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NEWS RAIPUR मतांतरण की वजह से खतरे में बस्तर की आदिवासी संस्कृति और परंपरा:

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 रायपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में इसाई
मिशनरियों की सक्रियता और मतांतरण (धर्मांतरण) की शिकायत लेकर सात जिलों के
मांझी और चालकी (समाज प्रमुख) राजभवन पहुंचे। बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव
के साथ उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। शिकायत की कि
बाहरी व्यक्ति आते हैं और कहते हैं कि तुम देवी देवताओं को मत मानों।
राज्यपाल ने उन्हें मतांतरण की शिकायत तत्काल स्थानीय प्रशासन को देने की
सलाह दी। साथ ही आश्वस्त किया कि वे भी इस संंबंध में राज्य सरकार को
निर्देश देगीं।

बता दें कि पिछले कुछ समय से राज्य में मतांतरण को
लेकर सियासत गरमाई हुई है। बस्तर समेत राज्य के आदिवासी क्षेत्रों से इसको
लेकर लगातार शिकायतें आ रही है। अब तक कई आदिवासी संगठन इसके खिलाफ विरोध
दर्ज करा चुके हैं। अब राजा के साथ मांझी और चालकी के इस मामले में राजभवन
पहुंचने से मामला और गंभीर हो गया है। जानकारों के अनुसार आदिवासी समाज
में आज भी मांझी और चालकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। हाल ही में बस्तर के
दौरे पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इनके साथ बैठक कर भोजन किया था। 


शिकायतकर्ता के खिलाफ ही होती है कार्रवाई

मांझी-चालकी
के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि हमारे क्षेत्रों में बाहरी
व्यक्ति आते हैं और कहते हैं कि तुम देवी देवताओं को मत मानों। जब कोई
बीमार पड़ता है तो प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। अगर ठीक हो जाता है तो
कहते हैं कि यह देवी-देवताओं ने ठीक नहीं किया बल्कि प्रार्थना के कारण हुआ
है।

उनके खिलाफ जब थाने में शिकायत की जाती है तो उल्टे शिकायतकर्ता
के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है। कई परिवारों में मतांतरण के कारण विवाद
की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से मतांरण तो ठीक है,
लेकिन जबरन मतांतरण की जाती है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।


समाज के लोगों को जागररूक होना होगा: उइके

प्रतिनिधिमंडल
से राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में क्षेत्र के अन्य सामाजिक संगठनों ने
भी ज्ञापन दिया है। मैंने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और पुलिस महानिदेशक से
कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में इस संबंध
में जागरूकता लाना आवश्यक है कि बहला फुसलाकर लोगों का मतांतरण करना दंडनीय
अपराध है। समाज के लोगों को संगठित होकर इसे रोकने के प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है। इसके लिए
सभी को आपसी भाईचारे से रहकर प्रयास करने होंगे।

 

 


 रायपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में इसाई
मिशनरियों की सक्रियता और मतांतरण (धर्मांतरण) की शिकायत लेकर सात जिलों के
मांझी और चालकी (समाज प्रमुख) राजभवन पहुंचे। बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव
के साथ उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। शिकायत की कि
बाहरी व्यक्ति आते हैं और कहते हैं कि तुम देवी देवताओं को मत मानों।
राज्यपाल ने उन्हें मतांतरण की शिकायत तत्काल स्थानीय प्रशासन को देने की
सलाह दी। साथ ही आश्वस्त किया कि वे भी इस संंबंध में राज्य सरकार को
निर्देश देगीं।

बता दें कि पिछले कुछ समय से राज्य में मतांतरण को
लेकर सियासत गरमाई हुई है। बस्तर समेत राज्य के आदिवासी क्षेत्रों से इसको
लेकर लगातार शिकायतें आ रही है। अब तक कई आदिवासी संगठन इसके खिलाफ विरोध
दर्ज करा चुके हैं। अब राजा के साथ मांझी और चालकी के इस मामले में राजभवन
पहुंचने से मामला और गंभीर हो गया है। जानकारों के अनुसार आदिवासी समाज
में आज भी मांझी और चालकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। हाल ही में बस्तर के
दौरे पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इनके साथ बैठक कर भोजन किया था। 


शिकायतकर्ता के खिलाफ ही होती है कार्रवाई

मांझी-चालकी
के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बताया कि हमारे क्षेत्रों में बाहरी
व्यक्ति आते हैं और कहते हैं कि तुम देवी देवताओं को मत मानों। जब कोई
बीमार पड़ता है तो प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। अगर ठीक हो जाता है तो
कहते हैं कि यह देवी-देवताओं ने ठीक नहीं किया बल्कि प्रार्थना के कारण हुआ
है।

उनके खिलाफ जब थाने में शिकायत की जाती है तो उल्टे शिकायतकर्ता
के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है। कई परिवारों में मतांतरण के कारण विवाद
की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से मतांरण तो ठीक है,
लेकिन जबरन मतांतरण की जाती है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।


समाज के लोगों को जागररूक होना होगा: उइके

प्रतिनिधिमंडल
से राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में क्षेत्र के अन्य सामाजिक संगठनों ने
भी ज्ञापन दिया है। मैंने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और पुलिस महानिदेशक से
कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में इस संबंध
में जागरूकता लाना आवश्यक है कि बहला फुसलाकर लोगों का मतांतरण करना दंडनीय
अपराध है। समाज के लोगों को संगठित होकर इसे रोकने के प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है। इसके लिए
सभी को आपसी भाईचारे से रहकर प्रयास करने होंगे।

 

 


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