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शरद पवार से मिलने पहुंचे बयानवीर संजय राउत, मीडिया के सवालों पर चुप्पी:

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मुंबई.  शिवसेना के बागी विधायकों ने मातोश्री की तरफ नरमी बरतनी के संकेत देने
शुरू कर दिए हैं। अपने बयान में उद्धव और आदित्य ठाकरे के प्रति सम्मान
लेकिन, शिवसेना के 'बयानवीर' राज्यसभा सांसद संजय राउत को एनसीपी का एजेंट
करार दिया है। बागियों ने साफ कर दिया है कि राउत को साथ लेकर उद्धव ठाकरे
से उनकी सुलह की राह बेहद कठिन है। इन संभावनाओं के बीच संजय राउत ने
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। हर वक्त अपने तीखे
बयानों से सुर्खियां पाने वाले राउत ने इस बार मीडिया से दूरी बनाई।
उन्होंने सवालों पर चुप्पी साधी रखी। मीडिया के सवालों से कन्नी काटना
दर्शाता है कि शिवसेना में  भूचाल अभी बाकी है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही
है। सीएम की कुर्सी जाने के बाद शिंदे गुट लगातार मजबूत हो रहा है तो उद्धव
सेना से पार्टी नेता लगातार टूट रहे हैं। इस वक्त उद्धव ठाकरे के सामने
सबसे बड़ी चुनौती शिवसेना को एकजुट करने से पहले टूट को रोकना है। वहीं,
बागी विधायकों के संजय राउत को एनसीपी का एजेंट कहना और राउत को साइड करके
ही बात करने के संकेत देना उद्धव के लिए बड़ी मुश्किल घड़ी है। 

शरद पवार से मिले, मीडिया के सवालों पर चुप्पी

संजय राउत ने गुरुवार को शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों के
बीच क्या बातें हुई, इस बात खुलासा तो नहीं हुआ लेकिन, सूत्रों का कहना है
कि दोनों के बीच शिष्टाचार भेंट हुई थी। लेकिन, राउत का मीडिया के सवालों
पर चुप्पी साधना बड़े सवाल पैदा करता है।

बता दें कि शिवसेना के बागियों ने संजय राउत पर अपनी ही पार्टी के
नेताओं की तुलना में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के अधिक करीब होने का आरोप
लगाया है। बागियों का दावा इसलिए भी रोचकता पैदा करता है क्योंकि पवार और
राउत दोनों ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा
विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


मुंबई.  शिवसेना के बागी विधायकों ने मातोश्री की तरफ नरमी बरतनी के संकेत देने
शुरू कर दिए हैं। अपने बयान में उद्धव और आदित्य ठाकरे के प्रति सम्मान
लेकिन, शिवसेना के 'बयानवीर' राज्यसभा सांसद संजय राउत को एनसीपी का एजेंट
करार दिया है। बागियों ने साफ कर दिया है कि राउत को साथ लेकर उद्धव ठाकरे
से उनकी सुलह की राह बेहद कठिन है। इन संभावनाओं के बीच संजय राउत ने
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। हर वक्त अपने तीखे
बयानों से सुर्खियां पाने वाले राउत ने इस बार मीडिया से दूरी बनाई।
उन्होंने सवालों पर चुप्पी साधी रखी। मीडिया के सवालों से कन्नी काटना
दर्शाता है कि शिवसेना में  भूचाल अभी बाकी है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही
है। सीएम की कुर्सी जाने के बाद शिंदे गुट लगातार मजबूत हो रहा है तो उद्धव
सेना से पार्टी नेता लगातार टूट रहे हैं। इस वक्त उद्धव ठाकरे के सामने
सबसे बड़ी चुनौती शिवसेना को एकजुट करने से पहले टूट को रोकना है। वहीं,
बागी विधायकों के संजय राउत को एनसीपी का एजेंट कहना और राउत को साइड करके
ही बात करने के संकेत देना उद्धव के लिए बड़ी मुश्किल घड़ी है। 

शरद पवार से मिले, मीडिया के सवालों पर चुप्पी

संजय राउत ने गुरुवार को शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों के
बीच क्या बातें हुई, इस बात खुलासा तो नहीं हुआ लेकिन, सूत्रों का कहना है
कि दोनों के बीच शिष्टाचार भेंट हुई थी। लेकिन, राउत का मीडिया के सवालों
पर चुप्पी साधना बड़े सवाल पैदा करता है।

बता दें कि शिवसेना के बागियों ने संजय राउत पर अपनी ही पार्टी के
नेताओं की तुलना में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के अधिक करीब होने का आरोप
लगाया है। बागियों का दावा इसलिए भी रोचकता पैदा करता है क्योंकि पवार और
राउत दोनों ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा
विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


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