अन्य post authorJournalist खबरीलाल Wednesday ,December 09,2020

सरकार ने भेजा लिखित प्रस्ताव,किसानों का मंथन जारी:

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नई दिल्ली। कृषि कानून के मसले पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच
वार्ता का दौर अब खत्म हुआ है और एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार ने
कृषि कानूनों में कुछ संशोधन सुझाए हैं और किसानों को भेजा है. लेकिन सुबह
तक नरम रुख दिखाने वाले किसान अब वापस सख्ती अपना रहे हैं. किसानों का कहना
है कि वो सरकार का प्रस्ताव जरूर देखेंगे, लेकिन उनकी मांग सिर्फ तीनों
कानूनों को हटाने की है.फिलहाल किसान सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर मंथन कर
रहे हैं। लेकिन अपने विरोध से वे पीछे नहीं हटे हैं और ताजा रूख दिख भी
नहीं रहा है।


इधर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि
कृषि कानून का मसला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं
हटेंगे. सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून
को वापस लेने की है. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम
भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा.




नई दिल्ली। कृषि कानून के मसले पर केंद्र सरकार और किसानों के बीच
वार्ता का दौर अब खत्म हुआ है और एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार ने
कृषि कानूनों में कुछ संशोधन सुझाए हैं और किसानों को भेजा है. लेकिन सुबह
तक नरम रुख दिखाने वाले किसान अब वापस सख्ती अपना रहे हैं. किसानों का कहना
है कि वो सरकार का प्रस्ताव जरूर देखेंगे, लेकिन उनकी मांग सिर्फ तीनों
कानूनों को हटाने की है.फिलहाल किसान सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर मंथन कर
रहे हैं। लेकिन अपने विरोध से वे पीछे नहीं हटे हैं और ताजा रूख दिख भी
नहीं रहा है।


इधर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि
कृषि कानून का मसला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं
हटेंगे. सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून
को वापस लेने की है. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो हम
भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा.



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