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NEWS RAIPUR हरित क्रांति के साथ-साथ श्वेत क्रांति जरूरी- भूपेश बघेल :

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रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांव की परिकल्पना को साकार करने
के लिए छत्तीसगढ़ को हरित क्रांति के साथ-साथ श्वेत क्रांति क्रांति की दिशा
में आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन ढाई लाख
लीटर दूध की जरूरत है, जबकि उत्पादन कम है। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देकर इस कमी को पूरा करने के लिए श्वेत क्रांति
की जरूरत है। राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाकर हम आंगनबाड़ियों, प्राथमिक और
माध्यमिक शालाओं के बच्चों को दूध उपलब्ध कराकर कुपोषण को दूर करने में
सफल हो सकेंगे। श्वेत क्रांति से स्वस्थ छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा किया जा
सकता है।


मुख्यमंत्री
ने अपने निवास में गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि
गोवर्धन पूजा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने हमें संगठित रहने और प्रकृति
की पूजा का संदेश दिया है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो बड़े से बड़े संकट से
पार पा सकते हैं।
राज्य सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं संचालित
की जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, किसानों की कर्ज माफी और राजीव
गांधी किसान न्याय योजना से लोगों का खेती-किसानी की ओर रुझान बढ़ा है।
गांव-गांव
में गोठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन से
छत्तीसगढ़ में बरसात की फसल सुरक्षित हो गई है। अब हमें दूसरी फसल उतेरा और
उन्हारी को भी सुरक्षित करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि गांव के राउत
फागुन-तेरस तक गाय चराने और रोका छेका को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए
काम करें।
खेती-किसानी को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश में
किसानों की संख्या और खेती का रकबा बढ़ा है। समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के
लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गई
है। इसी तरह खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 28 लाख हेक्टेयर
हो गया है।
गोठान दिवस के रूप में मना रहे गोवर्धन पूजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को बड़ा सहारा मिला
है। गोवर्धन पूजा को हम राज्य में गोठान दिवस के रूप में मना रहे हैं।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो ग्रामीणों और पशुपालकों से दो रुपये
किलो में गोबर खरीद रहा है। राज्य सरकार की इस योजना ने पशु पालकों और गोबर
संग्राहकों से अब तक 55 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की है। दो रुपये किलो
की दर से पशुपालकों के खाते में लगभग 110 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान
किया है। इस योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलने लगा है। 

 

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांव की परिकल्पना को साकार करने
के लिए छत्तीसगढ़ को हरित क्रांति के साथ-साथ श्वेत क्रांति क्रांति की दिशा
में आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन ढाई लाख
लीटर दूध की जरूरत है, जबकि उत्पादन कम है। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देकर इस कमी को पूरा करने के लिए श्वेत क्रांति
की जरूरत है। राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाकर हम आंगनबाड़ियों, प्राथमिक और
माध्यमिक शालाओं के बच्चों को दूध उपलब्ध कराकर कुपोषण को दूर करने में
सफल हो सकेंगे। श्वेत क्रांति से स्वस्थ छत्तीसगढ़ के सपने को पूरा किया जा
सकता है।


मुख्यमंत्री
ने अपने निवास में गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि
गोवर्धन पूजा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने हमें संगठित रहने और प्रकृति
की पूजा का संदेश दिया है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो बड़े से बड़े संकट से
पार पा सकते हैं।
राज्य सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं संचालित
की जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, किसानों की कर्ज माफी और राजीव
गांधी किसान न्याय योजना से लोगों का खेती-किसानी की ओर रुझान बढ़ा है।
गांव-गांव
में गोठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन से
छत्तीसगढ़ में बरसात की फसल सुरक्षित हो गई है। अब हमें दूसरी फसल उतेरा और
उन्हारी को भी सुरक्षित करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि गांव के राउत
फागुन-तेरस तक गाय चराने और रोका छेका को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए
काम करें।
खेती-किसानी को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश में
किसानों की संख्या और खेती का रकबा बढ़ा है। समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के
लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गई
है। इसी तरह खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 28 लाख हेक्टेयर
हो गया है।
गोठान दिवस के रूप में मना रहे गोवर्धन पूजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को बड़ा सहारा मिला
है। गोवर्धन पूजा को हम राज्य में गोठान दिवस के रूप में मना रहे हैं।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो ग्रामीणों और पशुपालकों से दो रुपये
किलो में गोबर खरीद रहा है। राज्य सरकार की इस योजना ने पशु पालकों और गोबर
संग्राहकों से अब तक 55 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की है। दो रुपये किलो
की दर से पशुपालकों के खाते में लगभग 110 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान
किया है। इस योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलने लगा है। 

 

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