रायपुर । छत्तीसगढ़ी फिल्म के विलेन के रूप विख्यात मनमोहन सिंह ठाकुर को हिंदी, छत्तीसगढ़ी सिनेमा में रचनात्मक लेखन, निर्देशन, अभिनय, पटकथा निर्माण के क्षेत्र में किशोर साहू सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। मनमोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर उतना आसान नहीं था। शुरुआत गांव की रामलीला मंडली से की। इसके बाद धीरे-धीरे कलाकारी को देखते हुए छत्तीसगढ़ी फिल्मों में आफर मिलने लगे।
उन्होंने बताया कि टेका गांव (राजिम) के रहने वाले हैं। परिवार माध्यम वर्ग किसान है।
मनमोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्म सबसे पहले 2000 में मोर छैया भुईया से शुरुआत की। इस फिल्म में विलेन की भूमिका निभाई। इसके अलावा मया, झन भूलो मां बाप ला जैसे कई सुपर हिट फिल्म में काम कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दिया संगीत और बिखेरा जलवा
संगीतकार सुनील तिवारी को संगीत एवं कला के क्षेत्र में चक्रधर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। सुनील ने बताया इस क्षेत्र में करीब 20 से अभिनेता और छत्तीसगढ़ी लोक गीतों में गायन की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही इस क्षेत्र में जाने का लगाव था।
उसी की बदौलत छत्तीसगढ़ी सिनेमा जगत में जगह बना ली है। वहीं बचपन का दिन काफी संघर्ष पूर्ण था। सुनील ने बताया कि अभी 10 से अधिक छत्तीसगढ़ी फिल्में अभिनेता के रूप और 100 से अधिक छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में गायन की भूमिका निभा चुके हैं।
सुनील बतौर मुख्य अभिनेता छत्तीसगढ़ी फिल्म कौशल्या, अब्बड़ मया करथों, माटी के लाल, बैरी के मया, गोलमाल, आटो वाले भांटो जैसे कई फिल्म में अभिनव से लोहा मनवाया है। सुनील ने बताया कि अपना पहला गुरु माता शकुंतला तिवारी को मनाते हैं। वहीं सुनील मूलत: डोगरगांव (राजनांदगांव) के रहने वाले हैं।
रायपुर । छत्तीसगढ़ी फिल्म के विलेन के रूप विख्यात मनमोहन सिंह ठाकुर को हिंदी, छत्तीसगढ़ी सिनेमा में रचनात्मक लेखन, निर्देशन, अभिनय, पटकथा निर्माण के क्षेत्र में किशोर साहू सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। मनमोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर उतना आसान नहीं था। शुरुआत गांव की रामलीला मंडली से की। इसके बाद धीरे-धीरे कलाकारी को देखते हुए छत्तीसगढ़ी फिल्मों में आफर मिलने लगे।
उन्होंने बताया कि टेका गांव (राजिम) के रहने वाले हैं। परिवार माध्यम वर्ग किसान है।
मनमोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्म सबसे पहले 2000 में मोर छैया भुईया से शुरुआत की। इस फिल्म में विलेन की भूमिका निभाई। इसके अलावा मया, झन भूलो मां बाप ला जैसे कई सुपर हिट फिल्म में काम कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ी फिल्मों को दिया संगीत और बिखेरा जलवा
संगीतकार सुनील तिवारी को संगीत एवं कला के क्षेत्र में चक्रधर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। सुनील ने बताया इस क्षेत्र में करीब 20 से अभिनेता और छत्तीसगढ़ी लोक गीतों में गायन की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही इस क्षेत्र में जाने का लगाव था।
उसी की बदौलत छत्तीसगढ़ी सिनेमा जगत में जगह बना ली है। वहीं बचपन का दिन काफी संघर्ष पूर्ण था। सुनील ने बताया कि अभी 10 से अधिक छत्तीसगढ़ी फिल्में अभिनेता के रूप और 100 से अधिक छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में गायन की भूमिका निभा चुके हैं।
सुनील बतौर मुख्य अभिनेता छत्तीसगढ़ी फिल्म कौशल्या, अब्बड़ मया करथों, माटी के लाल, बैरी के मया, गोलमाल, आटो वाले भांटो जैसे कई फिल्म में अभिनव से लोहा मनवाया है। सुनील ने बताया कि अपना पहला गुरु माता शकुंतला तिवारी को मनाते हैं। वहीं सुनील मूलत: डोगरगांव (राजनांदगांव) के रहने वाले हैं।