महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद का क्या होगा ? इस सवाल का जवाब आज भी नहीं मिल पाया. दरअसल, राज्य में इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. बैठक के बाद महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मिलकर इस मुद्दे (राज्य में लाउडस्पीकर विवाद) के समाधान पर चर्चा करेगा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने क्या कहा
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे ने कहा कि प्रदेश में लाउडस्पीकर पर कोई नई गाइडलाइंस नहीं जारी की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना होगा. कोर्ट का फैसला सबसे ऊपर है. किसी खास समुदाय को इससे छूट नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा पाठ करने का विरोध नहीं है लेकिन इसे अपने घर पर करें.
सर्वदलीय बैठक में इसलिए नहीं गये देवेंद्र फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि महाराष्ट्र में अराजकता जैसे हालात हैं. पुलिस का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. राणा दंपती की गिरफ्तारी गलत है. हनुमान चालिसा पढ़ना राजद्रोह है क्या ? पुलिस की ओट में गुंडागर्दी की जा रही है. विरोधी दल के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. नवनीत राणा को पानी तक नहीं दिया गया है. पुलिस के होते हमारे नेता सोमैया पर हमला गलत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालात को देखते हुए हमने सर्वदलीय बैठक में नहीं जाने का फैसला लिया है. हिटलर शाही से संघर्ष होता है, संवाद नहीं.
नहीं पहुंचे राज ठाकरे
जानकारी के अनुसार बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने की. इससे पहले MNS नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि लाउडस्पीकर विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे शामिल नहीं होंगे. लाउडस्पीकर विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में MNS नेता संदीप देशपांडे, बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई शामिल हुए.
मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर आरपीआई ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग का आरपीआई (ए) समर्थन नहीं करती. आपको बता दें कि ठाकरे ने दो अप्रैल को मुंबई में गुड़ी पड़वा रैली के दौरान मांग की थी कि तीन मई तक मस्जिदों से अजान देने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले लाउडस्पीकर हटा लिए जाएं वरना इसका जवाब ऊंची आवाज में हनुमान चालीसा बजाकर दिया जाएगा.
लाउडस्पीकर विवाद पर शिवसेना का बयान
पिछले दिनों शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा था कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर वह राष्ट्रीय नीति बनाएं और इसे गुजरात-दिल्ली में सबसे पहले लागू करें. राउत ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय नीति बनायें और भाजपा शासित राज्यों में इसे सबसे पहले लागू करें.
क्यों गरमाया है लाउडस्पीकर विवाद
यहां चर्चा कर दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र की मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर को हटाने की मांग की थी. इसके बाद से लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का मुद्दा गरमा गया.
महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद का क्या होगा ? इस सवाल का जवाब आज भी नहीं मिल पाया. दरअसल, राज्य में इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. बैठक के बाद महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मिलकर इस मुद्दे (राज्य में लाउडस्पीकर विवाद) के समाधान पर चर्चा करेगा. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने क्या कहा
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे ने कहा कि प्रदेश में लाउडस्पीकर पर कोई नई गाइडलाइंस नहीं जारी की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना होगा. कोर्ट का फैसला सबसे ऊपर है. किसी खास समुदाय को इससे छूट नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा पाठ करने का विरोध नहीं है लेकिन इसे अपने घर पर करें.
सर्वदलीय बैठक में इसलिए नहीं गये देवेंद्र फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि महाराष्ट्र में अराजकता जैसे हालात हैं. पुलिस का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. राणा दंपती की गिरफ्तारी गलत है. हनुमान चालिसा पढ़ना राजद्रोह है क्या ? पुलिस की ओट में गुंडागर्दी की जा रही है. विरोधी दल के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. नवनीत राणा को पानी तक नहीं दिया गया है. पुलिस के होते हमारे नेता सोमैया पर हमला गलत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालात को देखते हुए हमने सर्वदलीय बैठक में नहीं जाने का फैसला लिया है. हिटलर शाही से संघर्ष होता है, संवाद नहीं.
नहीं पहुंचे राज ठाकरे
जानकारी के अनुसार बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने की. इससे पहले MNS नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि लाउडस्पीकर विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे शामिल नहीं होंगे. लाउडस्पीकर विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में MNS नेता संदीप देशपांडे, बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई शामिल हुए.
मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग पर आरपीआई ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग का आरपीआई (ए) समर्थन नहीं करती. आपको बता दें कि ठाकरे ने दो अप्रैल को मुंबई में गुड़ी पड़वा रैली के दौरान मांग की थी कि तीन मई तक मस्जिदों से अजान देने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले लाउडस्पीकर हटा लिए जाएं वरना इसका जवाब ऊंची आवाज में हनुमान चालीसा बजाकर दिया जाएगा.
लाउडस्पीकर विवाद पर शिवसेना का बयान
पिछले दिनों शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा था कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर वह राष्ट्रीय नीति बनाएं और इसे गुजरात-दिल्ली में सबसे पहले लागू करें. राउत ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय नीति बनायें और भाजपा शासित राज्यों में इसे सबसे पहले लागू करें.
क्यों गरमाया है लाउडस्पीकर विवाद
यहां चर्चा कर दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र की मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर को हटाने की मांग की थी. इसके बाद से लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का मुद्दा गरमा गया.