महान अर्थशास्त्री और रणनीतिकार आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में
जीवन के कई पहलू जैसे दोस्ती, दाम्पत्य जीवन, धन-संपत्ति, स्त्री, करियर
आदि से जुड़ी बातों का गहनता से जिक्र किया है। तो आज हम आपको बताने जा रहे
हैं चाणक्य नीति शास्त्र की उस नीति के बारे में जिसमें एक भाग्यशाली
स्त्री के गुणों की चर्चा की गई है…
1. धर्म के मार्ग पर चलने वाली स्त्री
चाणक्य नीति
के अनुसार जो स्त्री सदा धर्म के मार्ग पर चलती है वह हर जगह सम्मान पाती
है। क्योंकि एक धार्मिक स्त्री कभी गलत कार्यों में संलग्न नहीं होती है।
ऐसी स्त्रियां अपने परिवरीजनों की बहुत प्रिय होती हैं और ये आगे चलकर अपने
बच्चों को भी अच्छे संस्कार देती हैं।
2. धैर्य धारण करने वाली स्त्री
आचार्य
चाणक्य ने कहा है कि जिन स्त्रियों के भीतर धैर्य होता है वे स्त्रियां
बहुत भाग्यशाली मानीं जातीं हैं। क्योंकि ऐसी महिलाओं में हर कठिन
परिस्थिति से लड़ने का साहस होता है। और धैर्य रखते हुए ये स्त्रियां उस
मुश्किल को पर कर लेती हैं। ऐसी धैर्यवान स्त्री से शादी करने वाले पुरुष
का भाग्य भी चमक जाता है।
3. मृदुभाषी स्त्री
चाणक्य
नीति के अनुसार मीठा बोलने वाले इंसान को सभी लोगों से प्रेम और आदर मिलता
है। इसलिए जो स्त्री मृदुभाषी होती है, वो किसी भी कुल में जाए उस घर में
हमेशा खुशी का माहौल बनाकर रखती है। ऐसी स्त्रियां लड़ाई-झगड़ों में पड़ने
के बजाए प्यार से बात संभालने वाली होती हैं।
4. शांतपूर्ण स्वभाव वाली स्त्रियां
चाणक्य
जी कहते हैं कि शांतिप्रिय और विनम्र स्वभाव वाला व्यक्ति हर किसी को
प्रभावित कर लेता है। इसलिए ऐसी शांत स्वभाव वाली स्त्रियों में क्रोध की
भावना बिल्कुल कम होती है। जिससे इन महिलाओं को कोई बात कड़वी लगने पर भी
ये बिना क्रोध किए विनम्र भाव से सामने वाले को अपनी बात समझा देती हैं।
जिससे घर परिवार में भी शांति बनी रहती है।
महान अर्थशास्त्री और रणनीतिकार आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में
जीवन के कई पहलू जैसे दोस्ती, दाम्पत्य जीवन, धन-संपत्ति, स्त्री, करियर
आदि से जुड़ी बातों का गहनता से जिक्र किया है। तो आज हम आपको बताने जा रहे
हैं चाणक्य नीति शास्त्र की उस नीति के बारे में जिसमें एक भाग्यशाली
स्त्री के गुणों की चर्चा की गई है…
1. धर्म के मार्ग पर चलने वाली स्त्री
चाणक्य नीति
के अनुसार जो स्त्री सदा धर्म के मार्ग पर चलती है वह हर जगह सम्मान पाती
है। क्योंकि एक धार्मिक स्त्री कभी गलत कार्यों में संलग्न नहीं होती है।
ऐसी स्त्रियां अपने परिवरीजनों की बहुत प्रिय होती हैं और ये आगे चलकर अपने
बच्चों को भी अच्छे संस्कार देती हैं।
2. धैर्य धारण करने वाली स्त्री
आचार्य
चाणक्य ने कहा है कि जिन स्त्रियों के भीतर धैर्य होता है वे स्त्रियां
बहुत भाग्यशाली मानीं जातीं हैं। क्योंकि ऐसी महिलाओं में हर कठिन
परिस्थिति से लड़ने का साहस होता है। और धैर्य रखते हुए ये स्त्रियां उस
मुश्किल को पर कर लेती हैं। ऐसी धैर्यवान स्त्री से शादी करने वाले पुरुष
का भाग्य भी चमक जाता है।
3. मृदुभाषी स्त्री
चाणक्य
नीति के अनुसार मीठा बोलने वाले इंसान को सभी लोगों से प्रेम और आदर मिलता
है। इसलिए जो स्त्री मृदुभाषी होती है, वो किसी भी कुल में जाए उस घर में
हमेशा खुशी का माहौल बनाकर रखती है। ऐसी स्त्रियां लड़ाई-झगड़ों में पड़ने
के बजाए प्यार से बात संभालने वाली होती हैं।
4. शांतपूर्ण स्वभाव वाली स्त्रियां
चाणक्य
जी कहते हैं कि शांतिप्रिय और विनम्र स्वभाव वाला व्यक्ति हर किसी को
प्रभावित कर लेता है। इसलिए ऐसी शांत स्वभाव वाली स्त्रियों में क्रोध की
भावना बिल्कुल कम होती है। जिससे इन महिलाओं को कोई बात कड़वी लगने पर भी
ये बिना क्रोध किए विनम्र भाव से सामने वाले को अपनी बात समझा देती हैं।
जिससे घर परिवार में भी शांति बनी रहती है।