रायपुर । बैंकों के निजीकरण पर
रोक लगाने, आउटसोर्सिंग बंद कर नई भर्ती शुरू करने सहित 12 सूत्री मांगों
को लेकर देश भर में बैंकिंग संगठनों के साथ ही केंद्रीय श्रमिक संगठन व
ट्रेड यूनियन मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। व्यापारिक संगठनों के
अनुसार, दो दिनों की हड़ताल के कारण प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का
कारोबार प्रभावित हुआ है। आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन ने केंद्रीय
श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन किया है।
दस केंद्रीय श्रमिक संगठन व ट्रेड यूनियनों का भी मिला साथ
बैंकिंग
संगठनों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण उन्हें हड़ताल पर जाना
पड़ा और इसका नुकसान आम उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। मंगलवार सुबह 11 बजे
एलआइसी मंडल कार्यालय पंडरी में बैंकिंग संगठनों के साथ ही सभी ट्रेड
यूनियनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों का
इन संगठनों ने विरोध किया उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव शिरीष नलगुंडवार ने बताया
कि उनकी प्रमुख मांगों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना है।
बैंकों का निजीकरण रोकने के साथ ही बैंकों के जमा पर ब्याज दरों में वृद्धि
करनी चाहिए। आउटसोर्सिंग बंद कर नई भर्तियां करनी चाहिए। उन्होंने बताया
कि यह हड़ताल दो दिनों की थी और आगे की रणनीति बाद में बनाई जाएगी।
आज से शुरू हुआ कामकाज
बुधवार से सभी बैंकों में कामकाज सामान्य हो जाएगा और उपभोक्ता लेनदेन
कर सकते हैं। हालांकि पहले तो इन दो दिनों में क्लियरिंग के लिए जाम पड़े
चेक को क्लीयरिंग किया जाएगा और दूसरे कामकाज भी निपटाए जाएंगे।
स्टेट बैंक में हुआ कामकाज
ट्रेड
यूनियनों के साथ ही बैंकिंग संगठनों के इस हड़ताल का प्रभाव स्टेट बैंक पर
नहीं पड़ा। स्टेट बैंक में कामकाज सामान्य रहा। इसके साथ ही सभी बैंकों के
एटीएम भी खुले रहे और आनलाइन ट्रांजेक्सन भी होता रहा।
रायपुर । बैंकों के निजीकरण पर
रोक लगाने, आउटसोर्सिंग बंद कर नई भर्ती शुरू करने सहित 12 सूत्री मांगों
को लेकर देश भर में बैंकिंग संगठनों के साथ ही केंद्रीय श्रमिक संगठन व
ट्रेड यूनियन मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। व्यापारिक संगठनों के
अनुसार, दो दिनों की हड़ताल के कारण प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का
कारोबार प्रभावित हुआ है। आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन ने केंद्रीय
श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन किया है।
दस केंद्रीय श्रमिक संगठन व ट्रेड यूनियनों का भी मिला साथ
बैंकिंग
संगठनों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण उन्हें हड़ताल पर जाना
पड़ा और इसका नुकसान आम उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। मंगलवार सुबह 11 बजे
एलआइसी मंडल कार्यालय पंडरी में बैंकिंग संगठनों के साथ ही सभी ट्रेड
यूनियनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों का
इन संगठनों ने विरोध किया उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव शिरीष नलगुंडवार ने बताया
कि उनकी प्रमुख मांगों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना है।
बैंकों का निजीकरण रोकने के साथ ही बैंकों के जमा पर ब्याज दरों में वृद्धि
करनी चाहिए। आउटसोर्सिंग बंद कर नई भर्तियां करनी चाहिए। उन्होंने बताया
कि यह हड़ताल दो दिनों की थी और आगे की रणनीति बाद में बनाई जाएगी।
आज से शुरू हुआ कामकाज
बुधवार से सभी बैंकों में कामकाज सामान्य हो जाएगा और उपभोक्ता लेनदेन
कर सकते हैं। हालांकि पहले तो इन दो दिनों में क्लियरिंग के लिए जाम पड़े
चेक को क्लीयरिंग किया जाएगा और दूसरे कामकाज भी निपटाए जाएंगे।
स्टेट बैंक में हुआ कामकाज
ट्रेड
यूनियनों के साथ ही बैंकिंग संगठनों के इस हड़ताल का प्रभाव स्टेट बैंक पर
नहीं पड़ा। स्टेट बैंक में कामकाज सामान्य रहा। इसके साथ ही सभी बैंकों के
एटीएम भी खुले रहे और आनलाइन ट्रांजेक्सन भी होता रहा।