव में लगभग 13 फीट के
विशालकाय सर्प को इतने पास से देखकर ग्रामीण की चीख निकल गई। इसकी सूचना
सर्प मित्र व रेप्टाइल केअर एंड रेस्क्यूअर सोसायटी (आरसीआरएस) के अध्यक्ष
अविनाश यादव को मिली। संवेदनशील प्रजाति होने के कारण उन्होंने इसकी सूचना
पहले वन विभाग को दी। कोरबा डीएफओ गुरुनाथन एन. के दिशा-निर्देश पर अविनाश
ने अपनी टीम के साथ वहां पहुंचकर सर्प की खोज शुरू की। कई घंटे खेतों और
आसपास तलाश के बाद भी उसका पता न चल सका। इस बीच वे नजदीक ही खाना खाने बैठ
गए। कुछ देर बाद पास के खेतों में फसल कटाई कर रहे किसानों ने एक बड़ा
सर्प मिलने की जानकारी दी। खेत के बीच एक विशालकाय सर्प को देखा और डर कर
भाग खड़े हुए। इसके बाद सर्प मित्रों ने उसे रेस्क्यू कर पकड़ा और वन विभाग
के मार्गदर्शन व निगरानी में आबादी से दूर घने जंगल में सुरक्षित विचरण के
लिए छोड़ दिया।



सर्प विशेषज्ञ इस क्षेत्र में दूसरी बार किंग कोबरा
मिलना कोरबा के लिए काफी महत्वपूर्ण बता रहे हैं। अविनाश ने अनुमान लगाया
है कि यह 13 साल से अधिक आयु की मादा किंग कोबरा थी। अभी सबकी फसल पक गई है
और खेतों में लुआई का काम चल रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों के
लिए सजगता और सावधानी अनिवार्य हो जाता है। एक माह पहले भी इसी क्षेत्र में
एक किंग कोबरा को रेस्क्यू किया गया था।
वन विभाग के अधिकारियों व सर्व
मित्र के अध्यक्ष अविनाश यादव ने लोगों कहा कि किंग कोबरा काफी खतरनाक,
अत्यधिक जहरीला, फुर्तीला और बहुत ही गुस्सैल मिजाज का सर्प होता है, जो
जरा सा खतरा महसूस होने पर हमला कर किसी की भी जान ले सकता है। इसका जहर
इतना घातक है कि एक वयस्क हाथी की भी जान ले सकता है। इसलिए जब भी दिखे तो
वहां से भाग जाएं और एक सुरक्षित दूरी पर पहुंच कर वनविभाग या सर्प
विशेषज्ञों को तत्काल सुचित करना ही समझदारी होगी।





कोरबा। वनमंडल कोरबा में एक बार फिर किंग कोबरा नजर आया है। यह कोबरा
कोरबा-करतला मार्ग पर स्थित गांव में धान के खेतों के बीच 13 फीट का किंग
कोबरा उस वक्त देखा गया, जब किसान फसल काट रहे थे। संरक्षित व संवेदनशील
घोषित सर्प की यह प्रजाति कोरबा के इसी क्षेत्र में एक माह के भीतर दूसरी
बार देखी गई।
कोरबा-करतला मार्ग पर स्थित गांव में लगभग 13 फीट के
विशालकाय सर्प को इतने पास से देखकर ग्रामीण की चीख निकल गई। इसकी सूचना
सर्प मित्र व रेप्टाइल केअर एंड रेस्क्यूअर सोसायटी (आरसीआरएस) के अध्यक्ष
अविनाश यादव को मिली। संवेदनशील प्रजाति होने के कारण उन्होंने इसकी सूचना
पहले वन विभाग को दी। कोरबा डीएफओ गुरुनाथन एन. के दिशा-निर्देश पर अविनाश
ने अपनी टीम के साथ वहां पहुंचकर सर्प की खोज शुरू की। कई घंटे खेतों और
आसपास तलाश के बाद भी उसका पता न चल सका। इस बीच वे नजदीक ही खाना खाने बैठ
गए। कुछ देर बाद पास के खेतों में फसल कटाई कर रहे किसानों ने एक बड़ा
सर्प मिलने की जानकारी दी। खेत के बीच एक विशालकाय सर्प को देखा और डर कर
भाग खड़े हुए। इसके बाद सर्प मित्रों ने उसे रेस्क्यू कर पकड़ा और वन विभाग
के मार्गदर्शन व निगरानी में आबादी से दूर घने जंगल में सुरक्षित विचरण के
लिए छोड़ दिया।



सर्प विशेषज्ञ इस क्षेत्र में दूसरी बार किंग कोबरा
मिलना कोरबा के लिए काफी महत्वपूर्ण बता रहे हैं। अविनाश ने अनुमान लगाया
है कि यह 13 साल से अधिक आयु की मादा किंग कोबरा थी। अभी सबकी फसल पक गई है
और खेतों में लुआई का काम चल रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों के
लिए सजगता और सावधानी अनिवार्य हो जाता है। एक माह पहले भी इसी क्षेत्र में
एक किंग कोबरा को रेस्क्यू किया गया था।
वन विभाग के अधिकारियों व सर्व
मित्र के अध्यक्ष अविनाश यादव ने लोगों कहा कि किंग कोबरा काफी खतरनाक,
अत्यधिक जहरीला, फुर्तीला और बहुत ही गुस्सैल मिजाज का सर्प होता है, जो
जरा सा खतरा महसूस होने पर हमला कर किसी की भी जान ले सकता है। इसका जहर
इतना घातक है कि एक वयस्क हाथी की भी जान ले सकता है। इसलिए जब भी दिखे तो
वहां से भाग जाएं और एक सुरक्षित दूरी पर पहुंच कर वनविभाग या सर्प
विशेषज्ञों को तत्काल सुचित करना ही समझदारी होगी।



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