रायपुर शहर दीवाली त्योहार और भगवान राम के अयोध्या आगमन हेतु पूरी तरह से तैयार हो उठी है। दुल्हन की तरह सज उठा है रायपुर साथ मे चार चांद लगा रहा है राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महतोत्सव साथ ही 1 नवंबर को छःग राज्य स्थापना दिवस। एक के बाद एक आयोजन और पर्व।
दीवाली वो भी बिना फटाकों के कोई सोच भी नहीं सकता। रायपुर शहर के चारों ओर अस्थाई फटाकों के दुकान फटाकों से सज गए हैं। बच्चे दुकानों में भीड़ होने से पहले ही अपने माता-पिता के साथ अभी से ही फटाके खरीद रहें हैं। इस बार फैंसी फटाकों की भी धूम है साथ ही परंपरागत फटाके। प्रत्येक दुकानों में एक से बढ़कर एक डिस्काउंट आफर दिए जा रहे हैं।
जिस प्रकार से प्रशासन ने केवल 2 घण्टे फटाका फोड़ने का फरमान जारी किया है लोग उसी हिसाब से फटाका खरीद रहे हैं साथ ही छोटी दीवाली हेतु तैयारी भी कर रहे हैं जिस दिन तुलसी माता का शालिग्राम से विवाह होगा और भगवान विष्णु निद्रा से जागेंगे। कुल मिलाकर कोरोना के बाद यह पहला दीवाली है जिसमे प्रत्येक उत्साहित हैं चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग।
रायपुर शहर दीवाली त्योहार और भगवान राम के अयोध्या आगमन हेतु पूरी तरह से तैयार हो उठी है। दुल्हन की तरह सज उठा है रायपुर साथ मे चार चांद लगा रहा है राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महतोत्सव साथ ही 1 नवंबर को छःग राज्य स्थापना दिवस। एक के बाद एक आयोजन और पर्व।
दीवाली वो भी बिना फटाकों के कोई सोच भी नहीं सकता। रायपुर शहर के चारों ओर अस्थाई फटाकों के दुकान फटाकों से सज गए हैं। बच्चे दुकानों में भीड़ होने से पहले ही अपने माता-पिता के साथ अभी से ही फटाके खरीद रहें हैं। इस बार फैंसी फटाकों की भी धूम है साथ ही परंपरागत फटाके। प्रत्येक दुकानों में एक से बढ़कर एक डिस्काउंट आफर दिए जा रहे हैं।
जिस प्रकार से प्रशासन ने केवल 2 घण्टे फटाका फोड़ने का फरमान जारी किया है लोग उसी हिसाब से फटाका खरीद रहे हैं साथ ही छोटी दीवाली हेतु तैयारी भी कर रहे हैं जिस दिन तुलसी माता का शालिग्राम से विवाह होगा और भगवान विष्णु निद्रा से जागेंगे। कुल मिलाकर कोरोना के बाद यह पहला दीवाली है जिसमे प्रत्येक उत्साहित हैं चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग।