प्रेगनेंसी में मुंह सूखना है एक कॉमन समस्या, जानिए क्या हैं इसके कारण और इससे कैसे बचना है:

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प्रगनेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के उतार चढ़ाव महसूस होते हैं। कभी क्रेविंग्स बढ़ जाती है, तो कभी एपिटाइट लो हो जाता है। कभी थकान महसूस होती है, तो कभी तनाव बढ़ने लगता है। इसके अलावा गर्भावस्था में मुंह सूखने की समस्या भी बनी रहती है। गला सूखना एक सामान्य समस्या है, मगर गर्भावस्था में ये परेशानी कई समस्याओं का संकेत हो सकती है। आमतौर पर गला सूखने पर पानी की पर्याप्त मात्रा लिए जाने की सलाह दी जाती है। मगर बावजूद इसके अगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है, तो डॉक्टर का परामर्श आवश्यक है। जानते हैं किन कारणों से गर्भावस्था में गला सूखने की समस्या का करना पड़ता है सामना .

इस बारे में कंसल्टेंट, गायनोकोलॉजिस्ट डैफोडिल्स बाय आर्टेमिस, ईस्ट ऑफ कैलाश से डॉ अपूर्वा गुप्ता ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान मुंह सूखना सामान्य लक्षण है। ज्यादातर महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं। हालांकि इसके कारण को समझना बहुत जरूरी है। शरीर में पानी की कमी, डायबिटीज़ और देर रात तक जागना मुंह सूखने यानी ड्राई माउथ का कारण बनने लगते हैं।

गर्भावस्था के दौरान मुंह सूखने की समस्या के कारण -

1. डिहाइड्रेशन का संकेत

गर्भ में पल रहे शिशु के पोषण के लिए शरीर में पानी की नियमित मात्रा का होना आवश्यक है। इसी कारण से अक्सर मुंह सूखने लगता है। अगर मुंह बहुत ज्यादा सूखने लगे, तो यह डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का संकेत हो सकता है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी आदि के कारण महिलाओं को पर्याप्त पानी पीने में परेशानी होती है। दूसरी ओर शरीर में पानी की जरूरत बढ़ जाती है। दोनों परिस्थितियां मिलकर निर्जलीकरण का कारण (reasons of dehydration) बन जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से जूस और अन्य तरीकों से पर्याप्त तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए। साथ ही पर्याप्त पानी पीने का प्रयास करना चाहिए।

2. नींद न आना

गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएं सही से और पूरी नींद नहीं ले पाती हैं। लंबे समय तक पर्याप्त नींद नहीं लेने से भी मुंह सूखने की परशानी बढ़ जाती है। नींद की समस्या है और मुंह सूख रहा हैए तो डॉक्टर सक अवश्य संपर्क करें। विशेषज्ञ के परामर्श से डेली रूटीन में हल्के व्यायाम अवश्य शामिल किए जाने चाहिए, ताकि नींद की समस्या हल हो सके। साथ ही खानपान पौष्टिक होना चाहिए। दरअसल, ज्यादा मसालेदार भोजन भी अच्छी नींद में बाधा डालता है।

3. डायबिटीज़ का बढ़ना

शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होने और पूरी नींद लेने के बावजूद मुंह सूखने की समस्या बढ़ते ब्लड शुगर लेवल का संकेत हो सकता है। दरअसल, गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज का जोखिम बना रहता है। ऐसी स्थिति में तत्काल जांच और डॉक्टर की सलाह से खानपान एवं दवा आदि का ध्यान रखना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी होता है। ज्यादा ब्लड शुगर कई तरह की जटिलताओं का कारण बन सकता है।

4. फंगल इन्फेक्शन से भी सूखता है मुंह

मुंह सूखा लगने या मुंह में रुई के रेशे जैसा अनुभव होना कैंडिडा के बढ़ने का संकेत भी हो सकता है। कैंडिडा एक प्रकार का फंगस है, जो मुंह में होता है। आमतौर पर सभी के शरीर में इसकी थोड़ी मात्रा रहती ही है। अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो यह बढ़ जाता है। इससे खाने में स्वाद न आना, खाते व निगलते समय दर्द जैसे कुछ लक्षण भी दिखते हैं। इस स्थिति को ओरल थ्रश भी कहा जाता है। डॉक्टर की सलाह से जरूरी एंटीफंगल दवा और अन्य कदम उठाना जरूरी है।

ड्राई माउथ से बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

1. भरपूर मात्रा में पानी पीएं

प्रेगनेंसी में वॉटर लेवल को उचित बनाए रखने के लिए खूब पानी पीने की सलाह दी जाती है। दिनभर में पानी पीने के अलावा नींबू पानी और छाछ जैसे हेल्दी ड्रिक्स का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इससे गर्मी के मौसम में मुंह सूखना कम होने लगता है।

2. माउथवॉश के अधिक इस्तेमाल से बचें

अल्कोहल बेस्ड माउथवॉश से मुंह में रूखापन बढ़ने लगता है, जिससे माउथ ड्राईनेस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ओरल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए नेचुरल माउथवॉश की मदद लें। दरअसल, कुछ लोगों को प्रेगनेंसी में दांतों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हेल्दी विकल्पों को चुनें।

3. ह्यूमिडिफायर का करें इस्तेमाल

कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने से एलर्जी से राहत मिलती है और इनडोर एयर में नमी बरकरार रहती है। इसके चलते मुंह सूखने की समस्या से बचा जा सकता है। इससे प्रेगनेंसी के दौरान मौसमी एलर्जी का जोखिम कम होने लगता है।

4. कॉफी और चाय के सेवन से बचें

सोने से पहले रात में चाय और कॉफी का सेवन शरीर न केवल नींद में बाधा बनता है बल्कि यूरिन पास करने की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ने लगती है। इससे शरीर में निर्जलीकरण का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कैफीन के इनटेक का सीमित कर लें।


प्रगनेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के उतार चढ़ाव महसूस होते हैं। कभी क्रेविंग्स बढ़ जाती है, तो कभी एपिटाइट लो हो जाता है। कभी थकान महसूस होती है, तो कभी तनाव बढ़ने लगता है। इसके अलावा गर्भावस्था में मुंह सूखने की समस्या भी बनी रहती है। गला सूखना एक सामान्य समस्या है, मगर गर्भावस्था में ये परेशानी कई समस्याओं का संकेत हो सकती है। आमतौर पर गला सूखने पर पानी की पर्याप्त मात्रा लिए जाने की सलाह दी जाती है। मगर बावजूद इसके अगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है, तो डॉक्टर का परामर्श आवश्यक है। जानते हैं किन कारणों से गर्भावस्था में गला सूखने की समस्या का करना पड़ता है सामना .

इस बारे में कंसल्टेंट, गायनोकोलॉजिस्ट डैफोडिल्स बाय आर्टेमिस, ईस्ट ऑफ कैलाश से डॉ अपूर्वा गुप्ता ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान मुंह सूखना सामान्य लक्षण है। ज्यादातर महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं। हालांकि इसके कारण को समझना बहुत जरूरी है। शरीर में पानी की कमी, डायबिटीज़ और देर रात तक जागना मुंह सूखने यानी ड्राई माउथ का कारण बनने लगते हैं।

गर्भावस्था के दौरान मुंह सूखने की समस्या के कारण -

1. डिहाइड्रेशन का संकेत

गर्भ में पल रहे शिशु के पोषण के लिए शरीर में पानी की नियमित मात्रा का होना आवश्यक है। इसी कारण से अक्सर मुंह सूखने लगता है। अगर मुंह बहुत ज्यादा सूखने लगे, तो यह डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी का संकेत हो सकता है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी आदि के कारण महिलाओं को पर्याप्त पानी पीने में परेशानी होती है। दूसरी ओर शरीर में पानी की जरूरत बढ़ जाती है। दोनों परिस्थितियां मिलकर निर्जलीकरण का कारण (reasons of dehydration) बन जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से जूस और अन्य तरीकों से पर्याप्त तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए। साथ ही पर्याप्त पानी पीने का प्रयास करना चाहिए।

2. नींद न आना

गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएं सही से और पूरी नींद नहीं ले पाती हैं। लंबे समय तक पर्याप्त नींद नहीं लेने से भी मुंह सूखने की परशानी बढ़ जाती है। नींद की समस्या है और मुंह सूख रहा हैए तो डॉक्टर सक अवश्य संपर्क करें। विशेषज्ञ के परामर्श से डेली रूटीन में हल्के व्यायाम अवश्य शामिल किए जाने चाहिए, ताकि नींद की समस्या हल हो सके। साथ ही खानपान पौष्टिक होना चाहिए। दरअसल, ज्यादा मसालेदार भोजन भी अच्छी नींद में बाधा डालता है।

3. डायबिटीज़ का बढ़ना

शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होने और पूरी नींद लेने के बावजूद मुंह सूखने की समस्या बढ़ते ब्लड शुगर लेवल का संकेत हो सकता है। दरअसल, गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज का जोखिम बना रहता है। ऐसी स्थिति में तत्काल जांच और डॉक्टर की सलाह से खानपान एवं दवा आदि का ध्यान रखना जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी होता है। ज्यादा ब्लड शुगर कई तरह की जटिलताओं का कारण बन सकता है।

4. फंगल इन्फेक्शन से भी सूखता है मुंह

मुंह सूखा लगने या मुंह में रुई के रेशे जैसा अनुभव होना कैंडिडा के बढ़ने का संकेत भी हो सकता है। कैंडिडा एक प्रकार का फंगस है, जो मुंह में होता है। आमतौर पर सभी के शरीर में इसकी थोड़ी मात्रा रहती ही है। अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो यह बढ़ जाता है। इससे खाने में स्वाद न आना, खाते व निगलते समय दर्द जैसे कुछ लक्षण भी दिखते हैं। इस स्थिति को ओरल थ्रश भी कहा जाता है। डॉक्टर की सलाह से जरूरी एंटीफंगल दवा और अन्य कदम उठाना जरूरी है।

ड्राई माउथ से बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

1. भरपूर मात्रा में पानी पीएं

प्रेगनेंसी में वॉटर लेवल को उचित बनाए रखने के लिए खूब पानी पीने की सलाह दी जाती है। दिनभर में पानी पीने के अलावा नींबू पानी और छाछ जैसे हेल्दी ड्रिक्स का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इससे गर्मी के मौसम में मुंह सूखना कम होने लगता है।

2. माउथवॉश के अधिक इस्तेमाल से बचें

अल्कोहल बेस्ड माउथवॉश से मुंह में रूखापन बढ़ने लगता है, जिससे माउथ ड्राईनेस का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ओरल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए नेचुरल माउथवॉश की मदद लें। दरअसल, कुछ लोगों को प्रेगनेंसी में दांतों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हेल्दी विकल्पों को चुनें।

3. ह्यूमिडिफायर का करें इस्तेमाल

कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करने से एलर्जी से राहत मिलती है और इनडोर एयर में नमी बरकरार रहती है। इसके चलते मुंह सूखने की समस्या से बचा जा सकता है। इससे प्रेगनेंसी के दौरान मौसमी एलर्जी का जोखिम कम होने लगता है।

4. कॉफी और चाय के सेवन से बचें

सोने से पहले रात में चाय और कॉफी का सेवन शरीर न केवल नींद में बाधा बनता है बल्कि यूरिन पास करने की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ने लगती है। इससे शरीर में निर्जलीकरण का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कैफीन के इनटेक का सीमित कर लें।


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