रायपुर । लोक शिक्षण संचालनालय में डाटा
एंट्री आपरेटरों को एमआइएस (मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम) प्रशासक पद
पर पदोन्न्ति देने में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। प्रदेश के कई
जिलों में डाटा संग्रहित करने वाले एमआइएस प्रशासक के पद ही नहीं हैं और
अफसरों ने इन पदों पर डाटा एंट्री आपरेटरों को पदोन्न्त करके पदस्थ कर दिया
है। डाटा एंट्री आपरेटरों को सीधे एमआइएस प्रशासक का पद देकर राजपत्रित
अधिकारी बनाया गया है। मामले में बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक
शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि यहां पद नहीं है और
एमआइएस प्रशासक के पद पर पदोन्न्ति दी गई। इसके अलावा बलरामपुर, सुकमा,
बालोद आदि जिलों में भी पद नहीं हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में केवल
19 जिलों में एमआइएस प्रशासक के पद थे, जिनमें अभी तक कोई संशोधन नहीं किया
गया है। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्न्ति की प्रक्रिया चल
रही है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रक्रिया के दौरान यदि कोई
गड़बड़ी सामने आती है तो सीधे जिला शिक्षा अधिकारी और संयुक्त संचालक की
जिम्मेदारी तय की थी। लोक
शिक्षण संचालनालय के संचालक सुनील कुमार जैन की ओर से कुछ समय पहले जारी
निर्देश में स्पष्ट कहा गया था कि इस प्रक्रिया पर पूरी तरह से पारदर्शिता
बरती जाए। पदोन्न्ति के बाद रिक्त पदों पर ही भर्ती करने का निर्देश था। पर
यहां जो पद नहीं है वहां भी मनमानी पदस्थापना करने की बात सामने आ रही है।
पहले भी हो चुकी है पदों की गणना में गड़बड़ी
यह पहली दफा नहीं है जब विभाग में पदोन्न्ति के नाम पर पदों की गणना करने
में गड़बड़ी की गई हो। इसके पहले उप संचालक से संयुक्त संचालक के पदों पर
हुई पदोन्न्ति में इसी तरह पदों की गलत गणना करने की शिकायत हुई थी।
आरोप था कि उप संचालक से संयुक्त संचालक बने अफसरों के पदोन्न्ति के दौरान
प्रदेश में 10 पदों की गणना करने की बजाय 14 पदों की गणना करके पदोन्न्ति
दी गई थी।
मेरे जिले में एमआइएस प्रशासक का पद नहीं है और पदोन्न्त करके भेजा
गया है। इस संबंध में मैंने लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र भेजकर अवगत
कराया था। अभी प्रशासक को हटाकर दूसरे जिले में किया जा रहा है।
- सीएस ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी, बलौदाबाजार
एमआइएस प्रशासक की पदोन्न्ति और पदस्थापना में यदि कोई गड़बड़ी है तो मामले में को दिखवाता हूं।जांच की जाएगी।
- सुनील कुमार जैन, संचालक , लोक शिक्षण संचालनालय
रायपुर । लोक शिक्षण संचालनालय में डाटा
एंट्री आपरेटरों को एमआइएस (मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम) प्रशासक पद
पर पदोन्न्ति देने में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। प्रदेश के कई
जिलों में डाटा संग्रहित करने वाले एमआइएस प्रशासक के पद ही नहीं हैं और
अफसरों ने इन पदों पर डाटा एंट्री आपरेटरों को पदोन्न्त करके पदस्थ कर दिया
है। डाटा एंट्री आपरेटरों को सीधे एमआइएस प्रशासक का पद देकर राजपत्रित
अधिकारी बनाया गया है। मामले में बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक
शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि यहां पद नहीं है और
एमआइएस प्रशासक के पद पर पदोन्न्ति दी गई। इसके अलावा बलरामपुर, सुकमा,
बालोद आदि जिलों में भी पद नहीं हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में केवल
19 जिलों में एमआइएस प्रशासक के पद थे, जिनमें अभी तक कोई संशोधन नहीं किया
गया है। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की पदोन्न्ति की प्रक्रिया चल
रही है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रक्रिया के दौरान यदि कोई
गड़बड़ी सामने आती है तो सीधे जिला शिक्षा अधिकारी और संयुक्त संचालक की
जिम्मेदारी तय की थी। लोक
शिक्षण संचालनालय के संचालक सुनील कुमार जैन की ओर से कुछ समय पहले जारी
निर्देश में स्पष्ट कहा गया था कि इस प्रक्रिया पर पूरी तरह से पारदर्शिता
बरती जाए। पदोन्न्ति के बाद रिक्त पदों पर ही भर्ती करने का निर्देश था। पर
यहां जो पद नहीं है वहां भी मनमानी पदस्थापना करने की बात सामने आ रही है।
पहले भी हो चुकी है पदों की गणना में गड़बड़ी
यह पहली दफा नहीं है जब विभाग में पदोन्न्ति के नाम पर पदों की गणना करने
में गड़बड़ी की गई हो। इसके पहले उप संचालक से संयुक्त संचालक के पदों पर
हुई पदोन्न्ति में इसी तरह पदों की गलत गणना करने की शिकायत हुई थी।
आरोप था कि उप संचालक से संयुक्त संचालक बने अफसरों के पदोन्न्ति के दौरान
प्रदेश में 10 पदों की गणना करने की बजाय 14 पदों की गणना करके पदोन्न्ति
दी गई थी।
मेरे जिले में एमआइएस प्रशासक का पद नहीं है और पदोन्न्त करके भेजा
गया है। इस संबंध में मैंने लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र भेजकर अवगत
कराया था। अभी प्रशासक को हटाकर दूसरे जिले में किया जा रहा है।
- सीएस ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी, बलौदाबाजार
एमआइएस प्रशासक की पदोन्न्ति और पदस्थापना में यदि कोई गड़बड़ी है तो मामले में को दिखवाता हूं।जांच की जाएगी।
- सुनील कुमार जैन, संचालक , लोक शिक्षण संचालनालय