New Delhi :: टाटा समूह होगी देश मे सेमी कंडक्टर बनाने वाली पहली कंपनी :

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गुजरात के नवसारी में पैदा हुए जमशेदजी टाटा ने जब टाटा ग्रुप की नींव रखी थी, तब भला किसे पता था कि जब भारत एक राष्ट्र के रूप में खड़ा होगा तो उसकी नींव में भी टाटा के पत्थर लगे होंगे. भारत के इतिहास में कई मील के पत्थर ऐसे हैं जो इस देश को पहली बार टाटा ग्रुप ने ही दिए. कमाल की बात ये है कि वक्त की बदलती जरूरत के साथ टाटा ग्रुप ने देश की जरूरत को समझा और देश को पहली बार कुछ देने की उसकी ये परंपरा आज भी जारी है.एक नजर अगर देश के या टाटा ग्रुप के इतिहास पर डालें तो इस देश को ‘ताज’ जैसा पहला लग्जरी होटल, टाटा स्टील जैसा पहला स्टील प्लांट, टाटा पावर जैसी पहली बिजली कंपनी से लेकर एअर इंडिया जैसी देश की पहली एयरलाइंस और टाटा इंडिका जैसी देश की पहली पूर्ण स्वदेशी कार टाटा ग्रुप ने ही दी है.

समय का पहिया घूमा तो देश को पहली 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग और पहली स्वदेशी इलेक्ट्रिक कार टाटा नेक्सॉन भी टाटा ग्रुप ने ही दी है. अब देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट भी टाटा ग्रुप ही लगाने जा रहा है. टाटा ग्रुप देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के धोलेरा में लगाने जा रहा है. ये प्लांट टाटा ग्रुप और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन लगाने जा रही है. हाल ही में कैबिनेट ने टाटा ग्रुप के इस प्रस्ताव को मंजूर किया है और इस पर 91,000 करोड़ रुपए का निवेश होना है. टाटा ग्रुप देश की पहली ऐसी कंपनी होगी जो स्वदेशी सेमीकंडक्टर बनाएगी. ये एक तरह से बदलते वक्त के साथ देश को कुछ नया देने की टाटा की परंपरा को निभाने जैसा है.

भारत लंबे समय से सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है. इससे भारत को जहां एक तरफ चीन का विकल्प बनने में फायदा होगा. वहीं देश में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण सस्ता हो जाएगा, जिसे अभी भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है. वहीं ग्लोबल मार्केट में भारत सप्लाई चेन का हिस्सा बन पाएगा.भारत में यूं तो एक सरकारी कंपनी ‘सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी-मोहाली’ पहले से सेमीकंडक्टर मेकिंग में है, लेकिन वह बड़े लेवल पर काम नहीं करती है. ऐसे में टाटा ग्रुप की इस सेक्टर में एंट्री कंपनी के साथ-साथ भारत के इतिहास में भी मील का पत्थर साबित होगी.

टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने जा रही ताइवानी कंपनी पीएसएमसी के चेयरमैन फ्रैंक हुआंग ने हाल में धोलेरा के प्लांट पर काम शुरू होने से लेकर प्रोडक्ट रिलीज होने तक की जानकारी दी. उनका कहना है कि धोलेरा प्लांट से 2026 के अंत पहले सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन होने लगेगा, जो संभवतया देश में बना पहला देसी सेमीकंडक्टर चिप होगा.


गुजरात के नवसारी में पैदा हुए जमशेदजी टाटा ने जब टाटा ग्रुप की नींव रखी थी, तब भला किसे पता था कि जब भारत एक राष्ट्र के रूप में खड़ा होगा तो उसकी नींव में भी टाटा के पत्थर लगे होंगे. भारत के इतिहास में कई मील के पत्थर ऐसे हैं जो इस देश को पहली बार टाटा ग्रुप ने ही दिए. कमाल की बात ये है कि वक्त की बदलती जरूरत के साथ टाटा ग्रुप ने देश की जरूरत को समझा और देश को पहली बार कुछ देने की उसकी ये परंपरा आज भी जारी है.एक नजर अगर देश के या टाटा ग्रुप के इतिहास पर डालें तो इस देश को ‘ताज’ जैसा पहला लग्जरी होटल, टाटा स्टील जैसा पहला स्टील प्लांट, टाटा पावर जैसी पहली बिजली कंपनी से लेकर एअर इंडिया जैसी देश की पहली एयरलाइंस और टाटा इंडिका जैसी देश की पहली पूर्ण स्वदेशी कार टाटा ग्रुप ने ही दी है.

समय का पहिया घूमा तो देश को पहली 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग और पहली स्वदेशी इलेक्ट्रिक कार टाटा नेक्सॉन भी टाटा ग्रुप ने ही दी है. अब देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट भी टाटा ग्रुप ही लगाने जा रहा है. टाटा ग्रुप देश में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के धोलेरा में लगाने जा रहा है. ये प्लांट टाटा ग्रुप और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन लगाने जा रही है. हाल ही में कैबिनेट ने टाटा ग्रुप के इस प्रस्ताव को मंजूर किया है और इस पर 91,000 करोड़ रुपए का निवेश होना है. टाटा ग्रुप देश की पहली ऐसी कंपनी होगी जो स्वदेशी सेमीकंडक्टर बनाएगी. ये एक तरह से बदलते वक्त के साथ देश को कुछ नया देने की टाटा की परंपरा को निभाने जैसा है.

भारत लंबे समय से सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है. इससे भारत को जहां एक तरफ चीन का विकल्प बनने में फायदा होगा. वहीं देश में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण सस्ता हो जाएगा, जिसे अभी भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है. वहीं ग्लोबल मार्केट में भारत सप्लाई चेन का हिस्सा बन पाएगा.भारत में यूं तो एक सरकारी कंपनी ‘सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी-मोहाली’ पहले से सेमीकंडक्टर मेकिंग में है, लेकिन वह बड़े लेवल पर काम नहीं करती है. ऐसे में टाटा ग्रुप की इस सेक्टर में एंट्री कंपनी के साथ-साथ भारत के इतिहास में भी मील का पत्थर साबित होगी.

टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने जा रही ताइवानी कंपनी पीएसएमसी के चेयरमैन फ्रैंक हुआंग ने हाल में धोलेरा के प्लांट पर काम शुरू होने से लेकर प्रोडक्ट रिलीज होने तक की जानकारी दी. उनका कहना है कि धोलेरा प्लांट से 2026 के अंत पहले सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन होने लगेगा, जो संभवतया देश में बना पहला देसी सेमीकंडक्टर चिप होगा.


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