सिर्फ नवरात्रि की अष्टमी, नवमी ही नहीं बल्कि हर दिन कर सकते हैं कन्या पूजन, जानिए इसके लाभ:

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नई दिल्ली

Updated: April 02, 2022 12:27:19 pm

नवरात्रि
में कन्या पूजन का बहुत महत्व माना गया है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी
तिथि को को भोजन खिलाना और उन्हें उपहार आदि देना शुभ माना गया है। लेकिन
आपको बता दें कि केवल अष्टमी और नवमी तिथि को ही नहीं बल्कि नवरात्रि के
पूरे नौ दिनों तक 2 से 5 वर्ष तक की नन्ही बच्चियों के पूजन को भी बहुत
फलदायी माना गया है। इससे मां भवानी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर विशेष
कृपा करती हैं। तो आइए जानते हैं नवरात्रि में नौ दिनों तक कन्या पूजन में
क्या क्या ध्यान रखें...

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1. प्रतिपदा को
नवरात्रि
के प्रथम दिन यानी प्रतिपदा को कन्याओं को फूलों की भेंट और श्रृंगार की
वस्तुएं देना काफी शुभ होता है। कन्याओं को गुलाब, मोगरा, गुड़हल, गेंदा या
चंपा के फूलों में से कोई भी भेंट कर सकते हैं।

2. द्वितीय दिन
नवरात्रि
के दूसरे दिन सांसारिक कामना की पूर्ति के लिए कन्याओं को लाल या पीला रंग
का कोई फल दे सकते हैं। लेकिन खट्टे फल देना सही नहीं होता।

3. तृतीय दिन
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तीसरे दिन कन्याओं को घर का बना हुआ हलवा या खीर खिलाना शुभ माना जाता है।


4. चौथे दिन
वैसे
तो नवरात्रि के चौथे दिन छोटी कन्याओं को वस्त्र भेंट करना लाभकारी माना
गया है परंतु यदि आप का सामर्थ्य नहीं है तो उन्हें रंग-बिरंगे रुमाल भी
भेंट कर सकते हैं।

5. पांचवे दिन
मां अंबे
से सौभाग्य और संतान प्राप्ति की मनोकामना रखने वाले जातकों को नवरात्रि के
पांचवे दिन कन्याओं को कोई भी 5 तरह की श्रृंगार सामग्री भेंट करनी चाहिए।

6. छठे दिन
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को पूजा जाता है। इस दिन नवरात्रि में कन्याओं को कोई भी खेलने की वस्तु भेंट करनी चाहिए।


7. सातवें दिन
नवरात्रि
के सातवें दिन कन्याओं को पढ़ने-लिखने की सामग्री उपहार में देना शुभ माना
जाता है। इसके लिए आप उन्हें पेंसिल, कॉपी, रंग, पेन आदि भेंट कर सकते
हैं।

8. अष्टमी को
नवरात्रि की अष्टमी यानी
आठवां दिन बहुत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि अष्टमी तिथि को छोटी
बच्चियों का अपने हाथों से श्रृंगार करके उनके पैर दूध से धोना बहुत शुभ
होता है। इसके बाद उनके पैरों पर हल्दी, कुमकुम, अक्षत और पुष्प लगाएं।
इसके पश्चात सभी कन्याओं को भोजन कराएं और अपनी इच्छा अनुसार कोई भी भेंट
अथवा दक्षिणा दे सकते हैं।


9. नवमी के दिन
नवरात्रि
के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप को पूजा
जाता है। नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन में खीर, पूरी और ग्वारफली की सब्जी
खिलाना चाहिए। साथ ही छोटी बच्चियों के हाथों में मेहंदी और पैरों में
महावर लगाना ना भूलें। पूजा का सम्पूर्ण फल पाने के लिए भोजन के बाद
कन्याओं को इलायची और पान अवश्य खिलाएं।


नई दिल्ली

Updated: April 02, 2022 12:27:19 pm

नवरात्रि
में कन्या पूजन का बहुत महत्व माना गया है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी
तिथि को को भोजन खिलाना और उन्हें उपहार आदि देना शुभ माना गया है। लेकिन
आपको बता दें कि केवल अष्टमी और नवमी तिथि को ही नहीं बल्कि नवरात्रि के
पूरे नौ दिनों तक 2 से 5 वर्ष तक की नन्ही बच्चियों के पूजन को भी बहुत
फलदायी माना गया है। इससे मां भवानी प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर विशेष
कृपा करती हैं। तो आइए जानते हैं नवरात्रि में नौ दिनों तक कन्या पूजन में
क्या क्या ध्यान रखें...

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1. प्रतिपदा को
नवरात्रि
के प्रथम दिन यानी प्रतिपदा को कन्याओं को फूलों की भेंट और श्रृंगार की
वस्तुएं देना काफी शुभ होता है। कन्याओं को गुलाब, मोगरा, गुड़हल, गेंदा या
चंपा के फूलों में से कोई भी भेंट कर सकते हैं।

2. द्वितीय दिन
नवरात्रि
के दूसरे दिन सांसारिक कामना की पूर्ति के लिए कन्याओं को लाल या पीला रंग
का कोई फल दे सकते हैं। लेकिन खट्टे फल देना सही नहीं होता।

3. तृतीय दिन
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तीसरे दिन कन्याओं को घर का बना हुआ हलवा या खीर खिलाना शुभ माना जाता है।


4. चौथे दिन
वैसे
तो नवरात्रि के चौथे दिन छोटी कन्याओं को वस्त्र भेंट करना लाभकारी माना
गया है परंतु यदि आप का सामर्थ्य नहीं है तो उन्हें रंग-बिरंगे रुमाल भी
भेंट कर सकते हैं।

5. पांचवे दिन
मां अंबे
से सौभाग्य और संतान प्राप्ति की मनोकामना रखने वाले जातकों को नवरात्रि के
पांचवे दिन कन्याओं को कोई भी 5 तरह की श्रृंगार सामग्री भेंट करनी चाहिए।

6. छठे दिन
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को पूजा जाता है। इस दिन नवरात्रि में कन्याओं को कोई भी खेलने की वस्तु भेंट करनी चाहिए।


7. सातवें दिन
नवरात्रि
के सातवें दिन कन्याओं को पढ़ने-लिखने की सामग्री उपहार में देना शुभ माना
जाता है। इसके लिए आप उन्हें पेंसिल, कॉपी, रंग, पेन आदि भेंट कर सकते
हैं।

8. अष्टमी को
नवरात्रि की अष्टमी यानी
आठवां दिन बहुत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि अष्टमी तिथि को छोटी
बच्चियों का अपने हाथों से श्रृंगार करके उनके पैर दूध से धोना बहुत शुभ
होता है। इसके बाद उनके पैरों पर हल्दी, कुमकुम, अक्षत और पुष्प लगाएं।
इसके पश्चात सभी कन्याओं को भोजन कराएं और अपनी इच्छा अनुसार कोई भी भेंट
अथवा दक्षिणा दे सकते हैं।


9. नवमी के दिन
नवरात्रि
के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप को पूजा
जाता है। नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन में खीर, पूरी और ग्वारफली की सब्जी
खिलाना चाहिए। साथ ही छोटी बच्चियों के हाथों में मेहंदी और पैरों में
महावर लगाना ना भूलें। पूजा का सम्पूर्ण फल पाने के लिए भोजन के बाद
कन्याओं को इलायची और पान अवश्य खिलाएं।


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