आयुर्वेद: खर्राटों के लिए वरदान है किचन में रखा घी, चुटकियों में दूर होती है समस्या:

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खर्राटे आना एक कॉमन समस्या है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को खर्राटे आते
हैं। इसके आने का मतलब है कि आप नाक के अंदर किसी परेशानी से पीड़ित हैं।
दरअसल, नाक के साथ सिर, मुंह, दांत, कान और आंख सभी अंग जुड़े हैं। इसका
मतलब यह हुआ कि खर्राटे आना सिर्फ नाक की समस्या नहीं है, यह इन अंगों से
जुड़ी समस्या का भी संकेत है। इसे रोकने के लिए बाजार में कई तरह की चीजें
और दवाइयां मिलती हैं।

हालांकि, कुछ बदलावों को साथ इसे रोकने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, इससे निपटने के लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट दीक्षा भावसार भी अपने
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर चुकी हैं। जानिए, खर्राटों से बचने के लिए
आयुर्वेदिक घरेलू तरीका-

गाय का घी है फायदेमंद

खर्राटों को रोकने के लिए गाय के घी की 2 बूंदों को सुबह या रात
में नथुने में डालने से आपको अच्छी नींद आती है। इससे सिरदर्द से राहत
मिलती है, ये आपकी इम्यूनिटी में सुधार करता है। इसी के साथ ऐसा करने
पर एलर्जी कम होती है, याददाश्त में सुधार होता है और मानसिक स्वास्थ्य में
सुधार होता है। नाक में रोजाना घी डालने पर बालों के झड़ने में मदद मिलती
है। इसी के साथ तनाव से राहत, ध्यान में सुधार और समग्र स्वास्थ्य में मदद
मिलती है।

थायरॉयड-गठिया में मिलती है मदद

नस्य ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर में भी बहुत मदद करता है। एक्सपर्ट की
मानें तो ऑटो इम्यून थायराइड, रुमेटीइड गठिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि के
रोगियों को नस्य के अद्भुत फायदे मिले हैं।

गाय के घी की जगह...

अनु तैला एक ऐसा आयुर्वेदिक तेल है जिसे हर कोई गाय के घी के
अलावा नियमित नस्य के लिए इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, इसे इस्तेमाल करने
से पहले अपने एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

यूं करें घी यूज

रात को सोते समय दोनों नथुनों में गाय के घी की सिर्फ 2 बूंदें
डालें। इसके लिए घी को गुनगुना गर्म करें। फिर रुई, ड्रॉपर या अपनी छोटी
उंगली की मदद से इसे नाक में डालें।


खर्राटे आना एक कॉमन समस्या है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को खर्राटे आते
हैं। इसके आने का मतलब है कि आप नाक के अंदर किसी परेशानी से पीड़ित हैं।
दरअसल, नाक के साथ सिर, मुंह, दांत, कान और आंख सभी अंग जुड़े हैं। इसका
मतलब यह हुआ कि खर्राटे आना सिर्फ नाक की समस्या नहीं है, यह इन अंगों से
जुड़ी समस्या का भी संकेत है। इसे रोकने के लिए बाजार में कई तरह की चीजें
और दवाइयां मिलती हैं।

हालांकि, कुछ बदलावों को साथ इसे रोकने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, इससे निपटने के लिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट दीक्षा भावसार भी अपने
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर चुकी हैं। जानिए, खर्राटों से बचने के लिए
आयुर्वेदिक घरेलू तरीका-

गाय का घी है फायदेमंद

खर्राटों को रोकने के लिए गाय के घी की 2 बूंदों को सुबह या रात
में नथुने में डालने से आपको अच्छी नींद आती है। इससे सिरदर्द से राहत
मिलती है, ये आपकी इम्यूनिटी में सुधार करता है। इसी के साथ ऐसा करने
पर एलर्जी कम होती है, याददाश्त में सुधार होता है और मानसिक स्वास्थ्य में
सुधार होता है। नाक में रोजाना घी डालने पर बालों के झड़ने में मदद मिलती
है। इसी के साथ तनाव से राहत, ध्यान में सुधार और समग्र स्वास्थ्य में मदद
मिलती है।

थायरॉयड-गठिया में मिलती है मदद

नस्य ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर में भी बहुत मदद करता है। एक्सपर्ट की
मानें तो ऑटो इम्यून थायराइड, रुमेटीइड गठिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि के
रोगियों को नस्य के अद्भुत फायदे मिले हैं।

गाय के घी की जगह...

अनु तैला एक ऐसा आयुर्वेदिक तेल है जिसे हर कोई गाय के घी के
अलावा नियमित नस्य के लिए इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, इसे इस्तेमाल करने
से पहले अपने एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

यूं करें घी यूज

रात को सोते समय दोनों नथुनों में गाय के घी की सिर्फ 2 बूंदें
डालें। इसके लिए घी को गुनगुना गर्म करें। फिर रुई, ड्रॉपर या अपनी छोटी
उंगली की मदद से इसे नाक में डालें।


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