मुख्तार अंसारी 2015 में ही मिट्टी में मिल जाता, बम से उड़ाने पहुंचा था लंबू:

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नई दिल्ली.   उत्तर
प्रदेश का खूंखार माफिया डॉन मुख्तार अंसारी कब्रिस्तान में दफन हो चुका
है। उसकी मौत को लेकर सवाल जवाबों का दौर जारी है, लेकिन इसी बीच साल 2015
की एक घटना भी चर्चा में है, जहां अंसारी को मारने की प्लान एक गैंगस्टर ने
तैयार कर लिया था। इतना ही नहीं कहा जाता है कि दिल्ली पुलिस की सूझबूझ के
चलते उस दौरान अंसारी को बचाया जा सका था।

पहले जानें कौन था लंबू शर्मा

सच्चिदानंद उर्फ लंबू शर्मा फिलहाल बिहार की जेल में बंद है। दो अलग-अलग
मामलों में उसे दो मौत की सजा सुनाई गई हैं। जेल में बंद माओवादी भरत
सक्सेना का चेला माना जाने वाला शर्मा बम बनाने के लिए कुख्यात था। उसने
अपराध की दुनिया में 2004 में महज 12 साल की उम्र में कदम रखा था। कहा जाता
है कि वह एक लड़की के प्रेम में था और उसने लड़की से दूर रहने की चेतावनी
देने वाले शख्स की हत्या कर दी थी।

क्या है मुख्तार अंसारी कनेक्शन

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बृजेश सिंह और सुनील पांडे ने कथित
तौर पर शर्मा को 6 करोड़ रुपये की सुपारी दी थी। योजना बनाई गई थी कि
अंसारी को पेशी के दौरान कोर्ट में निशाना बनाया जाएगा। अब खास बात है कि
उस दौरान खुद लंबू बिहार की आरा जेल में बंद था। प्लान को अंजाम देने के
लिए पहले उसने खुद के जेल से भागने की योजना तैयार की।

गर्लफ्रेंड को बना दिया सुसाइड बॉम्बर

कहा जाता है कि शर्मा ने अपनी गर्लफ्रेंड नगीना को आरा में कोर्ट में टिफिन
बम लेकर आने के लिए मना लिया था, ताकि वह जेल से भाग सके। रिपोर्ट के
अनुसार, जब 23 जनवरी 2015 को लंबू की पुलिस वैन कोर्ट पहुंची, तब चश्मदीदों
ने नगीना को फोन पर बात करते हुए वैन के पास जाते हुए देखा था।

हालांकि, अब यह स्पष्ट नहीं है कि आगे क्या हुआ, लेकिन रिपोर्ट
के मुताबिक नगीना ने सुसाइड बॉम्बर की तरह काम किया और कोर्ट में धमाका कर
दिया। इस घटना में नगीना, एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए
थे। उस दौरान लंबू पुलिस की हिरासत से भागने में सफल हो गया था।

मुख्तार के खिलाफ प्लान

रिपोर्ट के अनुसार, लंबू ने कुछ महीने विस्फोटक जुटाने और एक और सुसाइड
बॉम्बर को तैयार करने में लगा दिए। उसे 50 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे। खबर
है कि जून के मध्य में जब कथित तौर पर लंबू का प्लान तैयार हो गया, तब ही
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई को भी लंबू के विस्फोटक खरीदने की खबर लग गई।
23 जून को जब वह वारदात को अंजाम देने पहुंचा, तब स्पेशल सेल ने उसे कोर्ट
को पास रोक लिया था।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में अंसारी
की मौत हो गई थी। शनिवार को उसे गाजीपुर के ही कालीबाग कब्रिस्तान में दफना
दिया गया।


नई दिल्ली.   उत्तर
प्रदेश का खूंखार माफिया डॉन मुख्तार अंसारी कब्रिस्तान में दफन हो चुका
है। उसकी मौत को लेकर सवाल जवाबों का दौर जारी है, लेकिन इसी बीच साल 2015
की एक घटना भी चर्चा में है, जहां अंसारी को मारने की प्लान एक गैंगस्टर ने
तैयार कर लिया था। इतना ही नहीं कहा जाता है कि दिल्ली पुलिस की सूझबूझ के
चलते उस दौरान अंसारी को बचाया जा सका था।

पहले जानें कौन था लंबू शर्मा

सच्चिदानंद उर्फ लंबू शर्मा फिलहाल बिहार की जेल में बंद है। दो अलग-अलग
मामलों में उसे दो मौत की सजा सुनाई गई हैं। जेल में बंद माओवादी भरत
सक्सेना का चेला माना जाने वाला शर्मा बम बनाने के लिए कुख्यात था। उसने
अपराध की दुनिया में 2004 में महज 12 साल की उम्र में कदम रखा था। कहा जाता
है कि वह एक लड़की के प्रेम में था और उसने लड़की से दूर रहने की चेतावनी
देने वाले शख्स की हत्या कर दी थी।

क्या है मुख्तार अंसारी कनेक्शन

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बृजेश सिंह और सुनील पांडे ने कथित
तौर पर शर्मा को 6 करोड़ रुपये की सुपारी दी थी। योजना बनाई गई थी कि
अंसारी को पेशी के दौरान कोर्ट में निशाना बनाया जाएगा। अब खास बात है कि
उस दौरान खुद लंबू बिहार की आरा जेल में बंद था। प्लान को अंजाम देने के
लिए पहले उसने खुद के जेल से भागने की योजना तैयार की।

गर्लफ्रेंड को बना दिया सुसाइड बॉम्बर

कहा जाता है कि शर्मा ने अपनी गर्लफ्रेंड नगीना को आरा में कोर्ट में टिफिन
बम लेकर आने के लिए मना लिया था, ताकि वह जेल से भाग सके। रिपोर्ट के
अनुसार, जब 23 जनवरी 2015 को लंबू की पुलिस वैन कोर्ट पहुंची, तब चश्मदीदों
ने नगीना को फोन पर बात करते हुए वैन के पास जाते हुए देखा था।

हालांकि, अब यह स्पष्ट नहीं है कि आगे क्या हुआ, लेकिन रिपोर्ट
के मुताबिक नगीना ने सुसाइड बॉम्बर की तरह काम किया और कोर्ट में धमाका कर
दिया। इस घटना में नगीना, एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए
थे। उस दौरान लंबू पुलिस की हिरासत से भागने में सफल हो गया था।

मुख्तार के खिलाफ प्लान

रिपोर्ट के अनुसार, लंबू ने कुछ महीने विस्फोटक जुटाने और एक और सुसाइड
बॉम्बर को तैयार करने में लगा दिए। उसे 50 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे। खबर
है कि जून के मध्य में जब कथित तौर पर लंबू का प्लान तैयार हो गया, तब ही
दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई को भी लंबू के विस्फोटक खरीदने की खबर लग गई।
23 जून को जब वह वारदात को अंजाम देने पहुंचा, तब स्पेशल सेल ने उसे कोर्ट
को पास रोक लिया था।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में अंसारी
की मौत हो गई थी। शनिवार को उसे गाजीपुर के ही कालीबाग कब्रिस्तान में दफना
दिया गया।


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