सरगुजा से पदयात्रा कर राजधानी पहुंचे अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मी:

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00 नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
रायपुर।
स्कूलों
में अंशकालीन सफाई कर रहे कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और वे नियमित करने
सहित अन्य मांगों को लेकर पूरे प्रदेश भर के सफाई कर्मी एकत्र हुए और पैदल
ही सरगुजा से रायपुर के लिए निकल पड़े और आखिरकार आज राजधानी पहुंच ही गए।
हाथों में बैनर-पोस्टर लिए रैली के माध्यम से वे बढ़तालाब धरना स्थल पहुंचे
और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी है कि
अगर उनकी मांगों को जल्द विचार नहीं किया जाता है तो वे मुख्यमंत्री निवास
घेरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।



अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मी संघ के
प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने बताया कि राजधानी रायपुर सहित राज्य के 29
जिलों में स्थित स्कूलों में 2007-08 एवं 2011 से करीब 43 हजार अंशकालीन
सफाई कर्मी काम कर रहे हैं। स्कूलों में उनसे साफ-सफाई से लेकर पेयजल,
मध्यान्ह भोजन वितरण समेत अन्य काम लिए जा हैं, लेकिन उनकी ड्यूटी 2 घंटे
की मानकर उन्हें सिर्फ 2 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। जबकि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष में
रहते हुए सरकार बनने के बाद उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। दो
साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं होता देख सभी
अंशकालीन सफाई कर्मी एक सप्ताह पहले सरगुजा में एकत्रित हुए और बैठक कर यह
निर्णय लिया गया कि राजधानी में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।



इसी सिलसिले
में सभी अंशकालीन सफाई कर्मी नारेबाजी करते हुए सरगुजा से 16 जनवरी को ही
पैदल ही निकल पड़े और आज सुबह राजधानी पहुंच गए। राजधानी पहुंचते ही हाथों
में अपनी मांगों को लेकर बैनर-पोस्टर लिए नारेबाजी करते हुए बुढ़ातालाब
धरना स्थल पहुंचे और धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था
कि अंशकालीन की जगह पूर्णकालीन कर्मी बनाकर 10 हजार रुपये वेतन दिया जाए और
वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया। प्रदर्शन के बाद भी अगर उनकी मांगों पर
जल्द विचार नहीं किया जाता है तो वे मुख्यमंत्री निवास घेरने के लिए मजबूर
होंगे।



00 नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
रायपुर।
स्कूलों
में अंशकालीन सफाई कर रहे कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और वे नियमित करने
सहित अन्य मांगों को लेकर पूरे प्रदेश भर के सफाई कर्मी एकत्र हुए और पैदल
ही सरगुजा से रायपुर के लिए निकल पड़े और आखिरकार आज राजधानी पहुंच ही गए।
हाथों में बैनर-पोस्टर लिए रैली के माध्यम से वे बढ़तालाब धरना स्थल पहुंचे
और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। सफाई कर्मियों ने चेतावनी दी है कि
अगर उनकी मांगों को जल्द विचार नहीं किया जाता है तो वे मुख्यमंत्री निवास
घेरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।



अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मी संघ के
प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने बताया कि राजधानी रायपुर सहित राज्य के 29
जिलों में स्थित स्कूलों में 2007-08 एवं 2011 से करीब 43 हजार अंशकालीन
सफाई कर्मी काम कर रहे हैं। स्कूलों में उनसे साफ-सफाई से लेकर पेयजल,
मध्यान्ह भोजन वितरण समेत अन्य काम लिए जा हैं, लेकिन उनकी ड्यूटी 2 घंटे
की मानकर उन्हें सिर्फ 2 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। जबकि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष में
रहते हुए सरकार बनने के बाद उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। दो
साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं होता देख सभी
अंशकालीन सफाई कर्मी एक सप्ताह पहले सरगुजा में एकत्रित हुए और बैठक कर यह
निर्णय लिया गया कि राजधानी में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।



इसी सिलसिले
में सभी अंशकालीन सफाई कर्मी नारेबाजी करते हुए सरगुजा से 16 जनवरी को ही
पैदल ही निकल पड़े और आज सुबह राजधानी पहुंच गए। राजधानी पहुंचते ही हाथों
में अपनी मांगों को लेकर बैनर-पोस्टर लिए नारेबाजी करते हुए बुढ़ातालाब
धरना स्थल पहुंचे और धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था
कि अंशकालीन की जगह पूर्णकालीन कर्मी बनाकर 10 हजार रुपये वेतन दिया जाए और
वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया। प्रदर्शन के बाद भी अगर उनकी मांगों पर
जल्द विचार नहीं किया जाता है तो वे मुख्यमंत्री निवास घेरने के लिए मजबूर
होंगे।



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