रायपुर । मकान की रजिस्ट्री कराकर
पैसा नहीं देने पर खमतराई पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।
रजिस्ट्री कराने के बाद आरोपित पैसा देने के नाम पर टालमटोल करने लगा। इससे
परेशान होकर पीड़ित ने रायपुर न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार
अग्रवाल की कोर्ट में परिवाद पेश कर न्याय की गुहार लगाई थी। न्यायाधीश ने
आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है।
न्यायालय के आदेश के बाद खमतराई पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज कर
आरोपित की तलाश में जुट गई है। खमतराई पुलिस के मुताबिक शिवानंद नगर खमतराई
निवासी प्रार्थी असित मोहन बनर्जी को शिवानंद नगर खमतराई स्थित 1500
वर्गफीट का मकान क्रय करना था। तिवारी डेयरी, शिवानंद नगर निवासी आरोपिता
ज्योति बंडारू पति बीएसएच राजू से एकमुश्त 23 लाख 50 हजार रुपये देने पर
सौदा तय हुआ।
आरोपिता और पीड़ित दोनों रजिस्ट्री कार्यालय पहुंच गए। रजिस्ट्री के लिए जब
सारे दस्तावेज तैयार कर लिया गया तो आरोपिता ने बताया कि रजिस्ट्री के बाद
पैसा चेक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आरोपिता ने मकान की रजिस्ट्री
करवा ली लेकिन पीड़ित को चेक प्रदान नहीं किया। उसने शाम को घर पर चेक देने
की बात कही।
पीड़ित शाम को जब आरोपिता के घर पहुंचा तो उसे एक भी रुपये नहीं दिए। पैसे
की मांग करने पर वह टालमटोल करने लगे। दो साल बीत जाने के बाद भी जब पैसा
नहीं दिया तो पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने आरोपिता के खिलाफ
जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है।
रायपुर । मकान की रजिस्ट्री कराकर
पैसा नहीं देने पर खमतराई पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है।
रजिस्ट्री कराने के बाद आरोपित पैसा देने के नाम पर टालमटोल करने लगा। इससे
परेशान होकर पीड़ित ने रायपुर न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार
अग्रवाल की कोर्ट में परिवाद पेश कर न्याय की गुहार लगाई थी। न्यायाधीश ने
आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है।
न्यायालय के आदेश के बाद खमतराई पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज कर
आरोपित की तलाश में जुट गई है। खमतराई पुलिस के मुताबिक शिवानंद नगर खमतराई
निवासी प्रार्थी असित मोहन बनर्जी को शिवानंद नगर खमतराई स्थित 1500
वर्गफीट का मकान क्रय करना था। तिवारी डेयरी, शिवानंद नगर निवासी आरोपिता
ज्योति बंडारू पति बीएसएच राजू से एकमुश्त 23 लाख 50 हजार रुपये देने पर
सौदा तय हुआ।
आरोपिता और पीड़ित दोनों रजिस्ट्री कार्यालय पहुंच गए। रजिस्ट्री के लिए जब
सारे दस्तावेज तैयार कर लिया गया तो आरोपिता ने बताया कि रजिस्ट्री के बाद
पैसा चेक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आरोपिता ने मकान की रजिस्ट्री
करवा ली लेकिन पीड़ित को चेक प्रदान नहीं किया। उसने शाम को घर पर चेक देने
की बात कही।
पीड़ित शाम को जब आरोपिता के घर पहुंचा तो उसे एक भी रुपये नहीं दिए। पैसे
की मांग करने पर वह टालमटोल करने लगे। दो साल बीत जाने के बाद भी जब पैसा
नहीं दिया तो पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने आरोपिता के खिलाफ
जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया है।