रायपुर । राजधानी की आहार विशेषज्ञ
डॉ. सारिका श्रीवास्तव बताया कि कोरोना के प्रकोप के कम होते ही भीषण गर्मी
प्रारम्भ हो गयी है। बदलते मौसम में थोड़ी सी असावधानी बीमारियों को
आमंत्रित करती है। ऐसे में उचित खानपान स्वास्थ्य के लिए अति आवशयक है। यदि
हम उचित आहार नहीं लेते है तो हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है । डॉ. सारिका श्रीवास्तव बताया कि गर्मी के प्रारम्भ होते ही पीलिया, उलटी
दस्त वायरल जैसी समस्याएं दस्तक देने लगती है। संतुलित एवं उचित आहार इन
समस्याओं से निपटने में बहुत मददगार होता है। मौसम बदलते ही मच्छर मक्खी
बढ़ने लगते है। ये बीमारियों का संवहन करने के साथ साथ मलेरिया जैसी
बीमारियों को बढ़ाते है। गर्मी में हमारे शरीर से पसीना बहुत निकलता है, जो
शरीर में पानी की कमी का कारण बन जाता है। इस मौसम से आहार संतुलित एवं
आसानी से पचने वाला होना चाहिए। आहार में सभी पोषक तत्वों को सम्मिलित करना
अत्यंत आवश्यक है।
एवं 3 मध्य आहार लेना आवश्यक है। आहार हल्का एवं सुपाच्य होना चाहिए है।
आहार में मल्टीग्रैन जैसे ज्वार, ओट्स, ब्राउन राइस जैसे अनाज, मूंग मसूर
की दाल की खिचड़ी जैसे आसानी से पचने वाले आहार शामिल करना चाहिए।
आवश्यक है। विभिन्न ठन्डे फल जैसे तरबूज, खरबूज, लीची, संतरा, पपीता को रोज
शामिल करना चाहिए। फलों का राजा आम भी इस मौसम में मिलता है उसे भी आहार
में सम्मिलित करना आवश्यक है। इन सभी फलों में फाइबर, पानी, एंटीऑक्सीडेंट
पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है जो शरीर को ऊर्जा के साथ साथ डिहाइड्रेशन
से बचाते है।
रायपुर । राजधानी की आहार विशेषज्ञ
डॉ. सारिका श्रीवास्तव बताया कि कोरोना के प्रकोप के कम होते ही भीषण गर्मी
प्रारम्भ हो गयी है। बदलते मौसम में थोड़ी सी असावधानी बीमारियों को
आमंत्रित करती है। ऐसे में उचित खानपान स्वास्थ्य के लिए अति आवशयक है। यदि
हम उचित आहार नहीं लेते है तो हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है । डॉ. सारिका श्रीवास्तव बताया कि गर्मी के प्रारम्भ होते ही पीलिया, उलटी
दस्त वायरल जैसी समस्याएं दस्तक देने लगती है। संतुलित एवं उचित आहार इन
समस्याओं से निपटने में बहुत मददगार होता है। मौसम बदलते ही मच्छर मक्खी
बढ़ने लगते है। ये बीमारियों का संवहन करने के साथ साथ मलेरिया जैसी
बीमारियों को बढ़ाते है। गर्मी में हमारे शरीर से पसीना बहुत निकलता है, जो
शरीर में पानी की कमी का कारण बन जाता है। इस मौसम से आहार संतुलित एवं
आसानी से पचने वाला होना चाहिए। आहार में सभी पोषक तत्वों को सम्मिलित करना
अत्यंत आवश्यक है।
एवं 3 मध्य आहार लेना आवश्यक है। आहार हल्का एवं सुपाच्य होना चाहिए है।
आहार में मल्टीग्रैन जैसे ज्वार, ओट्स, ब्राउन राइस जैसे अनाज, मूंग मसूर
की दाल की खिचड़ी जैसे आसानी से पचने वाले आहार शामिल करना चाहिए।
आवश्यक है। विभिन्न ठन्डे फल जैसे तरबूज, खरबूज, लीची, संतरा, पपीता को रोज
शामिल करना चाहिए। फलों का राजा आम भी इस मौसम में मिलता है उसे भी आहार
में सम्मिलित करना आवश्यक है। इन सभी फलों में फाइबर, पानी, एंटीऑक्सीडेंट
पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है जो शरीर को ऊर्जा के साथ साथ डिहाइड्रेशन
से बचाते है।