00 लॉकडाउन की अवधि में अतिथि शिक्षकों को मानदेय नहीं
रायपुर। प्रदेश
में शिक्षकों की नियमित भर्ती में देरी पर सोमवार को विधानसभा में जमकर
बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर नियुक्तियों में विलंब
किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहा कि कोविड
की वजह से प्रक्रिया धीमी हुई है। विपक्षी सदस्य जवाब से संतुष्ट नहीं
हुए। उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य डॉ.
कृष्णमूर्ति बांधी ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 1832 विद्यामितानों को शाला
में नियमित शिक्षकों की व्यवस्था होने तक अतिथि शिक्षक के रूप में काम करने
के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षक दुरस्थ इलाकों के स्कूलों
में कार्यरत रखा गया है।
डॉ. बांधी ने अतिथि शिक्षकों को सैलरी नहीं
मिलने का जिक्र किया। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल बंद है,
और पढ़ाई नहीं हो रही है, तो सैलरी नहीं दी जा सकती। स्कूल शिक्षा मंत्री
ने बताया कि 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की भर्ती हो रही है। पूर्व मंत्री
अजय चंद्राकर और अन्य सदस्यों ने नियमित शिक्षकों की नियुक्ति में देरी पर
सवाल किए।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के
लिए 24 जून 2019 को विज्ञापन जारी किए गए थे। जिसमें 3177 व्याख्याता, 5141
शिक्षक और बाकी सहायक शिक्षक व अन्य पद हैं। इसके लिए 14 जुलाई 2019 को
परीक्षा हुई। इसके बाद नतीजे घोषित हुए, और फिर इसके बाद कोविड के कारण
भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप
लगाया कि सरकार जानबूझकर भर्ती प्रक्रिय में देरी कर रही है। इस पूरे मामले
में स्कूल शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से
वॉकआउट कर दिया।
00 लॉकडाउन की अवधि में अतिथि शिक्षकों को मानदेय नहीं
रायपुर। प्रदेश
में शिक्षकों की नियमित भर्ती में देरी पर सोमवार को विधानसभा में जमकर
बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर नियुक्तियों में विलंब
किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहा कि कोविड
की वजह से प्रक्रिया धीमी हुई है। विपक्षी सदस्य जवाब से संतुष्ट नहीं
हुए। उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य डॉ.
कृष्णमूर्ति बांधी ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 1832 विद्यामितानों को शाला
में नियमित शिक्षकों की व्यवस्था होने तक अतिथि शिक्षक के रूप में काम करने
के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षक दुरस्थ इलाकों के स्कूलों
में कार्यरत रखा गया है।
डॉ. बांधी ने अतिथि शिक्षकों को सैलरी नहीं
मिलने का जिक्र किया। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल बंद है,
और पढ़ाई नहीं हो रही है, तो सैलरी नहीं दी जा सकती। स्कूल शिक्षा मंत्री
ने बताया कि 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की भर्ती हो रही है। पूर्व मंत्री
अजय चंद्राकर और अन्य सदस्यों ने नियमित शिक्षकों की नियुक्ति में देरी पर
सवाल किए।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के
लिए 24 जून 2019 को विज्ञापन जारी किए गए थे। जिसमें 3177 व्याख्याता, 5141
शिक्षक और बाकी सहायक शिक्षक व अन्य पद हैं। इसके लिए 14 जुलाई 2019 को
परीक्षा हुई। इसके बाद नतीजे घोषित हुए, और फिर इसके बाद कोविड के कारण
भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप
लगाया कि सरकार जानबूझकर भर्ती प्रक्रिय में देरी कर रही है। इस पूरे मामले
में स्कूल शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से
वॉकआउट कर दिया।