news Ambikapur:: बस्ती के नजदीक पहुंचा भालू लोगों को दौड़ाया:

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 अंबिकापुर । बलरामपुर जिले के चांदो वन परिक्षेत्र के
जावाखाड़ गांव के नजदीक शनिवार की सुबह एक भालू पहुंच गया। भालू को देखने
आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।चारों ओर से ग्रामीणों की
भीड़ देख कई बार भालू ने ग्रामीणों को भी दौड़ाया। लापरवाहीपूर्वक लोग उसके
नजदीक भी जाते दिखे। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
भालू से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। लोग फ़ोटो और वीडियो बनाने के चक्कर
में लापरवाही बरत रहे है। यह इलाका भालू विचरण क्षेत्र के रूप में जाना
जाता है। भालू नजदीक के जंगल में ही रहते है लेकिन आबादी क्षेत्र के नजदीक आ जाने से
भयमिश्रित कौतूहल का वातावरण बना हुआ है। वन विभाग की कोशिश सुरक्षित
तरीके से भालू को जंगल की ओर वापस खदेड़ने की है लेकिन गांववालों की भीड़ की
वजह से दिक्कत आ रही है। बार-बार भालू लोगों को दौड़ा भी रहा है।


अभी तक
किसी प्रकार की कोई घटना तो नहीं हुई है लेकिन चांदो से पुलिस बल को भी
बुलाया गया है। प्राकृतिक जलस्रोतों के सूख जाने और जंगल में भोजन की
दिक्कत होने पर इस सीजन में भालू, आबादी क्षेत्रों की ओर प्रवेश करते है
जिससे कई बार जनहानि की घटनाएं भी होती है। उल्लेखनीय है कि घटते जंगल और
खाने की कमी के कारण जंगली जानवर जंगल किनारे लगे गांवों में भोजन की तलाश
में पहुंच जाते है। ऐसे में वन्य जीवों को गांवों के भीतर या आसपास देखकर
दहशत में आए ग्रामीण उन्हें भगाने के लिए उन पर पत्थर या डंडा से वार कर
देते है। ऐसे में उनकी मौत हो जाती है या फिर उन्हें गंभीर चोट पहुंचने से
वे भोजन-पानी के अभाव में मर जाते है। वहीं गर्मी की शुरूआत के साथ ही जंगल
के जलस्त्रोत सूखने लगे है। ऐसे में वन्यजीव पानी की तलाश में गांव के
समीप के तालाब या पोखर में पहुंच जाते है।



 अंबिकापुर । बलरामपुर जिले के चांदो वन परिक्षेत्र के
जावाखाड़ गांव के नजदीक शनिवार की सुबह एक भालू पहुंच गया। भालू को देखने
आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।चारों ओर से ग्रामीणों की
भीड़ देख कई बार भालू ने ग्रामीणों को भी दौड़ाया। लापरवाहीपूर्वक लोग उसके
नजदीक भी जाते दिखे। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।
भालू से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। लोग फ़ोटो और वीडियो बनाने के चक्कर
में लापरवाही बरत रहे है। यह इलाका भालू विचरण क्षेत्र के रूप में जाना
जाता है। भालू नजदीक के जंगल में ही रहते है लेकिन आबादी क्षेत्र के नजदीक आ जाने से
भयमिश्रित कौतूहल का वातावरण बना हुआ है। वन विभाग की कोशिश सुरक्षित
तरीके से भालू को जंगल की ओर वापस खदेड़ने की है लेकिन गांववालों की भीड़ की
वजह से दिक्कत आ रही है। बार-बार भालू लोगों को दौड़ा भी रहा है।


अभी तक
किसी प्रकार की कोई घटना तो नहीं हुई है लेकिन चांदो से पुलिस बल को भी
बुलाया गया है। प्राकृतिक जलस्रोतों के सूख जाने और जंगल में भोजन की
दिक्कत होने पर इस सीजन में भालू, आबादी क्षेत्रों की ओर प्रवेश करते है
जिससे कई बार जनहानि की घटनाएं भी होती है। उल्लेखनीय है कि घटते जंगल और
खाने की कमी के कारण जंगली जानवर जंगल किनारे लगे गांवों में भोजन की तलाश
में पहुंच जाते है। ऐसे में वन्य जीवों को गांवों के भीतर या आसपास देखकर
दहशत में आए ग्रामीण उन्हें भगाने के लिए उन पर पत्थर या डंडा से वार कर
देते है। ऐसे में उनकी मौत हो जाती है या फिर उन्हें गंभीर चोट पहुंचने से
वे भोजन-पानी के अभाव में मर जाते है। वहीं गर्मी की शुरूआत के साथ ही जंगल
के जलस्त्रोत सूखने लगे है। ऐसे में वन्यजीव पानी की तलाश में गांव के
समीप के तालाब या पोखर में पहुंच जाते है।



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