10 समस्याओं को दूर करने वाला एक योगासन:

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बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अपनी फिटनेस के
लिए हमेशा ही जानी जाती है। वे अक्सर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने
फिटनेस वीडियो शेयर करती हैं और लोगों को इसे अपनाने को प्रोत्साहित करती
हैं। खास कर योग को लेकर। 47 साल की उम्र में भी शिल्पा काफी स्ट्रेचबल
योगासनों को कर लेती है जिसमें शरीर के सभी अंग भाग लेते हैं। इसलिए तो इस
उम्र में भी वो इसनी खूबसूरती और हेल्दी हैं। अब उनके हाल ही में आए एक
इंस्टा पोस्ट की बात करें तो, उसमें शिल्पा शेट्टी बहन और अभिनेत्री शमिता
शेट्टी के साथ गत्यात्मक उत्तानपादासन या द
रेज़्ड लेग पोज़ का करती नजर आ रही हैं।

इस
वीडियो में शिल्पा ने ना सिर्फ योग को करने का सही तरीका बताया बल्कि इसमें
उन्होंने इस योगासन को करने के कई फायदे भी बताएं। उन्होंने बताया कि
रोजमर्जा के जीवन में होने वाली विभिन्य स्वास्थ्य समस्याओं से लेकर
फर्टिलिटी बढ़ाने तक ये योग कैसे मददगार है। तो, आइए जानते हैं पहले इस योग
को करने का तरीका और फिर जानेंगे इसके फायेद।

कैसे करते हैं गत्यात्मक उत्तानपादासन-

गत्यात्मक
उत्तानपादासन संस्कृत के कुछ शब्दों से मिल कर
बना है। जैसे कि उत्तान का अर्थ है उठाया, पद का अर्थ है पैर और आसन का
अर्थ है मुद्रा। यानी कि इन तीनों शब्दों को अर्थों को जोड़ कर समझें तो
इसका मतलब है इस आसान में आपको अपने पैरों को उठा कर रखना है। इसमें आपको
अपने पैरों को हवा में उठा कर रखना है और आगे-पीछे करते हुए चलाना है जैसे
कि शिल्पा शेट्टी कर रही हैं। इसे करने के लिए

-पहले पीठ के बल लेट जाएं और आराम से सांस लें।

-अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ और हथेलियों को नीचे रखें।

-धीमे-धीमे सांस लें और अपने पैर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।

- अब पैरों को फर्श से 45-60 डिग्री के कोण पर सीधा रखें।

-ऊपरी शरीर को फर्श के बराबर में रखें और इसी पोजिशन में कुछ देर रुकें।

-फिर नॉर्मल पॉजिशन पर आ जाएं

गत्यात्मक उत्तानपादासन के फायदे-

शिल्पाशेट्टी
के अनुसार गत्यात्मक उत्तानपादासन करने से शरीर और पेट के निचले हिस्से पर
दबाव पड़ता है जिससे शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
जैसे कि

1. गत्यात्मक उत्तानपादासन पीठ दर्द की समस्या को आसानी से कम करने में मदद कर सकता है। ये रीढ़ की हड्डियों को आराम पहुंचाता है और इनका लचीलापन बढ़ाता है।

2.
गत्यात्मक उत्तानपादासन पेल्विस, कूल्हों, पैरों और पेरिनेम मसल्स को टोन
और मजबूत करता है। इस तरह ये महिलाओं में होने वाली इन समस्याओं में कमी
लाता है।

3. महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने और यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन
को हेल्दी रखने में ये योग बहुत ही फायदेमंद है। यह यूट्रस के मसल्स को
मजबूत करता है और यूटरस खिसकने की समस्या से बचाता है।

4.
ये आसान पाचन तंत्र को सही करता है और मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाने में
मददगार है। इससे खराब मेटाबोलिज्म के कारण आपको मोटापे की समस्या नहीं
होगी।

5. एसिडिटी और बदहजमी जैसी समस्याओं में गत्यात्मक
उत्तानपादासन करना बहुत ही फायदेमंद है। ये पाचक एंजाइम्य को बढ़ावा देता
है और इन तमाम समस्याओं से बचाव में मदद करता है।

6. जिन लोगों को लंबे समय से कब्ज की समस्यारहती
है उनके लिए भी ये योगासन करना बहुत ही फायदेमंद है। ये मेटाबोलिज्म को
तेज करता है और बॉवेल मूवमेंट को सही करता है और मल त्याग को आसान बनाता
है।

7. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की समस्याएं बहुत देखी जाती हैं।
ऐसे में रेगुलर इस योगासन को करना हार्मोनल असंतुलन को सही करने और
हार्मोनल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

8. लंबे समय तक
डेस्क पर बैठ कर काम करना आपको कमर दर्द दे सकता है। ऐसे में इस योग करने
से आपके कंधे और गर्दन की मांसपेशियों को आराम मिलता है और कमर दर्द को कम
करने में मदद मिल सकती है।

10. लिवर किडनी और पैंनक्रियाज के काम काज
को बेहतर बनाने में ये योगासन बहुत ही कारगत तरीके से काम करता है। ये इन
तीनों अंगों के ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है और इनके काम काज को बढ़ावा
देता है।

बस ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान इसे ना
करें। साथ ही, अगर आपको बैक पेन, स्लिप-डिस्क और सर्वाइकल प्रॉब्लम की
समस्या है, तो भी इसे करने से बचें।


बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अपनी फिटनेस के
लिए हमेशा ही जानी जाती है। वे अक्सर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने
फिटनेस वीडियो शेयर करती हैं और लोगों को इसे अपनाने को प्रोत्साहित करती
हैं। खास कर योग को लेकर। 47 साल की उम्र में भी शिल्पा काफी स्ट्रेचबल
योगासनों को कर लेती है जिसमें शरीर के सभी अंग भाग लेते हैं। इसलिए तो इस
उम्र में भी वो इसनी खूबसूरती और हेल्दी हैं। अब उनके हाल ही में आए एक
इंस्टा पोस्ट की बात करें तो, उसमें शिल्पा शेट्टी बहन और अभिनेत्री शमिता
शेट्टी के साथ गत्यात्मक उत्तानपादासन या द
रेज़्ड लेग पोज़ का करती नजर आ रही हैं।

इस
वीडियो में शिल्पा ने ना सिर्फ योग को करने का सही तरीका बताया बल्कि इसमें
उन्होंने इस योगासन को करने के कई फायदे भी बताएं। उन्होंने बताया कि
रोजमर्जा के जीवन में होने वाली विभिन्य स्वास्थ्य समस्याओं से लेकर
फर्टिलिटी बढ़ाने तक ये योग कैसे मददगार है। तो, आइए जानते हैं पहले इस योग
को करने का तरीका और फिर जानेंगे इसके फायेद।

कैसे करते हैं गत्यात्मक उत्तानपादासन-

गत्यात्मक
उत्तानपादासन संस्कृत के कुछ शब्दों से मिल कर
बना है। जैसे कि उत्तान का अर्थ है उठाया, पद का अर्थ है पैर और आसन का
अर्थ है मुद्रा। यानी कि इन तीनों शब्दों को अर्थों को जोड़ कर समझें तो
इसका मतलब है इस आसान में आपको अपने पैरों को उठा कर रखना है। इसमें आपको
अपने पैरों को हवा में उठा कर रखना है और आगे-पीछे करते हुए चलाना है जैसे
कि शिल्पा शेट्टी कर रही हैं। इसे करने के लिए

-पहले पीठ के बल लेट जाएं और आराम से सांस लें।

-अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ और हथेलियों को नीचे रखें।

-धीमे-धीमे सांस लें और अपने पैर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।

- अब पैरों को फर्श से 45-60 डिग्री के कोण पर सीधा रखें।

-ऊपरी शरीर को फर्श के बराबर में रखें और इसी पोजिशन में कुछ देर रुकें।

-फिर नॉर्मल पॉजिशन पर आ जाएं

गत्यात्मक उत्तानपादासन के फायदे-

शिल्पाशेट्टी
के अनुसार गत्यात्मक उत्तानपादासन करने से शरीर और पेट के निचले हिस्से पर
दबाव पड़ता है जिससे शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
जैसे कि

1. गत्यात्मक उत्तानपादासन पीठ दर्द की समस्या को आसानी से कम करने में मदद कर सकता है। ये रीढ़ की हड्डियों को आराम पहुंचाता है और इनका लचीलापन बढ़ाता है।

2.
गत्यात्मक उत्तानपादासन पेल्विस, कूल्हों, पैरों और पेरिनेम मसल्स को टोन
और मजबूत करता है। इस तरह ये महिलाओं में होने वाली इन समस्याओं में कमी
लाता है।

3. महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने और यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन
को हेल्दी रखने में ये योग बहुत ही फायदेमंद है। यह यूट्रस के मसल्स को
मजबूत करता है और यूटरस खिसकने की समस्या से बचाता है।

4.
ये आसान पाचन तंत्र को सही करता है और मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाने में
मददगार है। इससे खराब मेटाबोलिज्म के कारण आपको मोटापे की समस्या नहीं
होगी।

5. एसिडिटी और बदहजमी जैसी समस्याओं में गत्यात्मक
उत्तानपादासन करना बहुत ही फायदेमंद है। ये पाचक एंजाइम्य को बढ़ावा देता
है और इन तमाम समस्याओं से बचाव में मदद करता है।

6. जिन लोगों को लंबे समय से कब्ज की समस्यारहती
है उनके लिए भी ये योगासन करना बहुत ही फायदेमंद है। ये मेटाबोलिज्म को
तेज करता है और बॉवेल मूवमेंट को सही करता है और मल त्याग को आसान बनाता
है।

7. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की समस्याएं बहुत देखी जाती हैं।
ऐसे में रेगुलर इस योगासन को करना हार्मोनल असंतुलन को सही करने और
हार्मोनल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

8. लंबे समय तक
डेस्क पर बैठ कर काम करना आपको कमर दर्द दे सकता है। ऐसे में इस योग करने
से आपके कंधे और गर्दन की मांसपेशियों को आराम मिलता है और कमर दर्द को कम
करने में मदद मिल सकती है।

10. लिवर किडनी और पैंनक्रियाज के काम काज
को बेहतर बनाने में ये योगासन बहुत ही कारगत तरीके से काम करता है। ये इन
तीनों अंगों के ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है और इनके काम काज को बढ़ावा
देता है।

बस ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान इसे ना
करें। साथ ही, अगर आपको बैक पेन, स्लिप-डिस्क और सर्वाइकल प्रॉब्लम की
समस्या है, तो भी इसे करने से बचें।


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